बेंजोइक अम्ल
बेंज़ोइक अम्ल (Benzoic Acid) ऐरोमेटिक कार्बोक्सिलिक अम्ल है। यह हलके, रंगहीन, चमकदार, क्रिस्टलीय चूर्ण के रूप में प्राप्य है। इसका सूत्र (C6H5 COOH), गलनांक 122.4 डिग्री सेल्सियस और क्वथनांक 250 डिग्री सेल्सियस है।
इसका अधिक महत्व का उपयोग खाद्य पदार्थों के परिरक्षण में है। चटनियों, अचार, मुरब्बे, फल फूलों के रस, शरबत आदि तथा डिब्बे और बोतलां में बंद परिरक्षित आहारों को सड़ने, किण्वन और खराब होने से बचाने के लिए उनके साथ थोड़ी मात्रा में सोडियम बेंज़ोएट डाला जाता है और इसके इस उपयोग में वैधानिक आपत्ति भी नहीं है।
जल में अल्प विलेय, किंतु ईथर और ऐल्कोहॉल में अपेक्षाकृत सुगमता से विलेय है।
निर्माण
बेंज़ोइक अम्ल प्रकृति में स्वतंत्र रूप से, या संयुक्त अवस्था में लोबान (Gum benzoin) में और कई प्रकार के बाल्समों में पाया जाता है। औद्योगिक स्तर पर व्यापारिक बेंज़ोइक अम्ल का निर्माण अनेक विधियों से किया जाता है, जैसे
- (1) बेंजों-ट्राइक्लोराइड (C6H5. CCI3) के जलविश्लेषण से, जिसमें लोहचूर्ण और चूना उत्प्रेरक के रूप में प्रयुक्त होते हैं,
- (2) भाप और जिंक ऑक्साइड की उपस्थिति में थैलिक ऐनहाइड्राइड से थैलिक अम्ल बनाकर, उसका डीकार्बोक्सिलेशन से तथा
- (3) मैंगनीज़ डाइऑक्साइड एवं सल्फ्यूरिक अम्ल से, या कोबाल्ट उत्प्रेरक के समक्ष हवा से, टॉलूईन के ऑक्सीकरण से।
इस अम्ल की रासायनिक सक्रियता अपेक्षाकृत कम होने के कारण रासायनिक संश्लेषण में उसकी उपादेयता सीमित है। इसके सीधे (प्रत्यक्ष) क्लोरीकरण से पैरा-क्लोरोबज़ोइक अम्ल और अल्प मात्रा में 2, 5- और 3, 4- डाइक्लोरो बेंज़ोइक अम्ल बनाए जाते हैं। सल्फ्यूरिक और नाइट्रिक अम्लों के मिश्रण द्वारा सीधा नाइट्रेशन करने से साधारण ताप पर मेटा-नाइट्रो-बेंज़ोइक अम्ल और ऊँचे ताप पर 3, 5- डाइनाइट्रोबेंज़ोइक अम्ल बनते हैं।
उपयोग
बेंज़ोइक अम्ल तंबाकू संसाधन (curing) के लिए और छींट छपाई (calicoprinting) में प्रयुक्त होता है। इसके अनेक संजात, जैसे सोडियम बेंज़ोएट, एस्टर और बेंज़ोइल क्लोराइड महत्व के और उपयोगी पदार्थ हैं। सोडियम बेंज़ोएट ओषधि में प्रयुक्त होता है। इसका अधिक महत्व का उपयोग खाद्य पदार्थों के परिरक्षण में है। चटनियों, अचार, मुरब्बे, फल फूलों के रस, शरबत आदि तथा डिब्बे और बोतलां में बंद परिरक्षित आहारों को सड़ने, किण्वन और खराब होने से बचाने के लिए उनके साथ थोड़ी मात्रा में सोडियम बेंज़ोएट डाला जाता है और इसके इस उपयोग में वैधानिक आपत्ति भी नहीं है। फ़ॉर्मैल्डिहाइड, सोडियम मेटाबाइसल्फाइट और बोरिक अम्ल इत्यादि आपत्तिजनक खाद्य परिरक्षकों से यह श्रेष्ठ है और शरीर के लिए हानिकारक भी नहीं है। शरीर से इसका उत्सर्जन हिप्यूरिक अम्ल, (C6H5। CO. NH. CH2। COOH) के रूप में होता है। सोडियम बेंज़ोएट के ऊपर बताए गए उपयोग, इसकी अणुजीवों की वृद्धि-निरोध-क्षमता पर निर्भर हैं, इसलिए यह भेषजीय निर्माणों में और सौंदर्य प्रसाधनों में भी प्रयुक्त होता है।
बेंज़ोइक अम्ल के एस्टर सुंगधित होते हैं और सुगंध (इत्र, तैल इत्यादि) तथा औषधिनिर्माण में प्रयुक्त होते हैं। बेंज़िल बेंज़ोएट इस समूह का सर्वाधिक महत्वपूर्ण पदार्थ है और उद्वेष्टरोधी (antispasmodic) तथा पूतिरोषधी (antiseptic) ओषधियाँ और सुगंधित प्रसाधन बनाने में प्रयुक्त होता है।
बेंज़ोइल क्लोराइड, (C6H5। CO. CI), बेंज़ोइक अम्ल का संजात है। यह सोडियम बेंज़ोएट, या बेंज़ोइक अम्ल से फ़ॉस्फ़ोरस पेंटाक्लोराइड की अभिक्रिया द्वारा बनाया जाता है। संश्लेषणात्मक रासायनिक क्रियाओं में इसका महत्वपूर्ण योगदान है और रासायनिक प्रयोगशालाओं में अभिकर्मक के रूप में विशेष रूप से उपयोगी है।