प्रकाशग्राही प्रोटीन

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.

प्रकाशग्राही प्रोटीन (Photoreceptor proteins) ऐसे प्रोटीन होते हैं जो स्वयं पर प्रकाश पड़ने पर पारक्रमण द्वारा उसे विद्युत या अन्य संकेत में परिवर्तित कर देते हैं। इनके प्रयोग से कई जीव दृश्य बोध और प्रकाशानुवर्तन जैसी प्रक्रियाएँ करने में सक्षम होते हैं। रात्रिदिन में व्यवहार में अंतर, पौधों में मौसम के बदलाव से फूलों का ऊगना और प्राणियों में प्रजनन की क्रियाओं का आरम्भ होना भी इन्हीं प्रकाशग्राही प्रोटीनों द्वारा सम्भव होता है। रोडोपसिन (rhodopsin), जो आँखों की प्रकाशग्राही कोशिकाओं में उपस्थित होता है, ऐसे प्रकाशग्राही प्रोटीन का उदाहरण है।[१][२]

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. Smith, D. P., Hardy, R. W., & al, e. (1991). Photoreceptor deactivation and retinal degeneration mediated by a photoreceptor-specific protein kinase C. Science, 254(5037), 1478-1478. Retrieved from http://search.proquest.com/docview/213560980
  2. Kojima, D. Mori S., Torii M., Wada, A., Morishita R., & Fukada, Y. (2011) UV-Sensitive Photoreceptor Protein OPN5 in Humans and Mice. PLoS ONE, 6(10): e26388. DOI: 10.1371/journal.pone.0026388 <http://www.plosone.org/article/info%3Adoi%2F10.1371%2Fjournal.pone.0026388 स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।>