प्राकृतिक खेती
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प्राकृतिक खेती जापान के किसान एवं दार्शनिक मासानोबू फुकुओका द्वारा स्थापित कृषि की पर्यावरणरक्षी पद्धति है। फुकुओका ने इस पद्धति का विवरण जापानी भाषा में लिखी अपनी पुस्तक 'सिजेन नोहो' (自然農法 / shizen nōhō) में किया है। इसलिए कृषि की इस पद्धति को 'फुकुओका विधि' भी कहते हैं। इस पद्धति में 'कुछ भी न करने' की सलाह दी जाती है जैसे जुताई न करना, गुड़ाई न करना, उर्वरक न डालना, कीटनाशक न डालना, निराई न करना आदि।
भारत में खेती की इस पद्धति को 'ऋषि खेती' कहते हैं।
सिद्धान्त
फुकुओका ने प्राकृतिक खेती को निम्नलिखित पाँच सूत्रों में बाँध दिया है-
इन्हें भी देखें
बाहरी कड़ियाँ
- खेती की ‘कुछ-मत-करो’ विधि की ओर (इण्डिया वाटर पोर्टल)
- प्राकृतिक खेती के चार सिद्धांत (इण्डिया वाटर पोर्टल)
- प्राकृतिक कृषि की विभिन्न शैलियाँ (इण्डिया वाटर पोर्टल)
- एक कारण, प्राकृतिक कृषि के विस्तार न होने का (इण्डिया वाटर पोर्टल)
- खरपतवारों की दोस्ती से करें खेती (बिना जुताई, खाद, दवाई और निंदाई की कुदरती खेती)
- कुदरती खेती का एक अनूठा प्रयोगसाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link] (उगता भारत)
- कुदरती खेती का एक अनूठा प्रयोग