फ्रांको मोरेत्ति

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फ्रांकॉ मोरेत्ति (जन्म १९५०, सोन्द्रियो) इटली के साहित्यिक विशेषज्ञ थे। वे मार्क्सवादी थे और उनकी रचनायें उपन्यास के इतिहास को "प्लानेटरी फार्म" के दृष्टिकोण से परखने का प्रयास करते हैं।

इनकी कुल छः पुस्तके हैं। ये हैं - सैन्स टॅकएन फर वंडर्स (१९८३), द वे ऑफ दि वर्ल्ड (१९८७), मोडर्न एपिक (१९९५), एट्लस ऑफ दि युरोपियन नवल - १८००-१९०० (१९९८), ग्राफ्स, म्याप्स, ट्रीस :एब्स्ट्राक्ट मोडेल्स फर ए लिटररी हिस्टरी (२००५), डिस्टेंट रीडिंग (२०१३)।

इनकी हाल ही में लिखी हुई रचना, विवाद सहित, पारंपरिक ह्युमानिटीस के परिमाणात्मक मान्यताओं को सामाजिक विज्ञान संबंधी विशयो से आयात करने के बारे में चर्चा करती हैं।[१] आज तक इनकी किताबें १५ भाषाओं में अनुवादित हुए हैं।

जीवनी

मोरेत्ति ने पांच-भाग उपन्यास् विश्वकोष का समपादन किया है, जिसका नाम है 'इल रोमान्ज़ो'(२००१-२००३)। इसमे कईं विशेषग्यों द्वारा विश्व के साहित्यिक शैलियों पर अनेक अनुच्छेद हैं। यह अंग्रेज़ी में दो-भाग पुस्तक में उप्लब्ध है। (प्रिन्स्टन यू.पी, २००६) मोरेत्ती ने यूनिवार्सिटी ऑफ रोम से साहित्य में डाक्टरेट हसिल की, १९७२ मे। वे कम्पैरतटिव लिटरेचर के अध्यापक रहे हैं, कोलम्बिया यूनिवर्सिटी में, फिर डैनिल्यी सी ऐन्द लौरा बेल प्रोफेसार्शिप मे, स्टैन्फोर्ड यूनिवर्सिटी। यहां स्टैन्फोर्ड सेन्टर फर स्टडि अफ नोवेल क निर्माण किया। कार्पेन्टर लेक्चर्स्, युनिवर्सित्य्य अफ चिकागो; गुआच सेमिनार इन क्रिटिसिस्म, प्रिन्सटन; बेक्मन लेक्चर्स्, युनिवर्सिटी अफ कालिफर्निया- बेर्कली-मे वे भागिदार रहे हैं। २००६ में इनका नाम अम्रीकन अकादमी अफ आर्ट्स एन्द साइन्सस में रहा है। वे विस्सेन्षाफ्टकोलेज ज़ु बेर्लिन फेलो रहें हैं। न्यू लेफ्ट रिवीयु में वे नियमित अण्शधारी हैं और रिटाट मेम्बर हैं, जो एक बे एरिया बुद्धिजीवी संगठन है। फ्रेन्च मिनिस्ट्री के वैग्यानिक सालाह्कार भी हैं। वे फिल्म निर्माता नन्नि मोरेत्ति के भाई हैं। तीन फिल्मों में उनक भाग रहा है: द डिफीट (१९७३), पाते दि बुर्ज्वा (१९७३), और आइ ऐम सेल्फ सफीशेन्ट (१९७६)

पुरस्कार व सम्मान

  • २०१३, नेशनल बुक क्रिटिक्स सर्कल अवार्ड (क्रिटिसिजम्), डिस्टंट रीडिंग में विजेता[२][३]

सन्दर्भ

  1. क्रिस्टफर प्रेंडर्गास्ट, "इवल्यूशन अंड लिटररी हिस्टरी : ए रेस्पान्स टु फ्रांको मोरेत्ति" न्यू लिफ्ट रिव्यू 34, जलाई–अगस्त 2005"
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