प्राणी उड़ान और पाल-उड़ान

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पाल-उड़ान (ग्लाइड) भरती हुई उड़न गिलहरी

पृथ्वी पर बहुत से प्राणियों में उड़ान और पाल-उड़ान की क्षमता है जिससे वे धरातल या समुद्रतल से उठकर वायु में यातायात कर सकते हैं। कुछ में पंख मारकर ऊर्जा के व्यय से उड़ान की क्षमता होती है जबकि अन्यों में पाल-उड़ान (ग्लाइडिंग) द्वारा स्थान-से-स्थान बिना अधिक ऊर्जा ख़र्च करे जाने की क्षमता होती है। पृथ्वी पर क्रम-विकास से चार बिलकुल अलग ज्ञात अवसरों पर उड़ने की क्षमता विकसित हुई है: कीटों में, पक्षियों में, चमगादड़ों में और टेरोसोरों में। पाल-उड़ान की क्षमता इस से कई अधिक बार स्वतंत्र रूप से प्राणियों में विकसित हुई है और अक्सर प्राणियों को एक वृक्ष से दूसरे वृक्ष तक जाने में सहायक रही है। यह विशेष रूप से बोर्नियो जैसे स्थानों में देखा गया है जहाँ के वनों में पेड़ों के बीच अधिक दूरी होती है।[१][२]

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. Davenport, J. (1994). "How and why do flying fish fly?". Reviews in Fish Biology and Fisheries. 40: 184–214.
  2. Corlett, Richard T.; Primack, Richard B. (2011). Tropical rain forests: an ecological and biogeographical comparison स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। (2nd ed.). Chichester: Wiley-Blackwell. pp. 197, 200. ISBN 978-1444332551.