बिहु त्योहार
बिहु (असमिया : বিহু) असम के तीन अलग सांस्कृतिक उत्सवों के एक समूह को दर्शाता है और दुनिया भर के असमी प्रवासी इसे धूमधाम से मनाते हैं। यद्यपि वे प्राचीन संस्कार और प्रथाओं को उनके मूल मानते है हालांकि उन लोगो ने निश्चित शहरी सुविधाओं को अपना लिया है और हाल की दशकों में शहरी और लोकप्रिय त्योहार बन गए हैं। उनमें से एक में अप्रैल में मनाये जाने वाले असमिया नव वर्ष भी शामिल है। बिहु शब्द बिहु नृत्य और बिहू लोक गीत दोनो की और संकेत करते है। रोंगाली बिहु या बोहाग बिहु असम का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। बिहु असम के सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार है, जो सभी असमियों द्वारा बहुतायत में मस्ती के साथ मनाया जाता है बिना उनके जाति, धर्म और विश्वास में भेद किये।[१]
बिहु शब्द दिमासा लोगों की भाषा से ली गई है जो की प्राचीन काल से एक कृषि समुदाय है। उनकी सर्वोच्च देवता ब्राई शिबराई या पिता शिबराई हैं। मौसम की पहली फसल अपनी शांति और समृद्धि की कामना करते हुए ब्राई शिबराई के नाम पर अर्पित किया जाता हैं। तो 'बि' मतलब 'पुछना' और 'शु' मतलब पृथ्वी में 'शांति और समृद्धि' हैं। अत: शब्दै बिशु धीरे-धीरे भाषाई तहजीह को समायोजित करने के लिये बिहु बन गया। अन्य सुझाव यह हैं कि 'बि' मतलब 'पुछ्ना' और 'हु' मतलब 'देना' और वही से बिहु नाम उत्पन्न हुआ। यह " कलागुरु " विष्णु प्रसाद राभा द्वारा कहा गया था। असम में रोंगाली बिहू बहुत सारे परंपराओं से ली जाती हैं जैसे की- बर्मी-चीन, ऑस्ट्रो - एशियाटिक, हिंद-आर्यन- और बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता हैं। त्योहार अप्रैल के मध्य में शुरू होता हैं और आम तौर पर एक महीने के लिए जारी रह्ता हैं। यह पारंपरिक नव वर्ष है। इसके अलावा दो और बिहु हैं: अक्टूबर में कोंगाली बिहु (सितम्बर विषुव के साथ जुड़े) और जनवरी में भोगाली बिहु[२] (जनवरी संक्रांति से जुड़े)। अधिकांश अन्य भारतीय त्योहारों की तरह, बिहू (तीनों ही) खेती के साथ जुड़ा हुआ हैं, जैसे की पारंपरिक असमिया समाज मुख्य रूप से कृषि पर ही निर्भरीत हैं। वास्तव में, वैसा ही बहुत सारे उत्सब लगभग उसी वक्त पे पुरे भारतबर्श में मनाया जाता हैं।
तीन बिहु
असम में एक साल में तीन बिहु मनाया जाता हैं[३] बोहाग (बैसाख, अप्रैल के मध्य), माघ (जनवरी के मध्य में) और काटी (कार्तिक, अक्टूबर के मध्य) के महीनों में। बिहु प्राचीन काल से असम में मनाया जा रहा हैं। प्रत्येक बिहु खेती कैलेंडर में एक विशिष्ट चरण के साथ मेल खाता हैं। सबसे महत्वपूर्ण और तीन बिहू उत्सव में सब्से रंगीन हैं वसंत महोत्सव "बोहाग बिहू" या रोंगाली बिहू जो कि अप्रैल के मध्य में मनाया जाता हैं। यह उत्सब कृषि सीज़न की शुरुआत को भी दर्शाता हैं। बिहु असम कि सभी भागो में और सभी जाति-जनजाति और धर्म के लोगो द्वारा मनाया जाता हैं। प्रत्यक्षतया यह कहा जा सकता हैं कि बिहु एक धर्मनिरपेक्ष त्योहार हैं जो भीन्न जाति और धर्म के बीच मानवता, शांति और भाईचारा लाता हैं।
असम के मेले
- अम्बुबाशी मेला
- परशुराम मेला
- दोल जात्रा मेला
- अशोकष्टमी मेला
- सड़क पुजा मेला
- राख मेला
बिहु नृत्य में प्रयुक्त उपकरण
ढोल (ड्रम)
ताल
पेपा (भैंस के सींग से बना एक वाद्य यंत्र)
टोका
बाँहि (बांसुरी)
क्शुतुली
गोगोना
अन्य स्थानों पर बिहु
बिहु विदेशों में भी मनाया जाता हैं। कई बिहु संघों/समितियों विदेशों में भी मौजूद हैं जहाँ बड़े ही उत्साह से यह त्योहार मनाया जाता हैं। लंदन बिहु समिति (एलबीसी), ब्रिटेन उनमें से एक है।[४]
सन्दर्भ
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- ↑ साँचा:cite web
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https://web.archive.org/web/20130506042943/http://focusa2z.com/digitization-of-culture-and-modern-bihu-in-assam/ Modern Bihu in Assam
Khatun, Shazida (2012-04-10). "TOP TENS OF INDIAN EVERGREEN SONGS: All Time Best Bihu Song With History of Bihu Festival Of Assam Which Has No Cast Religion Bar". Bollywoodevergreen10.blogspot.in. Retrieved 2012-12-19.
Goswami 1988, pp7-8
Celebrating Nature's Bounty - Magh Bihu, Efi-news.com
Sankalp India Foundation. "Bihu: A celebration of Assamese culture | Sankalp India Foundation". Sankalpindia.net. Retrieved 2012-12-19.
Das, Debendra Prasad Rongali Bihu through the ages, The Assam Tribune, April 14, 2007.
Dowerah, Sawpon Rongali Bihu-the spring festival of Assam, The Assam Tribune, April 14, 2007.
Goswami, Prafulladatta (1988) Bohag Bihu of Assam and Bihu songs, Publication Board, Assam.