फेदेरिको फेलिनी
फेदेरिको फेलिनी | |
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जन्म |
20 January 1920 रिमिनी, इटली |
मृत्यु |
31 October 1993साँचा:age) रोम, इटली | (उम्र
मृत्यु का कारण | पक्षाघात |
व्यवसाय | फिल्म निर्देशक एवं पटकथा लेखक |
कार्यकाल | 1945–1992 |
जीवनसाथी | गुएलिता मेसिना |
फेदेरिको फेलिनी (Italian: [fedeˈriːko felˈliːni]; 20 जनवरी 1920 – 31 अक्टूबर 1993) इटालियन फिल्म निर्देशक और पटकथा लेखक थे। उनका नाम सर्वकालिक महानतम और प्रभावकारी फिल्मकारों में शुमार है। विश्व की महत्वपूर्ण फिल्म पत्रिकाओं ने उनकी कई फिल्मों को कालजयी घोषित किया है। साइट एंड साउंड ने उनकी फिल्म एट एंड हाफ (8½) को विश्व की महानतम 10 फिल्मों की सूची में रखा है।[१][२][३]
पचास वर्षों के अपने करियर में फेलिनी को फिल्मों के सर्वश्रेष्ठ निर्माण के लिए कई सम्मान और पुरस्कार मिले, जिनमें उनकी फिल्म ला दोल्चे विता के लिए पॉम दी ओर पुरस्कार भी शामिल है। उनकी चार फिल्मों को विदेशी भाषा फिल्म श्रेणी में ऑस्कर पुरस्कार भी मिला।
जीवन परिचय
रिमिनी (1920-1938)
फेलिनी का जन्म इटली में एड्रियाटिक सागर के किनारे रिमिनी नाम के एक छोटे से शहर के एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। उनके पिता उर्बानो फेलिनी (1894-1956) एक मध्यमवर्गीय किसान परिवार से थे जबकि उनकी माता इदा बार्बियानी (1896-1984) एक समृद्ध रोमन व्यावसायिक घराने से ताल्लुक रखती थीं। फेलिनी की प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा रिमिनी में ही हुई। फेलिनी एक प्रतिभाशाली छात्र थे। वे अपने फुर्सत के पल का उपयोग रेखाचित्र बनाने, पत्रिकाएं पढ़ने और कठपुतली कला का प्रदर्शन करने में करते थे।
बेनितो मुसोलिनी के शासनकाल में फेलिनी अपने छोटे भाई रिकार्दो के साथ युवाओं के लिए अनिवार्य फासिस्ट संगठन अवॉगार्दिस्ता के सदस्य भी बने। 1933 में उन्होंने अपने माता-पिता के साथ पहली बार रोम का भ्रमण किया। यही वो साल था जब इटली का प्रसिद्ध समुद्री जहाज एसएस रेक्स अटलांटिक पार की पहली यात्रा पर निकला था। इस जहाज का दृश्य फेलिनी ने अपनी फिल्म अमरकोर्ड में फिल्माया है।
1937 में फेलिनी ने चित्रकार देमोद बोनिनी के साथ मिलकर पोर्ट्रेट बनाने वाला एक स्टूडियो खोला और साथ ही साथ विभिन्न पत्र पत्रिकाओं के लिए कार्टून भी बनाना शुरू कर दिया।
रोम (1939)
हालांकि फेलिनी का मन अध्ययन से ऊब रहा था लेकिन उन्होंने अपने माता-पिता की प्रसन्नता के लिए रोम विश्वविद्यालय के लॉ स्कूल में दाखिला ले लिया। रोम में कानून की पढ़ाई के दोरान ही फेलिनी ने पिकोलो और पिपोलो दी रोमा नाम के अखबारों में संवाददाता के रूप में काम करना शुरू कर दिया। लेकिन अदालती कार्यवाही की खबरें लिखने से उनका मन जल्द ही उचट गया। इसके बाद उन्होंने मार्क औरेलियो नाम की साप्ताहिक पत्रिका के लिए काम करना शुरू कर दिया और पत्रिका में अपने पहले लेख के प्रकाशन के चार महीने के भीतर ही वो संपादक मंडल में शामिल कर लिए गए। इस पत्रिका में उनका बट आर यू लिसेनिंग ? नाम से स्थायी स्तंभ छपना शुरू हो गया। फेलिनी के जीवन का यही वो दौर था जब वो पत्रिका के लिए काम करते हुए रोम के फिल्मकारों और पटकथा लेखकों के संपर्क में आए और अंत में फिल्म निर्दशन और पटकथा लेखन को अपना करियर चुन लिया।
पटकथा लेखन और फिल्म निर्देशन
मार्क औरेलियो के लिए काम करते हुए फेलिनी ने रेडियो रूपक के साथ फिल्म समीक्षाएं भी लिखना शुरू कर दिया। फेलिनी को पहली बार 1940 में इटालियन फिल्मकार मारियो मट्टोली की फिल्म पिराता सोनो इओ में हास्य दृश्य के संवाद लिखने का काम मिला। इसके बाद फेलिनी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। फेलिनी ने द्वितीय विश्वयुद्ध की विभीषिका को देखा था और वे युद्ध विरोधी हो गए। फेलिनी प्रसिद्ध फिल्मकार रॉबर्टो रोसेलिनी के संपर्क में आए और उनके सहायक बन गए। 1946 में रोसेलिनी की फिल्म पेसा और ल एमोर में उन्होंने लेखक के साथ सहायक निर्देशक के रूप में काम किया। यही वो दौर था जब वो नामचीन अदाकार मर्सेलो मैस्त्रियानी और अल्बर्टो लेतुआदा के संपर्क में आए और उनके घनिष्ट मित्र बन गए।
1950 में फेलिनी ने अल्बर्टो लेतुआदा के साथ मिलकर लुसी देल वेरियेता नाम की फिल्म बनाई जो बुरी तरह से असफल रही और फेलिनी अपने मित्र के साथ कर्जे के बोझ में दब गए। लेकिन इसी दौरान रोसेलिनी की फिल्म पेसा में पटकथा के लिए रोसेलिनी सेर्गियो एमिदे के साथ फेलिनी को ऑस्कर पुरस्कार मिल गया। लेकिन इसके बावजूद फेलिनी को जल्दी सफलता नहीं मिली। उनकी शुरुआती फिल्मों को फिल्म समीक्षकों ने सिरे से खारिज कर दिया। यहां तक कि बतौर निर्देशक उनकी फहली फिल्म व्हाइट शेक की पटकथा को पढ़कर माइकेलएंजिलो एंतोनियोनी ने इसे फिल्म बनाने के लायक पाया ही नहीं। लेकिन 1953 में उनकी फिल्म विट्टेलोनी को समीक्षकों और दर्शकों ने दिल खोलकर सराहा। इस फिल्म को वेनिस फिल्म समारोह में सिल्वर लॉयन पुरस्कार मिला।
फिल्में
पटकथा लेखक और फिल्म निर्देशक के रूप में फेलिनी ने अधोलिखित फिल्मों में काम किया है:
- लूसी देल वेरियेता (1950)
- लो सिको बियानो (1952)
- आई विट्टेलोनी (1953)
- ल अमोरे इन सिता (1953)
- ला स्त्रादा (1954)
- इल बिदोने (1955)
- ली नोती दी कैबिरिया (1957)
- ला दोल्से विता (1960)
- बोकासियो '70 (1962)
- एट एंड हाफ 8½ (1963)
- गुलिएता देगली स्पीरीती (1965)
- हिस्ट्रीज एक्सट्राआर्डिनरीज (1968)
- फेलिनी - अ डायेरेक्टर्स नोटबुक (1969)
- फेलिनी सेटिरिकॉन (1969)
- आय क्लाउन्स (1970)
- रोमा (1972)
- अमरकोर्ड (1973)
- इल कैसानोवा दी फेदेरिको फेलिनी (1976)
- प्रोवा दी'ऑर्केस्त्रा (1978)
- ला सिते देला दोन (1980)
- इ ला नावा वा (1983)
- जिंजर इ फ्रेद (1986)
- इंतरविस्ता (1987)
- ला वोसे देला लुना (1990)
सम्मान
- फिल्म पेसा में सर्वश्रेष्ठ पटकथा के लिए ऑस्कर पुरस्कार -1946
- फिल्म आय विट्टेलोनी के लिए वेनिस फिल्म समारोह में सिल्वर लॉयन पुरस्कार - 1953
- फिल्म ला स्त्रादा के लिए ऑस्कर पुरस्कार-1954
- फिल्म नाइट्स ऑफ कैरिबिया के लिए ऑस्कर पुरस्कार - 1957
- फिल्म ला दोल्चे विता के लिए कान्स फिल्म समारोह में पाम दी ओर पुरस्कार - 1960
- फिल्म एट एंड हाफ के लिए ऑस्कर पुरस्कार - 1963
- फिल्म सेटेरिकॉन के लिए ऑस्कर नॉमिनेशन - 1969
- फिल्म अमरकोर्ड के लिए ऑस्कर पुरस्कार - 1974
धरोहर
फेलिनी ने अपनी सर्वथा भिन्न फिल्म निर्माण शैली से अपने समकालीनों को प्रभावित किया। फेलिनी का शुरुआत में रुझान नवयथार्थवाद की ओर था लेकिन बाद में अपनी फिल्मों में फैंटेसी का प्रयोग नए बिम्बों और प्रतीकों को गढ़ने में किया। उनकी फिल्मों में हम एक पूरी यूरोपियन पीढ़ी की इच्छाओं, वर्जनाओं, सपनों और फंतासी कोे देख सकते हैं।
अंगरेजी भाषा में पापराजी (Paparazzi) शब्द का चलन फेलिनी का फिल्म ला दोल्चे विता से चलन में आया। तो वहीं फिल्मकार टिम बर्टन और डेविड लिंच की फिल्मों पर हम फेलिनी का प्रभाव सहज ही देख सकते हैं।
सन्दर्भ
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ Burke and Waller, 12