बलभद्र

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जैन धर्म, में बलभद्र उन तिरसठ शलाकापुरुष में से होते है जो हर कर्म भूमि के दुषमा-सुषमा काल में जन्म लेते हैं। इन तिरसठ शलाकापुरुषों में से चौबीस तीर्थंकर, बारह चक्रवर्ती, नौ बलभद्र, नौ नारायण, और नौ प्रतिनारायण[1] उनके जीवन की कहानियाँ सबसे प्रेरणादायक होती है। [१] के अनुसार जैन पुराणों, बलभद्र नेतृत्व एक आदर्श जैन जीवन है। [२]

सूची

दिगम्बर परम्परा के अनुसार वर्तमान अवसर्पिणी काल के नौ बलभद्र के नाम निम्नलिखित हैं:

  • विजया
  • अचल
  • भद्रा
  • सुप्रभ
  • सुदर्शन
  • नन्दीसेन
  • नन्दीमित्र
  • राम
  • बलराम (कृष्ण के बड़े भाई)

सन्दर्भ

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ग्रन्थ सूची

बाहरी कड़िया

  1. जैन, विजय K. (2015), आचार्य Samantabhadra के Svayambhustotra: आराधना के चौबीस तीर्थंकर स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, विकल्प प्रिंटर, पी. 199, ISBN 9788190363976, गैर कॉपीराइट
  2. जैन, जगदीश चन्द्र; भट्टाचार्य, नरेन्द्र नाथ (1994-01-01).