ब्रोमीन

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सेलेनियमदुराघ्रीक्रिप्टॉन
Cl

Br

I
colspan=2 style="text-align: center; साँचा:elementbox/headers" | दर्शन
वाष्प/ तरल: लाल-भूरा
ठोस: धात्विक चमक
Bromine 25ml.jpg
colspan=2 style="text-align: center; साँचा:elementbox/headers" | सामान्य
नाम, चिह्न, संख्या दुराघ्री, Br, 35
तत्त्व वर्ग हैलोजन
समूह, आवर्त, ब्लॉक 174, p
मानक परमाणु भार 79.904(1) ग्रा•मोल−1
इलेक्ट्रॉन कॉन्फिगरेशन [Ar] 4s2 3d10 4p5
इलेक्ट्रॉन प्रति शेल 2, 8, 18, 7 (आरेख)
colspan=2 style="text-align: center; साँचा:elementbox/headers" | भौतिक गुण
अवस्था तरल
घनत्व (सामान्य तापमान पर) (Br2, तरल) 3.1028 g•cm−3
गलनांक 265.8 K, -7.2 °C, 19 °F
क्वथनांक 332.0 K, 58.8 °C, 137.8 °F
संकट बिंदु 588 K, 10.34 MPa
विलय ऊष्मा (Br2) 10.571 कि.जूल•मोल−1
वाष्पीकरण ऊष्मा (Br2) 29.96 कि.जूल•मोल−1
विशिष्ट ऊष्मा क्षमता (२५ °से.) (Br2)
75.69 जू•मोल−1•केल्विन−1
वाष्प दबाव
P/पास्कल १० १०० १ k १० k १०० k
T/कै. पर 185 201 220 244 276 332
colspan=2 style="text-align: center; साँचा:elementbox/headers" | परमाण्विक गुण
ऑक्सीकरण स्थितियां 7, 5, 4, 3, 1, -1
(तेज अम्लीय ऑक्साइड)
इलेक्ट्रोनेगेटिविटी 2.96 (पाइलिंग पैमाना)
आयनीकरण ऊर्जाएं 1st: 1139.9 कि.जूल•मोल−1
2nd: 2103 कि.जूल•मोल−1
3rd: 3470 कि.जूल•मोल−1
परमाणु त्रिज्या 120 पीको-मी.
संयोजी त्रिज्या 120±3 pm
en:Van der Waals radius 185 pm
colspan=2 style="text-align: center; साँचा:elementbox/headers" | विविध
चुंबकीय क्रम द्विचुम्बकीय[१]
विद्युत प्रतिरोधकता (२० °से.) 7.8&बार;1010Ω•m
तापीय चालकता (300 K) 0.122 W•m−1•K−1
ध्वनि की गति (20°C) 206 मी./सेकिंड
सी.ए.एस पंजी.संख्या 7726-95-6
colspan=2 style="text-align: center; साँचा:elementbox/headers" | सर्वाधिक स्थिर समस्थानिक
मुख्य लेख: दुराघ्री के समस्थानिक
समस्थानिक प्राकृतिक प्रचुरता अर्धायु काल क्षय मोड क्षय ऊर्जा
(MeV)
क्षय उत्पाद
79Br 50.69% 79Br 44 न्यूट्रॉनों के संग स्थिर है।
81Br 49.31% 81Br 46 न्यूट्रॉनों के संग स्थिर है।
colspan=2 style="text-align: center; साँचा:elementbox/headers" | साँचा:navbar

ब्रोमीन आवर्त सारणी (periodic table) के सप्तम मुख्य समूह का तत्व है और सामान्य ताप पर केवल यही अधातु द्रव अवस्था में रहती है। इसके दो स्थिर समस्थानिक (isotopes) प्राप्य हैं, जिनकी द्रव्यमान संख्याएँ 79 और 81 है। इसके अतिरिक्त इस तत्व के 11 रेडियोधर्मी समस्थानिक निर्मित हुए हैं, जिनकी द्रव्यमान संख्याएँ 75, 76, 77, 78, 80, 82, 83, 84, 85, 86 और 88 हैं।

फ्रांस के वैज्ञानिक बैलार्ड ने ब्रोमीन की 1826 ई. में खोज की। इसकी तीक्ष्ण गंध, के कारण ही उसने इसका नाम 'ब्रोमीन' रखा, जिसका अर्थ यूनानी भाषा में 'दुर्गंध' होता है।

ब्रोमीन सक्रिय तत्व होने के कारण मुक्त अवस्था में नहीं मिलता। इसके मुख्य यौगिक सोडियम, पोटैशियम और मैग्नीशियम के ब्रोमाइड हैं। जर्मनी के शटासफुर्ट (Stassfurt) नामक स्थान में इसके यौगिक बहुत मात्रा में उपस्थित हैं। समुद्रतल भी इसका उत्तम स्रोत है। कुछ जलजीव एवं वनस्पति पदार्थो में ब्रोमीन यौगिक विद्यमान हैं।

निर्माण

समुद्र के एक लाख भाग में केवल 7 भाग ब्रोमीन यौगिक के रूप में उपस्थित है, परंतु समुद्र के अनंत विस्तार के कारण उससे ब्रोमीन निकालना लाभकारी है, इस विधि में चार दशाएँ हैं :

(1) क्लोरीन की आक्सीकारक अभिक्रिया द्वारा ब्रोमीन की मुक्ति।

(2) वायु द्वारा विलयन से ब्रोमीन को निकालना।

(3) सल्फ्यूरिक अम्ल द्वारा विलयन से ब्रोमीन तत्व की मुक्ति।

इस क्रिया द्वारा प्राप्त ब्रोमीन को आसवन (distilation) द्वारा शुद्ध करते हैं

गुणधर्म

ब्रोमीन गहरा लाल रंग लिए तीक्ष्ण गंध का द्रव है। इसके वाष्प का रंग लाली लिए भूरा होता है। इसका संकेत (Br), परमाणुसंख्या 35, परमाणु भार 79.909, गलनांक 7.20 सें., क्वथनांक 580 सें., घनत्व 3.12 ग्रा. प्रति घन सेंमी., परमाणुव्यास 2.26 ऐंग्ट्रॉम तथा अयनीकरण विभव 11.84 इलेक्ट्रान वोल्ट (eV) है। ब्रोमीन जल की अपेक्षा कुछ कार्बनिक द्रवों में अधिक विलेय है।

ब्रोमीन के रासायनिक गुण क्लोरीन और आयोडीन के मध्य में हैं। यह तीव्र ऑक्सीकारक पदार्थ है और अनेक तत्वों और यौगिकों से रासायनिक क्रिया करता है। ब्रोमीन और हाइड्रोजन उच्च ताप पर विस्फोट के साथ क्रिया करते हैं तथा हाइड्रोजन ब्रोमाइड बनाते हैं, जिसमें अम्लीय गुण हैं। प्रकाश में ब्रोमीन का विलयन आक्सीकारक विरंजन (bleaching) गुण रखता है। इस क्रिया में हाइपोब्रोमस अम्ल (H Br O), का निर्माण होता है, जो अस्थिर होने के कारण आक्सीजन मुक्त करता है।

Br2 + 2H2O = HBr + HBrO

2HBrO = 2HBr + O

ब्रोमिन अनेक कार्बनिक पदार्थो से क्रिया कर व्युत्पन्न बनाता है।

हाइड्रोब्रोमिक अम्ल, (HBr), ब्रोमिक के अतिरिक्त ब्रोमीन अनेक जारक अम्ल बनाती है, जैसे हाइपोब्रोमस अम्ल, (HBrO), ब्रोमस अम्ल, (HBrO2)। इन अम्लों के लवण प्राप्त हैं, जो रासायनिक क्रियाओं में उपयोगी हुए हैं। ब्रोमीन के अन्य हैलोजन तत्वों के साथ यौगिक प्राप्त हैं, जैसे, (BrCl), (BrF3), (BrF5), (IBr) आदि। आक्सीजन के साथ इसके तीन यौगिक प्राप्त हैं : (Br2O3), (BrO2) और (Br3O8)। गंधक के साथ (S2Br2) यौगिक भी बनता है।

उपयोग

कार्बनिक व्युत्पन्नों के बनाने में ब्रोमीन का बहुत उपयोग हुआ है। एथीलीन ब्रोमाइड, (C2H4Br2) पेट्रोल उद्योग में ऐंटिनॉक (antiknock) के रूप में बहुत आवश्यक यौगिक है। अनेक कीटमारकों के निर्माण में ब्रोमीन का उपयोग होता है। ब्रोमीन के कुछ यौगिक, जैसे दहातु ब्रोमाइड, ओषधि के रूप में और फोटोग्राफी क्रिया में काम आते हैं। चाँदी ब्रोमाइड, (AgBr), प्रकाशसंवेदी (photosensitive) होने के कारण फोटोग्राफी प्लेट एवं कागज बनाने में बहुत मात्रा में काम आता है।

ब्रोमीन विषैला पदार्थ है। इसका वाष्प, आँख, नाक, तथा गले को हानि पहुँचाता है। चर्म पर गिरने पर यह ऊतकों को नष्ट करता है। इस कारण इसके उपयोग में बहुत सावधानी रखनी चाहिए।

सन्दर्भ

  1. Magnetic susceptibility of the elements and inorganic compounds, in Handbook of Chemistry and Physics 81st edition, CRC press.

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