कर्मनाशा नदी
कर्मनाशा नदी Karmanasa River | |
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Native name | साँचा:native name checker |
Location | |
देश | साँचा:flag/core |
राज्य | उत्तर प्रदेश, बिहार |
Physical characteristics | |
Mouth | गंगा नदी |
• location | चौसा,बक्सर ज़िला, बिहार |
• coordinates | साँचा:coord |
Length | साँचा:convert साँचा:error |
कर्मनाशा नदी (Karmanasa River) भारत के बिहार और उत्तर प्रदेश राज्यों में बहने वाली एक नदी है। यह गंगा नदी की एक उपनदी है। इसकी उत्पत्ति बिहार के कैमूर ज़िले में होती है और फिर यह बहते हुए बिहार व उत्तर प्रदेश की सीमा निर्धारित करती है। इसकी बाई (पश्चिमी) ओर उत्तर प्रदेश के सोनभद्र, चन्दौली, वाराणसी और गाज़ीपुर ज़िले हैं, जबकि दाई (पूर्वी) ओर बिहार के कैमूर और बक्सर हैं। नदी की कुल लम्बाई 192 किमी है और इसके जलसम्भर क्षेत्र में 11,709 वर्ग किमी आता है। उत्तर प्रदेश के गाज़ीपुर ज़िले के बाड़ा गाँव और बिहार के बक्सर ज़िले के चौसा गाँव के समीप यह गंगा में विलय हो जाती है।[१][२][३][४]
विवरण
कर्मनाशा नदी पर राज दरी देव दरी जलप्रपात है, जिसकी ऊँचाई ५८ मी है। इसका मिथकीय इतिहास भी है। कहते हैं त्रिशंकु के स्शरीर स्वर्गारोहण की कथा से संबंधित है।इस नदी के किनारे उत्तर प्रदेश के चन्दौली जिला के चाकिया तहसील के पीतपूर मेें महान सन्त बनवारीदास की समाधी है जो 12 वीं सदी के महान समाज सुधारक थे। इस नदी पर उत्तर प्रदेश में कई बांध हैं। मूसाखाड सबसे बडा बांध है।इसी नदी के किनारे नौगढ का किला चन्द्रकान्ता गेस्ट हाऊस भी है तथा पूर्व बनारस स्टेट के अनेक निर्माण मौजुद हैंं जो काफी रोमान्चक व ईतिहास से भरे हैंं।
यह नदी बिहार और उत्तर प्रदेश को विभाजित करती है। इस नदी के किनारे बाबा लतीफ साह व बाबा बनवारी दास के समाधि स्थल पर भगवान श्री कृष्ण के बरही के उपलक्ष में ऋषि पंचमी के दिन जनपद चंदौली के तहसील चकिया अंतर्गत ग्राम पीतपुर में तीन दिवसीय बड़े मेले का आयोजन होता है तथा सितंबर माह के 6 व 7 सितंबर को बड़े हर्ष उल्लास के साथ बाबा बनवारी दास का वार्षिक सिंगार भी होता है