प्रतिदर्श समष्टि

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.

प्रायिकता सिद्धांत में प्रतिदर्श समष्टि किसी यादृच्छिक परीक्षण के सभी संभावित परिणामों का समुच्चय होता है, जिसे अमूमन संकेत <math>S,\ \Omega</math> अथवा <math>U</math> द्वारा प्रकट किया जाता है। उदाहरणार्थ, एक सिक्के को उछालने के परीक्षण पर विचार करें। इस परीक्षण का प्रतिदर्श समष्टि <math>\{</math> चित्त, पट् <math>\}</math> है। दो सिक्कों को उछालने के परीक्षण के लिए प्रतिदर्श समष्टि <math>\{ (</math> चित्त, चित्त), (चित्त, पट्), (पट्, चित्त), (पट्, पट् <math>) \}</math> होगा। एक छःमुखी पासा फेकनें के लिए प्रतिदर्श समष्टि <math>\{ 1, 2, 3, 4, 5, 6 \}</math> है। कुछ परीक्षणों के लिए दो या दो से अधिक संभाव्य प्रतिदर्श समष्टि हो सकते हैं। उदाहरणार्थ, अगर ताश के ५२ पत्तों की एक भली-भाँति फेंटी हुई गड्डी में से एक पत्ता निकाला जाये, तो एक संभावित प्रतिदर्श समष्टि सभी रैंकों (इक्का से बादशाह तक) का समूह, जबकि एक अन्य किसी पत्ते का सूट (ईंट, चिड़ी, पान या हुकुम) हो सकता है।