2017 बिहार बाढ़

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उत्तर बिहार बाढ़ 2017
चित्र:Kishanganj 2017 north bihar flood.jpg
स्थान साँचा:flagicon उत्तर बिहार ,भारत
मृत्यु 514

2017 बिहार बाढ़ ने उत्तर बिहार के 19 जिलों को प्रभावित किया, जिससे 514 लोगों की मौत हो गई। [१][२] इस बाढ़ से 1 करोड़ 71 लाख लोग प्रभावित हुए। इस बाढ़ ने मरने वालों की संख्या में पिछले नौ वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया।[३] बाढ़ से 8.5 लाख लोगों के घर टूट गए थे और करीब 8 लाख एकड़ फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई थी।[४] उत्तर बिहार में 700 किलोमीटर स्टेट हाईवे और डेढ़ दर्जन नेशनल हाईवे बाढ़ से क्षतिग्रस्त हो गए थे। रोड बर्बाद होने से करीब 1000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।

बिहार भारत का सबसे अधिक बाढ़ प्रभावित राज्य है,[५] जिसमें 76% आबादी ऐसी जगह पर रहती है, जहाँ बाढ़ का पानी कभी भी तबाही मचा सकता है। ऐसी तबाही सामान्यतः मानसून के समय भारी वर्षा के कारण होती है। [६] बिहार सरकार ने इस बाढ़ से मरने वाले जानवरों की संख्या 192 बताई है। 8.5 लाख से अधिक लोगों ने अपने घरों को खो दिया है, अररिया जिले में अकेले 2.2 लाख बेघर लोगों का हिस्सा है।[७] इस बाढ़ के कारण पूर्वमध्य रेलवे को ₹47 करोड़ रुपये का नुक्सान हुआ, जिसमें ₹26 करोड़ सामानों के नष्ट होने के कारण और बाकी का नुकसान ट्रेन रद्द होने के कारण हुआ।

बाढ़ प्रभावित क्षेत्र

बाढ़ से उत्तर बिहार के 19 जिले- किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, दरभंगा, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, सीतामढी, शिवहर, समस्तीपुर, गोपालगंज, सारण, सिवान, सुपौल, मधेपुरा, सहरसा एवं खगड़िया प्रभावित हैं।[८] अररिया जिले में अकेले 95 मौतें हुई,[९][१०] इसके बाद सीतामढ़ी (43), पश्चिम चंपारण (36), कटिहार (40), पूर्वी चंपारण (1 9), 22 की मौत मधुबनी, सुपौल (13), समस्तीपुर(1) और मधेपुरा (15)। [११] किशनगंज में 24 लोगों की मृत्यु हुई, जबकि दरभंगा में 1 9 लोगों की मृत्यु हुई, पूर्णिया (9), गोपालगंज (9), शिओहर (4), मुजफ्फरपुर (7) और सहरसा (4) ने चार लोगों की मौत दर्ज की, जबकि खगरिया और सारण ने 7 लोगों की मौत की थी। से प्रत्येक। बिहार में बाढ़ से मौत का नौ साल का रिकॉर्ड टूटा, 514 की मौत।[१२][१३] पूर्णिया प्रमंडल (अररिया, कटिहार, किशनगंज और पूर्णिया) के चार जिलों में मारे गए लोगों की मौत 160 लोगों की मौत।[१४] बिहार सरकार ने राज्य में पशुओं की 192 मृत्यु दर्ज की; उसने प्रत्येक दुधारू गाय और भैंस के नुकसान के लिए ₹ 30,000 और बकरी के लिए 3,000 रुपये का मुआवजा की घोषणा की।[१५]

नेपाल से छोड़े गए पांच लाख क्यूसेक पानी के कारण सारण जिले के 8 प्रखंडों- पानापुर, तरैया, मशरक, अमनौर, दरियापुर, मकेर, परसा एवं मढ़ौरा प्रखंड - की 44 पंचायतें के 168 गांवों में बाढ़ से पूरी तरह प्रभावित है।[१६][१७][१८] इन पंचायतों के करीब 2.12 लाख की आबादी बाढ़ के चपेट में आ गई है।[१९]

बिहार में बाढ़ के कारण पूर्वमध्य रेलवे (ईसीआर) विभाग को 47 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जिसमें रेलवे की संपत्ति के बुनियादी ढांचे के नुकसान में 26.60 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जबकि रेलगाड़ियों को रद्द करने के कारण यात्री आय में 20 करोड़ रुपये से अधिक की कमी हुई है।[२०][२१]

राहत कार्य

एनडीआरएफ की 28 टीम 1152 जवानों एवं 118 वोट के साथ, एसडीआरएफ की 16 टीम 446 जवानों एवं 92 वोट के साथ तथा सेना की 7 कालम 630 जवानों और 70 बोट के साथ बचाव एवं राहत कार्य में जुटी हुई हैं। कुल 2219 सामुदायिक रसोईघर चलाए जा रहे हैं जिसमें 481005 लोगों को भोजन कराया जा रहा है। 26 अगस्त 2017 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्णिया प्रमंडल के चार जिलों के हवाई सर्वेक्षण के बाद बिहार के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए 500 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता की घोषणा की और पीएम राहत निधि से प्रत्येक मृतक के अगले रिश्तेदारों को रु 2 लाख का पूर्व अनुग्रह।[२२][२३] केन्द्रीय टीम द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के आधार पर केंद्र अंततः बाढ़ राहत उपायों के लिए और अधिक धनराशि को मंजूरी देगा। मध्यप्रदेश, गुजरात और झारखंड ने बिहार बाढ़ राहत निधि में प्रत्येक को 5 करोड़ रूपये का दान दिया।[२४][२५][२६] 29 अगस्त 2017 को, बिहार कैबिनेट ने राज्य में बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत और बहाली के काम के लिए बिहार की आकस्मिकता कोष के तहत 1,935 करोड़ रुपये स्वीकृत किए:[२७]

  • बाढ़ प्रभावित परिवारों को राहत राशि का भुगतान और अलग-अलग विकलांग व्यक्तियों- 900 करोड़ रुपये
  • खाद्य सामग्री की आपूर्ति - 947 करोड़ रुपये
  • मृतक के रिश्तेदारों को पूर्व-अनुग्रह भुगतान - 8 करोड़ रु
  • पुनर्वास - 50 करोड़ रुपये
  • बाढ़ में क्षतिग्रस्त घरों की मरम्मत - 10 करोड़ रुपये
  • कृषि इनपुट ऋण - 20 करोड़ रुपये

बिहार कैबिनेट ने 400 लोगों की मौत की राशि मंजूर की थी। हर बाढ़ प्रभावित व्यक्ति को 6,000 रुपये अनावश्यक राहत के रूप में दिए जाएंगे। धन लाभार्थियों के बैंक खातों में जमा किया जाएगा।[२८] बिहार के बाढ़ पीड़ितों के लिए आराम से राहत कार्यों के लिए आमिर खान ने बिहार के मुख्यमंत्री राहत सहायता को 25 लाख रूपये का दान दिया।[२९] सारण में प्रत्येक मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख की अनुग्रह अनुदान की राशि देने की कार्रवाई की जा रही है।[१६][१९] सारण जिले के आठ प्रखंडों में आई बाढ़ से करीब 12 हजार हेक्टेयर की धान, गन्ना, सब्जी, अरहर, उरद, मुंग व मडुआ के अलावा गन्ने की फसल बर्बाद हुई है। जिन किसानों का फसल बर्बाद हुई है उन किसानों को सरकार मुआवजा देगी। ¨सचित भूमि के फसल के लिए 13,500 रुपये तथा अ¨सचित भूमि के फसल के लिए 6800 रुपये मुआवजा दिया जाएगा।[३०]

बिहार सरकार ने बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए केन्द्र को 7,363.51 करोड़ रुपये का मेमोरेंडम भेजा था।[३१] अक्टूबर 2017 में बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लेने केंद्र की टीम बिहार पहुंची।[३२] मई 2018 तक, बिहार को मुआवजे के रूप में 7,636 करोड़ रुपये की मांग के खिलाफ केंद्र सरकार से 1,200 करोड़ रुपये मिले हैं।[३३]

सन्दर्भ

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बाहरी कड़ियाँ