ब्रोमीन टेस्ट
कार्बनिक रसायन में ब्रोमीन परीक्षण (bromine test) असंतुलन (कार्बन-कार्बन द्विबन्ध अथवा [[एल्काइन|त्रिबन्ध) और फिनोल का गुणात्मक परीक्षण है।
किसी अज्ञात पदार्थ के कार्बनिक विलायक में डाइक्लोरोमिथैन अथवा कार्बन टेट्राक्लोराइड के रूप में अल्प मात्रा में तात्विक ब्रोमिन के साथ मिलाया जाता है। पदार्थ में फिनोल और/अथवा असंतुलन की स्थिति में अज्ञात पदार्थ के साथ अभिक्रिया करके ब्रोमिन का गहरा भूरा रंग लुप्त हो जाता है। ब्रोमिन के साथ बने विलयन का रंग श्वेत होना इस बात का सूचक है कि अज्ञात पदार्थ फिनोल था। अधिक असंतुलन की अवस्था ब्रोमिन की अधिक अभिक्रिया को निरूपित करती है और विलयन में कम रंग दिखाई देगा।[१]
भूरे रंग का लुप्त न होना इस बात का द्योतक है कि दिये गये पदार्थ में या तो एल्कीन उपस्थित है जो ब्रोमिन से अभिक्रिया नहीं करती या फिर ब्रोमिन के अभिक्रिया की गति बहुत कम है जिसके लिए पोटेशियम परमैगनेट परीक्षण करना चाहिए जिससे एल्कीन की उपस्थिति अथवा अनुपस्थिति का अनुमान लगाया जा सके।[२]