प्रोमेशन

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प्रोमेशन (en: Promession), मानव अवशेष कों निपटाने का एक वातावरण सहायक तरीका है, जिसमे अवशेष को फ्रीज करके सुखाया जाता है। यह संकल्पना स्वीडेनी वैज्ञानिक सुज़ैन विइग मेसक ने डी थी। उन्होंने यह शब्द एक इतालवी शब्द 'प्रोमेसा' से लिया था। [१] उन्होंने १९९७ में प्रोमेसा ऑरगैनिक एबी की स्थापना कर अपनी खोज को व्यापारिक रूप दिया।[२]

प्रक्रिया

इस प्रक्रिया के ५ चरण होते हैं:

  1. शवपेटी का अलग करना: शरीर कों एक मुख्य कक्ष में रखा जाता है।
  2. क्रायोजेनिक ठंड देना: १९६ डीग्री सेल्सियस तापमान पर द्रवीय नाइट्रोजन शरीर को क्रिस्टलाईज़ कर देती है।
  3. कंपकपी देना: कुछ ही मिनटों में शरीर कणों में विघटित हो जाता है।
  4. ठंड से सुखाना: कण एक अलग कक्ष में ठंडे करके सुखाये जाते हैं।
  5. धातु का अलग करना: धातुओं कों या तो चुम्बा कि सहायता से या फिर छान कर अलग किया जाता है। फिर सूखे पाउडर कों बायोडीग्रेडेबल डिबिया में रखा जाता है, जो मिट्टी के ऊपर परतों में दफनाया जाता है, जहाँ उसे एरोबिक बैक्टीरिया,६-१२ म्हने के अन्तराल में ही धरण में बदल देते हैं।

वर्तमान स्थिति

वर्ष २००४ से अब तक सूअर पर शोध किया गया है। अतः तकनीक कों आगे विकसित करने कि खासी आवश्कता है।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

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