फौंगपुई

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फौंगपुई
नीला पर्वत
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फौंगपुई फ़रपक
उच्चतम बिंदु
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भूगोल
स्थानFlag of India.svg मिज़ोरम, भारत
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राज्य/प्रांतसाँचा:enum
जिलासाँचा:enum
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मातृ श्रेणीलुशाई पहाड़ियाँ
सीमा निर्माणसाँचा:enum
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टोपोग्राफिक नक्शासाँचा:if empty
चट्टान पुरातनतासाँचा:if empty
चट्टान प्रकारसाँचा:enum
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फौंगपुई (Phawngpui), जिसे नीला पर्वत भी कहते हैं, पूर्वोत्तर भारत की लुशाई पर्वतमाला का और मिज़ोरम राज्य का सबसे ऊँचा पर्वत है। यह २,१५७ मीटर ऊँचा है और दक्षिणपूर्वी मिज़ोरम में बर्मा की सरहद के पास स्थित है।[१] यह पूरा क्षेत्र फौंगपुई राष्ट्रीय उद्यान के अंतर्गत एक संरक्षित क्षेत्र है। फौंगपुई मिज़ोरम के लॉन्गतलाई ज़िले में स्थित है।

विवरण

पर्वत के ऊपर लगभग २ किमी की समतल धरती है।[२]

नामोत्पत्ति

फौंगपुई एक पवित्र पर्वत माना जाता है। इसका नाम लई भाषा से लिया गया है, जिसमें 'फौंग' का मतलब 'घासभूमि' या 'मर्ग' होता है और 'पुई' का अर्थ 'महान' है। किसी ज़माने में फौंगपुई के पूरे क्षेत्र पर घास से भरे मर्ग फैले हुए थे, जिस कारण यह नाम पड़ा। मान्यता थी कि पर्वत पर 'संगऊ' नामक देवता-राजा का वास है, जिस कारणवश पहाड़ के चरणों में स्थित एक बस्ती का नाम संगऊ पड़ गया। संगऊ राजा के पुत्र का विवाह 'चेरियन' नामक राजपरिवार की राजकुमारी से हुआ और उसके साथ यहाँ एक हूलोक गिब्बन का जोड़ा और एक चीड़ का वृक्ष लाया गया। वर्तमान काल में पहाड़ के ऊपर जाने वाले रास्ते का प्रमुख प्रवेशस्थान 'फ़रपक' कहलाता है, जिसका अर्थ 'केवल चीड़' है।[३]

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ