बांग्लादेश के संघ परिषद

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संघ परिषद या यूनियन परिषद, बांग्लादेश में सबसे निचले स्थर के स्थानीय ग्राम्य प्रशासनिक निकाय हैं।[१] एक संघ परिषद में अमूमन 9 "वार्डों" को मिलाकर बनता है, जिसमे सामान्यतः एक ग्राम को एक वार्ड के रूप में माना जाता है। प्रत्येक परिषद में 12 पार्षद होते हैं, जिनमे से 3 महिला सदस्य होतीं हैं। यह परिषद एक अध्यक्ष का कुनाव करती हैं जो इस परिषद का प्रमुख होता है।[२] प्रत्येक संघ परिषद या यूनियन की भौगोलिक सीमाओं के निर्धारण संबंधित अधिकार, जिले के उपायुक्त (डिप्टी कमिश्नर) के पास होता हैं। संघ परिषद क्षेत्र में कृषि, औद्योगिक तथा सामाजिक विकास के लिए मुखी रूप से उत्तरदायी होते हैं। इन परिषदों को उनके कर्तव्यों के निर्वहन के लिए विभिन्न अधिकार तथा वित्तीय स्रोत प्रदान किये गए हैं।

इतिहास

चुनाव

12 सदस्यों में से नौ सामान्य सदस्य और तीन महिला सदस्य होती हैं। अध्यक्ष और सदस्यों का चुनाव हर पांच साल में वयस्क मताधिकार के आधार पर प्रत्यक्ष चुनाव द्वारा किया जाता है। महिलाओं के लिए आरक्षित तीन स्थानों का चुनाव भी, हर तीन वार्डों पर एक महिला के अनुपात में, प्रत्यक्ष मतदान द्वारा किया जाता है। अध्यक्ष और सदस्य उम्मीदवारों का बांग्लादेशी नागरिक होना और उनका नाम नाम संबंधित संघ या वार्ड की मतदाता सूची में होना अनिवार्य है। संघ परिषदों के आम चुनाव भी बांग्लादेश चुनाव आयोग द्वारा आयोजित किए जाते हैं। संघ परिषद के अधिकांश सदस्य किसी सदस्य या अध्यक्ष के खिलाफ अपना अविश्वास प्रस्ताव उपजिला निर्बाही अधिकारी के द्वारा ला सकते हैं।

कार्य व कर्त्तव्य

यूनियन परिषद के सबसे प्रमुख कार्य निम्न हैं:[३]

  • कानून और व्यवस्था बनाए रखने में प्रशासन को सहायता प्रदान करना।
  • स्थानीय अर्थव्यवस्था और समाज के क्षेत्र में विकास योजनाओं को अपनाना और लागू करना।
  • प्रशासनिक और विकास कार्य करना।
  • जन कल्याणकारी सेवाएं प्रदान करना।

वित्त

प्रत्येक संघ परिषद का एक कोष होता है जिसे संघ निधि के रूप में जाना जाता है, जिसमें शामिल हैं:[४]

  • स्थानीय सरकार (संघ परिषद) अधिनियम 2009 के तहत संघ परिषद द्वारा लगाए गए कर, दरें, शुल्क और अन्य शुल्क;
  • संघ परिषद को अपनी संपत्ति से देय या प्रोद्भूत किराए और लाभ;
  • संघ परिषद द्वारा किए गए कामों के फलस्वरूप अर्जित धन;
  • व्यक्तियों, संस्थानों या किसी स्थानीय प्राधिकरण द्वारा योगदान के रूप में दिया गया धन;
  • संघ परिषद के प्रबंधन के तहत रखे गए न्यासों से अर्जित लाभ;
  • सरकार और अन्य अधिकारियों द्वारा दिए गए अनुदान;
  • निवेश से अर्जित लाभ; तथा
  • सरकार द्वारा निर्देशित अन्य स्रोतों से आय।

अध्यक्ष और पूर्णकालिक सदस्यों को उनके काम के बदले में सरकार द्वारा मानदेय का भुगतान किया जाता है।[५]

रचना

एक संघ परिषद में अमूमन 9 "वार्डों" को मिलाकर बनता है, जिसमे सामान्यतः एक ग्राम को एक वार्ड के रूप में माना जाता है। प्रत्येक परिषद में 12 पार्षद होते हैं, जिनमे से 3 महिला सदस्य होतीं हैं। यह परिषद एक अध्यक्ष का कुनाव करती हैं जो इस परिषद का प्रमुख होता है।[६]

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ