पेंच

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आवश्यकतानुसार पेंच विभिन्न आकार-प्रकार के बनाये जाते हैं

पेंच (स्क्रू) या बोल्ट एक प्रकार की यांत्रिक युक्ति है जो दो भागों को परस्पर कसने (fastening) के काम आती है। यह किसी धातु के बेलनाकार दण्ड पर वर्तुलाकार (हेलिकल) चूड़ियाँ (थ्रेड्स) काटकर बनायी जाती है।

आमतौर पर पेंचों का एक शीर्ष होता है, यह पेंच के एक सिरे पर विशेष रूप से गठित अनुभाग है। पेंच को शीर्ष से ही घुमाया या कसा जाता है। पेचों को कसने के लिए पेंचकस एवं पाना जैसे औजारों का प्रयोग किया जाता है।

अधिकतर पेंच दक्षिणावर्त घूर्णन के द्वारा कसे जाते हैं। इन पेंचों को दक्षिणावर्त चूडियों वाला कहा जाता है। वामावर्त चूडियों वाले पेंचों को विशिष्ट स्थिति में प्रयोग किया जाता है। साइकिल के बाएं पाद में वामावर्त चूड़ी वाले पेंच का प्रयोग किया जाता है।

विनिर्माण

पेंच निर्माण के तीन चरण हैं- शीर्ष निर्माण, चूड़ी बेल्लन एवं विलेपन | साधारणतया, पेंचों का निर्माण तार से किया जाता है। तारों की आपूर्ति बड़ी कुंडली या बड़े पेंचों के लिए गोल बिलेट के रूप में की जाती है। तार या छड को बनाये जाने वाले पेंच के प्रकार के हिसाब से काटा जाता है। अतप्त कर्मण प्रक्रिया द्वारा पेंच के शीर्ष का निर्माण किया जाता है। यन्त्र में प्रयोग किये गए ठप्पे के आकारानुसार पेंच के शीर्ष के लक्षण तय होते हैं। अधिकतर पेंचों में चूडियों का निर्माण चूड़ी बेल्लन द्वारा किया जाता है। इसके बाद, पेंचों को संक्षारण से बचने हेतु उष्ण निमज्जन गैलवानीकरण(जस्तीकरण) एवं कृष्णकरण जैसी प्रकिया द्वारा विलेपन किया जाता है।

बाहरी कड़ियाँ