प्रवेशद्वार:इस्लाम/Intro

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ज़ियान की एक मस्जिद पर इस्लामी शिलालेख, अरबी में

इस्लाम (الإسلام) ईसाई धर्म के बाद अनुयाइयों के आधार पर दुनिया का दूसरा सब से बड़ा धर्म है। इस्लाम शब्द अरबी भाषा का शब्द है जिसका मूल शब्द सल्लमा है जिस की दो परिभाषाएं हैं (१) अमन और शांति (२) आत्मसमर्पण।

इस्लाम एकेश्वरवाद को मानता है। इसके अनुयायियों का प्रमुख विश्वास है कि ईश्वर सिर्फ़ एक है और पूरी सृष्टि में सिर्फ़ वह ही महिमा (इबादत) के लायक है, और सृष्टि में हर चीज़, ज़िंदा और बेजान, दृश्य और अदृश्य उसकी इच्छा के सामने आत्मसमर्पित है। इस्लाम धर्म की पवित्र पुस्तक का नाम क़ुरआन है जिसका हिंदी में मतलब सस्वर पाठ है। इसके अनुयायियों को अरबी में मुस्लिम कहा जाता है, जिसका बहुवचन मुसलमान होता है। मुसलमान यह विश्वास रखते है कि क़ुरआन जिब्राईल (ईसाईयत में Gabriel) नामक एक फ़रिश्ते के द्वारा, मुहम्मद साहब को ७वीं सदी के अरब में, लगभग ४० साल की आयु में याद-कंठस्‍थ कराया गया था। मुसलमान इस्लाम को कोई नया धर्म नहीं मानते। उनके अनुसार ईश्वर ने मुहम्म्द साहब से पहले भी धरती पर कई दूत भेजे हैं, जिनमें नूह, इब्राहीम, मूसा, दाऊद और ईसा शामिल हैं। मुसलमानों के अनुसार मूसा और ईसा के कई उपदेशों को लोगों ने विकृत कर दिया। अधिकतम मुसलमानों के लिये मुहम्मद साहब ईश्वर के अन्तिम दूत हैं और क़ुरआन समस्त मनुष्य जाति के लिये अन्तिम संदेश है।