बागान श्रम अधिनियम, 1951

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.

बागान श्रम अधिनियम, 1951 बागान श्रमिकों के कल्‍याण की व्‍यवस्‍था करता है और बागानों में कार्य परिस्थितियों को विनियमित करता है। अधिनियम के अनुसार बागान शब्‍द का अर्थ है कोई भी बागान, जिसके लिए यह अधिनियम चाहे पूर्ण रूप से या आंशिक रूप से प्रयोज्‍य होता है और इसमें कार्यालय, अस्‍पताल, दवाखाना, स्‍कूल और अन्‍य कोई परिसर ऐसे बागानों में संबंधित किसी प्रयोजन के लिए प्रयुक्‍त होता है, शामिल हैं परन्‍तु इसमें परिसर में कोई फैक्‍टरी शामिल नहीं होती है, जिसके लिए फैक्‍टरी अधिनियम 1948 के प्रावधान प्रयोज्‍य होते हैं।

यह अधिनियम श्रम मंत्रालय द्वारा अपने औद्योगिक सम्‍पर्क प्रभाग के माध्‍यम से प्रशासित होता है। प्रभाग का संबंध विवादों के निपटान और औद्योगिक संबंध से संबंधित श्रम कानूनों में संशोधन करन के लिए संस्‍थागत ढांचा सुधारने से है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि देश को स्थिर, सम्‍मानित और सक्षम कार्य बल जो शोषण मुक्‍त हो और उच्‍च स्‍तरीय प्रतिफल देने में सक्षम हो, दिलाने के प्रयास में केन्‍द्रीय औद्योगिक संबंध तंत्र के निकट समन्‍वयन में कार्य करता है|

बाहरी कड़ियाँ

https://web.archive.org/web/20140728023645/http://indiacode.nic.in/rspaging.asp?tfnm=195235

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ