बछराँव

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उत्तर प्रदेश के रायबरेली ज़िले में इस से मिलते-जुलते नाम वाले स्थान के लिए बछरावाँ का लेख देखें
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Bachhraun
بچھراوں

बछरायूँ
शहर
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निर्देशांक: साँचा:coord
देशसाँचा:flag
राज्यउत्तर प्रदेश
ज़िलाअमरोहा
संस्थापकराजा बछराज
ऊँचाईसाँचा:infobox settlement/lengthdisp
जनसंख्या (2011)
 • कुल३१,१०१
 • घनत्वसाँचा:infobox settlement/densdisp
भाषा
 • आधिकारिकहिन्दी, उर्दू, अंग्रेजी
समय मण्डलआईएसटी (यूटीसी+5:30)
पिन244225
टेलीफोन कोड05924

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बछराँव या बछरायूँ (अंग्रेजी:Bachhraon; उर्दू: بچھراوں‎), भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में अमरोहा जिले में एक शहर और एक नगरपालिका परिषद है। २०११ की जनगणना के अनुसार यहां की जनसंख्या 31135 है।[१]

इतिहास

बछराँव एक पुराना और ऐतिहासिक स्थान है। इसके नाम की उत्पत्ति के स्थानीय सिद्धांत भिन्न हैं, एक सिद्धांत के अनुसार स्थानीय शासक "राजा बच्छराज" के नाम से बछराँव का नाम आया है जो मोहम्मद गौरी और पृथ्वीराज चौहान के समकालीन था। चमन कोठी दिल्ली लाल किला तथा जामा मस्जिद का छोटा रूप है मोलवी अब्दुल हफ़ीज़ साहब की कोठी नौबहार और पीली कोठी जेलर साहब वाली यहां की प्रसिद्ध इमारतें हैं। एक ऐतिहासिक "शेरपुर" रेलवे स्टेशन है, जिसका उपयोग औपनिवेशिक शासन के समय अंग्रेजों द्वारा पास के जंगल में शिकार के लिए किया जाता था।

भूगोल

बछराँव गंगा नदी के पूर्वी तट के पास 28.93°N 78.22°E पर स्थित है।[२] इसकी औसत ऊंचाई 209 मीटर (685 फीट) है।

जनसांख्यिकी

2011 की भारत की जनगणना के अनुसार, बछराँव की आबादी 31,101 थी। पुरुषों की आबादी 53% और महिलाओं की 47% है। बछराँव की औसत साक्षरता दर 46% है, जो राष्ट्रीय औसत 59.5% से कम है; पुरुषों में 61% और महिलाओं में 31% साक्षर हैं। 19% जनसंख्या 6 वर्ष से कम आयु की है। इस शहर में कई जातीय समूहों और संस्कृतियों का प्रतिनिधित्व किया जाता है। मुसलमानों की आबादी 75% से अधिक है।

हिंदुस्तानी भाषा (हिंदी की स्थानीय बोली में उर्दू शामिल है) प्रमुख बोली जाने वाली भाषा है, जबकि हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू प्रमुख लिखित भाषाएं हैं।

बछरायूं की भूमि कई मुस्लिम संतों (वालिस) और सूफी मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। कुछ प्रसिद्ध संत हाजी साहब पीर, औघट शाह वारसी, फैज अली शाह, सूफी सलमान शाह, शाह आजम, मौलवी सुल्तान हसन, और कई अन्य हैं। इस शहर में कई पुरानी मस्जिदें हैं जैसे जामा मस्जिद, पत्थर वाली मस्जिद (पत्थर मस्जिद), खोटी वाली मस्जिद लाल मस्जिद और बहुत सारे मंदिर भी जैसे महादेव मंदिर, सोतीवाला मंदिर और शिव मंदिर आदि है, महादेव मंदिर यहां का सबसे बड़ा और सबसे पुराना मंदिर है। यहां के शिवलिंग को शहर के लोग प्राकृतिक मानते हैं।

औघट शाह वारसी और हाजी पीर साहब के उर्स (पुण्यतिथि) के साथ-साथ वार्षिक रामलीला व्यापक रूप से प्रसिद्ध है।

अर्थव्यवस्था

यह शहर 100 से अधिक किस्मों के आम की खेती के लिए प्रसिद्ध है और यह उत्तरी भारत में सबसे बड़े आम उत्पादकों में से एक है। बछराँव कृषि उत्पादों का एक बाज़ार है। मोलवी सुल्तान हसन का बाग आम की किस्मों लंगड़ा और बंबई के लिए प्रसिद्ध है। मुख्य उद्योग कृषि आधारित, हाथ-करघा बुनाई और छोटे-चीनी कारखाने हैं।

सन्दर्भ

  1. साँचा:cite web
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