बर्था ग्याद्यकेस डखर
बर्था ग्याद्यकेस डखर | |
---|---|
जन्म | शिलोंग, मेघालय, भारत |
व्यवसाय | शिक्षाविद् |
पुरस्कार |
पद्म श्री बाल कल्याण के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार |
बर्था ग्याद्यकेस डखर एक दृष्टिहीन अस्पष्ट भारतीय शिक्षाविद है, जिन्हें खासी में ब्रेल कोड के आविष्कारक के रूप में जाना जाता है। भारत सरकार ने उन्हें २०१० में पद्म श्री के तीसरे उच्चतम नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया था।[१][२]
जीवनी
बर्था ग्याद्यकेस डखर का जन्म शिलांग, मेघालय में हुआ था। वह रेटिनाइटिस पगमेन्टोसा से पीड़ित एक नेत्रहीन चुनौती थी, एक बीमारी जो रेटिना के अध: पतन का कारण बनती है और जब वह कॉलेज में थीं, तब उनकी पूरी तरह से दृष्टि खो गई जिसके कारण उसे अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी।[३] उन्हने कोई काम न मिलने पर बाजार में फलों को बेचा। विकलांगता को दूर करने के प्रयासों के साथ जारी रखने के लिए, मंद ने ब्रेल कोड में शोध किया और मेघालय की स्थानीय भाषा खासी में कोड तैयार किया।
भारत सरकार ने उन्हें २०१० में पद्म श्री के तीसरे उच्चतम नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया था।[४] वह २००० में भारत सरकार से बाल कल्याण के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्तकर्ता भी रही।[५]