बीटिंग रिट्रीट
बीटिंग द रिट्रीट भारत के गणतंत्र दिवस समारोह की समाप्ति का सूचक है। इस कार्यक्रम में थल सेना, वायु सेना और नौसेना के बैंड पारंपरिक धुन के साथ मार्च करते हैं। यह सेना की बैरक वापसी का प्रतीक है। गणतंत्र दिवस के पश्चात हर वर्ष 29 जनवरी को बीटिंग द रिट्रीट कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।[१] समारोह का स्थल रायसीना हिल्स और बगल का चौकोर स्थल (विजय चौक) होता है जो की राजपथ के अंत में राष्ट्रपति भवन के उत्तर और दक्षिण ब्लॉक द्वारा घिरे हुए हैं। बीटिंग द रिट्रीट गणतंत्र दिवस आयोजनों का आधिकारिक रूप से समापन घोषित करता है।
कार्यक्रम
सभी महत्वपूर्ण सरकारी भवनों को 26 जनवरी से 29 जनवरी के बीच रोशनी से सुंदरता पूर्वक सजाया जाता है। हर वर्ष 29 जनवरी की शाम को अर्थात गणतंत्र दिवस के बाद अर्थात गणतंत्र की तीसरे दिन बीटिंग द रिट्रीट आयोजन किया जाता है।[२] यह आयोजन तीन सेनाओं के एक साथ मिलकर सामूहिक बैंड वादन से आरंभ होता है जो लोकप्रिय मार्चिंग धुनें बजाते हैं। ड्रमर भी एकल प्रदर्शन (जिसे ड्रमर्स कॉल कहते हैं) करते हैं। ड्रमर्स द्वारा एबाइडिड विद मी (यह महात्मा गाँधी की प्रिय धुनों में से एक कहीं जाती है) बजाई जाती है और ट्युबुलर घंटियों द्वारा चाइम्स बजाई जाती हैं, जो काफ़ी दूरी पर रखी होती हैं और इससे एक मनमोहक दृश्य बनता है। इसके बाद रिट्रीट का बिगुल वादन होता है, जब बैंड मास्टर राष्ट्रपति के समीप जाते हैं और बैंड वापिस ले जाने की अनुमति मांगते हैं। तब सूचित किया जाता है कि समापन समारोह पूरा हो गया है। बैंड मार्च वापस जाते समय लोकप्रिय धुन सारे जहाँ से अच्छा बजाते हैं। ठीक शाम 6 बजे बगलर्स रिट्रीट की धुन बजाते हैं और राष्ट्रीय ध्वज को उतार लिया जाता हैं तथा राष्ट्रगान गाया जाता है और इस प्रकार गणतंत्र दिवस के आयोजन का औपचारिक समापन होता हैं।[३]
अवरोध
वर्ष 1950 में भारत के गणतंत्र बनने के बाद बीटिंग द रिट्रीट कार्यक्रम को अब तक दो बार रद्द करना पड़ा है, 27 जनवरी 2009 को वेंकटरमन का लंबी बीमारी के बाद आर्मी रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल में निधन हो जाने के कारण बीटिंग द रिट्रीट कार्यक्रम रद्द कर दिया गया।[४] वह देश के आठवें राष्ट्रपति थे और उनका कार्यकाल 1987 से 1992 तक रहा। इससे पहले 26 जनवरी 2001 को गुजरात में आए भूकंप के कारण बीटिंग द रिट्रीट कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया था।[५] अभिनंदन को पाकिस्तानी सेना ने 27 फ़रवरी 2019 को अपने कब्ज़े में ले लिया था जब वो विमान गिरने के बाद पैराशूट से पाकिस्तानी इलाक़े में नीचे आए.भारत के जाबांज योद्धा ने अत्याधुनिक विमान f-16 को मार गिराया और अंतररष्ट्रीय संधि के अनुसार कोई भी देश किसी अन्य देश के सैनिक के साथ अमानवीय व्यवहार नहीं कर सकता। इसके एक दिन बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने उन्हें भारत के हवाले करने का एलान किया था. उन्हें वाघा-अटारी सीमा पर भारत को सौंपा जाएगा. वाघा-अटारी सीमा पर शुक्रवार शाम को होने वाला बीटिंग रिट्रीट समारोह रद्द कर दिया गया है. अमृतसर के डीसी शिवदुलार सिंह ढिल्लों ने बताया कि भारतीय अर्धसैनिक बल बीएसएफ़ ने आज होने वाले समारोह को रद्द करने का फ़ैसला किया है. भारत के वीर सपूत वायु सेना के पायलट पर पूरे हिन्दुस्तान पर गर्व है जय हिन्द
बाहरी कड़ियाँ
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ http://hindi.oneindia.in/news/2009/01/27/1233023655.html
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ http://hindi.oneindia.in/news/2009/01/27/1233023655.html