प्राकृतिक चरागाह

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प्राकृतिक चारागाह (Rangeland) ऐसी जमीन होती है जहाँ पर घास की बहुलता होती है और पालतू अथवा जंगली पशु इनमें चर कर अपना भरण-पोषण करते हैं। यह चरागाह से इन अर्थों में भिन्न होती है कि यहाँ की घास प्रजातियाँ मूल रूप से उसी स्थान पर पायी जाने वाली होती हैं और प्राकृतिक रूप से पैदा होती हैं जबकि चरागाह (पाश्चर) में मानव हस्तक्षेप अधिक होता है और यह केवल पालतू पशुओं के लिए नियत होती है तथा यहाँ घास की प्रजातियाँ भी मनुष्य द्वारा प्रतिस्थापित की गयी हो सकती हैं।[१] ऐसी चरागाहों में घास के मैदान, झाड़ीभूमियाँ, वुडलैंड, अर्धशुष्क चारागाह अथवा नमभूमि इत्यादि प्राकृतिक प्रदेश आते हैं। इनमें लंबी कठोर पत्तियों वाली घास भूमि से लेकर स्टेपी तुल्य मैदान शामिल हैं और यहाँ तक कि टुंड्रा प्रदेश के भी भाग शामिल हैं जहाँ कुछ काई जैसी मामूली वनस्पतियाँ पायी जाती हैं किन्तु ये स्थानीय पशुओं के चरने के काम आती हैं।

रेंजलैंड विश्व के भूमि वाले हिस्से में सबसे अधिक क्षेत्र घेरने वाले इलाके हैं अगर हम केवल उपयोग योग्य भूमि (संसाधन) की बात करें। ये काफ़ी गत्यात्मक पारितंत्र होते हैं और वर्तमान में अतिचारण, आक्रमणकारी प्रजातियों का आगमन, और जलवायु परिवर्तन इन प्राकृतिक चरागाहों को प्रभावित करने वाले मुख्य तत्व हैं।[२]

सन्दर्भ

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