ब॰ व॰ कारन्त

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
(बी.वी. कारंत से अनुप्रेषित)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.

बी.वी. कारंत (बाबु कोडि वेंकटरामन कारंत, जन्म:19 सितम्बर 1929; निधन:1 सितम्बर 2002)- भारत के सुप्रसिद्ध रंगकर्मी, निर्देशक, अभिनेता, लेखक, फिल्म निर्देशक और संगीतकार थे। कारन्त आधुनिक भारतीय रंगमंच और कन्नड़ की नई लहर सिनेमा के अग्रदूतों में से थे। नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में अध्ययन और बाद मे उसके निदेशक बने। बहुत सारे नाटकों और कन्नड़ फिल्मों का निर्देशन किया। भारत सरकार ने उन्हे पद्मश्री से सम्मानित किया। कारन्त जी ने गिरीश कर्नाड द्वारा रचित तुगलक का हिन्दी अनुवाद भी किया। प्रमुख भारतीय निर्देशको - इब्राहीम अलकाजी, प्रसन्ना, अरविन्द गौड़ और दिनेश ठाकुर ने तुगलक का अलग- अलग तरीके से प्रभावी व यादगार निर्देशन किया हैं। गिरीश कर्नाड के हयवदन नाटक का स्व. बी.वी. कारंत द्वारा निदेशन आज भी याद किया जाता है। ब.व. कारंत या बी.वी.कारंत को लोग ‘बाबा’ कारंत कहकर बुलाते थे।

जीवनी

बी.वी.कारंत का जन्म कर्नाटक के दक्षिणा कन्नड जिले के बंटवाल ताल्लुक के मांची गांव में हुआ। तीसरी कक्षा में उन्होंने पी.के.नारायण के निर्देशन में नाना गुपाला नामक नाटक में अभिनय किया। कारंत ने कम उम्र में ही घर से भाग कर कर्नाटक की गुब्बी वीरन्ना नाटक कंपनी में काम किया। गुब्बी वीरन्ना ने बाद में कारंत को स्नातकोत्तर की शिक्षा के लिए बनारस भेजा। वहा उन्होने गुरु ओन्कार नाथ ठाकुर से हिन्दुस्तानी संगीत का प्रशिक्षण लिया।

उन्होंने 1962 मे नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। 1969 और 1972 के बीच उन्होंने सरदार पटेल विद्यालय, नई दिल्ली में एक नाटक प्रशिक्षक के रूप में काम किया जिसके बाद कुछ बंगलूर लौट गये। 1977 मे एनएसडी के निदेशक बने। एनएसडी के निदेशक के रूप में अपने कार्यकाल के बाद वह् 1981-86 की अवधि के दौरान भारत भवन के रंगमंडल के निदेशक रहे। 1989 में कर्नाटक सरकार के निमंत्रण पर उन्होंने बैंगलोर में रंगायन संस्था कायम की। भारत भवन और रन्गायन के साथ उन्होने काफी महत्वपूर्ण कार्य किया। उन्होंने अपनी पत्नी प्रेमा कारंत के साथ बेनका नामक रंग संस्था भी कायम की।

प्रमुख निर्देशित नाटक

उन्होंने कन्नड सहित हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, पंजाबी, तेलगु, मलयालम आदि के लगभग सौ से ज्यादा नाटकों का निर्देशन किया। उन्होंने सबसे ज़्यादा जयशंकर प्रसाद के नाटकों को मंचित किया। उनके प्रमुख निर्देशित नाटको मे भारतेन्दु हरिश्चंद्र का नाटक अन्धेर नगरी, हयवदन, मृच्छकटिकम्, स्कंदगुप्त, किंग लियर, मालविकाग्निमित्र, घासीराम कोतवाल, जो कुमार स्वामी, एवं इंद्रजीत, बरनम वन (मेकबेथ का रघुवीर सहाय द्वारा रूपांतर), ईडीपस, मुद्राराक्षस, चंद्रहास, संक्रांति, बाबू जी आदि शामिल हैं। बच्चों के साथ भी उन्होंने कई नाटक निर्देशित किये।

फिल्म

कारंत ने चार फीचर और चार ही डाक्यूमेंट्री फिल्मों का निर्देशन और लगभग दो दर्जन फिल्मों में संगीत दिया है। गिरीश कर्नाड के साथ 'वंशवृक्ष' और 'तब्बलियु नीनादे मागने' जैसी फिल्मों का निर्देशन भी किया।

सम्मान

  • पद्मश्री,1981
  • कालिदास सम्मान (मध्य प्रदेश)
  • संगीत नाटक अकादमी सम्मान, 1976
  • गुब्बी वीरण्णा सम्मान (कर्नाटक)
  • राष्ट्रीय फिल्म सम्मान - सर्वश्रेष्ठ फिल्म, 1976
  • राष्ट्रीय फिल्म सम्मान - सर्वश्रेष्ठ फिल्म संगीत, 1978

सन्दर्भ

साँचा:reflist

चित्र:https://web.archive.org/web/20160828215219/https://commons.wikimedia.org/wiki/File:Jokumaraswamy-calcutta.jpg बि वी कार्ंत