बलदेव सिंह (रक्षामंत्री)

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बलदेव सिंह
(From left) Kanhaiyalal M. Munshi, Sardar Baldev Singh and Dr. Babasaheb Ambedkar on the Greeneries of Indian Parliament..jpg
बलदेव सिंह के साथ बाबासाहेब अम्बेडकर और कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी 1949 में भारतीय संसद के बगीचे में एक साथ चलते हुए।

भारत के 1 (प्रथम) रक्षा मंत्री
पद बहाल
15 अगस्त 1947 – 13 मई 1952
प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू
पूर्वा धिकारी पद स्थापित
उत्तरा धिकारी एन. गोपालस्‍वामी अयंगर

पद बहाल
1952–1959

जन्म साँचा:br separated entries
मृत्यु साँचा:br separated entries
राजनीतिक दल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
शिरोमणि अकाली दल
अकाली दल
शैक्षिक सम्बद्धता खालसा कॉलेज , अमृतसर
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बलदेव सिंह (11 जुलाई, 1902 -- 29 जून, 1961) भारत के स्वतन्त्रता सेनानी एवं सिख नेता थे। वे भारत के प्रथम रक्षामन्त्री बने।

सरदार बलदेव सिंह का जन्म 11 जुलाई, 1902 को जाट-सिख परिवार में हुआ था। बलदेव सिंह ने अपनी शिक्षा अम्बाला में पूरी करके अमृतसर में अपने पिताजी के साथ उनके काम में हाथ बंटाना शुरू किया। औद्यौगिक प्रतिष्ठान थे।

1930 में सरदार बलदेव सिंह ने राजनीति में प्रवेश किया। उनके पिता इंदर सिंह उस समय देश में स्टील किंग के तौर पर जाने जाते थे और उनका रुतबा अमीर पंजाबियों में शुमार था। उनके जमशेदपुर (अब झारखंड) और पूर्वी बंगाल (अब बांग्लादेश) में बलदेव सिंह भारत की राजनीति में सक्रिय रूप से भाग लेते रहे और लंदन सम्मेलन सहित अंग्रेजों के साथ सभी महत्वपूर्ण वार्ता में उन्होंने सिखों का प्रतिनिधित्व किया। वह जून 1942 से सितंबर 1946 तक आजादी से पहले संयुक्त पंजाब सरकार में विकास मंत्री थे। रक्षामंत्री के रूप में उन्होंने देश के विभाजन के समय महत्वपूर्ण भूमिका निभाई साथ ही अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं भारत और पाकिस्तान के बीच सशस्त्र बलों के विभाजन व कश्मीरी घुसपैठ को रोकने में भी भूमिका निभाई थी। उस समय सबसे बड़ा मुद्दा था बटवारे के बाद उजड़कर आए लोगों को बसाना। होशियारपुर शहर के जोधामल रोड के साथ साथ वर्तमान राम कालोनी कैंप में शरणार्थी शिविर बनाए गए थे। बलदेव सिंह बतौर लोकसभा सदस्य रहते लोकसभा में शरणार्थियों की समस्याएं जोर-शोर से उठाते थे।

सन्दर्भ