ब्रह्मपुर, बिहार
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शहर | |
बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ का मंदिर | |
उपनाम: बरहपुर | |
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देश | भारत |
राज्य | बिहार |
जिला | बक्सर |
ऊँचाई | साँचा:infobox settlement/lengthdisp |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | १३,७२७ |
• घनत्व | साँचा:infobox settlement/densdisp |
भाषाएँ | |
• प्रशासनिक | हिंदी |
• स्थानीय | भोजपुरी |
वेबसाइट | www |
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ब्रह्मपुर, बिहार के बक्सर जिले में स्थित एक शहर और बहुत प्रसिद्ध हिंदू धार्मिक जगह है। यह मुख्य रूप से भगवान शिव के मंदिर की पौराणिक कथा और उसके पशु मेले के लिए प्रसिद्ध है। देश भर से लोग भगवान शिव के मंदिर में धार्मिक अनुष्ठान के लिए यहां आते हैं।
व्युत्पत्ति
ब्रह्मपुर का अर्थ ब्रह्मा की जगह है। ब्रह्मपुर के आसपास के लोगों का मानना है कि हिंदू भगवान शंकर, शिव लिंग के रूप में स्वयं धरती से बाहर आए हैं। उनका नाम ब्रह्मेश्वर नाथ है। यही कारण है कि गांव का नाम ब्रह्मपुर पडा, जो वास्तविक नाम है। परन्तु ब्रह्मपुर के लोग भोजपुरी बोलते हैं और उन्हें अंग्रेजी का थोडा कम ज्ञान है। अतः कुछ लोग ब्रह्मपुर को ब्रहम्पुर (English: Barhampur & Brahampur) भी लिखते हैं। कुछ लोग भोजपुरी में बरहम्पुर (English: Barahmpur) का भी उपयोग करते हैं। कुछ लोगों का मानना है कि ब्रह्मपुर की स्थापना स्वयं भगवान ब्रह्मा जी ने किया था। परिणामस्वरूप; यह शहर ब्रह्मपुर के नाम से जाना जाने लगा।
पौराणिकी
कहा जाता है कि प्राचीन काल में, मुस्लिम शासक मोहम्मद गज़नी, जब मंदिर को तोड़ने और यहाँ का धन लूटने आया तो, ब्रह्मपुर के लोगों ने उसको चेतावनी दी की अगर वो मंदिर तोड़ेगा तो बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ की तीसरी आँख उसका विनाश कर देगी। गज़नी ने कहा की ऐसे कोई देवता नहीं हैं। अगर हैं, तो मंदिर का प्रवेश द्वार, जो पूरब दिशा में है वो रात भर में पश्चिम में हो जायेगा। अगर ऐसा होता है तो वह मंदिर को छोड़ देगा और कभी मंदिर के पास नहीं आएगा। अगले दिन प्रातः कल जब वो मंदिर का विनाश करने आया तो दंग रह गया। उसने देखा की मंदिर का प्रवेश द्वार पश्चिम की तरफ हो गया है और वो वहा से हमेशा के लिए चला गया।
जनसांख्यिकी
भारत की 2011 की जनगणना के अनुसार, ब्रह्मपुर की जनसंख्या १३,७२७ थी, जिसमे ७३२८ पुरुष और ६३९९ महिलाएं शामिल है और ब्रह्मपुर में घरों की संख्या १९२७ थी।
भूगोल
ब्रह्मपुर 25°35'57" उत्तरी अंक्षाश 84°18'5" पूर्बी देशांतर पर स्थित है। यह रघुनाथपुर, रह्थुआ, निमेज, पुरवा, राम गढ़ इत्यादि छोटे छोटे गांवों से घिरा हुआ है।
परिवहन
ब्रह्मपुर सड़क मार्ग से सीधे पंहुचा जा सकता है। NH 84 यहाँ से हो कर जाता है। रेल द्वारा सीधे पहुंचने योग्य नहीं है। यहाँ का नजदीकी रेलवे स्टेशन रघुनाथपुर है, जो यहाँ से ३ कि॰मी॰ दक्षिण की तरफ है।
अस्पताल
सरकारी अस्पताल, जो ब्रह्मपुर के लिए बना था वो रघुनाथपुर में स्थित है। यहाँ प्राथमिक उपचार होता है। ब्रह्मपुर में कई प्राइवेट अस्पताल है।
शिक्षा
बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ उच्च विद्यालय में कक्षा ६ से कक्षा १० तक शिक्षा प्राप्त की जाती है। इसके अलावा, दो सरकारी प्राथमिक विद्यालय और तीन ऊपरी मध्य विद्यालय और 10 प्राइवेट स्कूल हैं।
पर्यटन
ब्रह्मपुर धार्मिक पर्यटन का एक लोकप्रिय केंद्र है। आरा (भोजपुर) जिला, बल्लिया जिला और छपरा जिला से कई लोग यहाँ पर भगवान शिव की पुजा अराधना करने के लिए आते हैं। बहुत सारे लोग यहाँ पर शादी करने करने के लिए भी आते हैं। ब्रह्मपुर के लोग पशु मेला का आयोजन करते हैं। बिहार और उत्तर प्रदेश के किसान खेती और पशुपालन के लिए जानवरों को खरीदने के लिए यहां आते हैं। फाल्गुनी पशु मेला बिहार और उत्तर प्रदेश में बहुत प्रसिद्ध है, जो हिन्दू के फाल्गुन माह में होता है। १ समय में, घोड़े, हाथी और ऊंट मेले में ख़रीदे और बेचे जाते थे।
अर्थव्यवस्था
ब्रह्मपुर के लोग मुख्य रूप से कृषि के पर और बहुत कम हद तक पर्यटन पर आश्रित हैं। कुछ लोग यहाँ से बाहर काम की तलाश में जाते हैं।
भाषाएँ
ब्रह्मपुर में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा भोजपुरी है। हिंदी यहाँ की प्रशासनिक भाषा है। उर्दू और अंग्रेजी का बहुत ही कम उपयोग होता है।
बाहरी कड़ियाँ
- Official website
- ब्रह्मपुर ब्लाक के बारे मेंसाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link]
- ब्रह्मपुर का अवलोकन
- ब्रह्मपुर की जनसंख्यासाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link]
- ब्रह्मपुर का निर्देशांक
- नेशनल हाईवे नो. ८४
- ब्रह्मपुर का अस्पताल और विद्यालयसाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link]