पृथ्वी-समीप वस्तु

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४३३ इरोस, एक पृथ्वी-समीप वस्तु
४१७९ तूतातिस, एक ४ किमी लम्बा पृथ्वी-समीप क्षुद्रग्रह

पृथ्वी-समीप वस्तु (Near-Earth object) हमारे सौर मंडल में मौजूद ऐसी वस्तुओं को कहा जाता है जो सूरज के इर्द-गिर्द ऐसी कक्षा (ऑरबिट) में परिक्रमा कर रही हो जो उसे समय-समय पर पृथ्वी के समीप ले आती हो। अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ की परिभाषा के अनुसार ऐसी वस्तुओं को ही पृथ्वी-समीप कहा जाता है जो अपनी परिक्रमा-पथ में किसी बिन्दु पर सूरज से १.३ खगोलीय ईकाई की दूरी या उस से भी समीप आती हो।[१] सन् २०१५ तक ज्ञात​ पृथ्वी-समीप वस्तुओं की सूची में १०,००० से अधिक पृथ्वी-समीप क्षुद्रग्रह (ऐस्टेरोयड), पृथ्वी-समीप धूमकेतु, सूरज की परिक्रमा करते कई अंतरिक्ष यान और पृथ्वी से दिख सकने वाले उल्का शामिल हैं। वैज्ञानिक मत अब यह बात स्वीकारता है कि ऐसी पृथ्वी-समीप वस्तुएँ हमारे ग्रह से अरबों वर्षों से टकराती आई हैं और उनके इन प्रहारों से पृथ्वी पर अक्सर महान बदलाव आएँ हैं।[२]

प्रहार संकट

४ मीटर की चौड़ाई वाली वस्तुएँ लगभग एक प्रति वर्ष के दर से पृथ्वी पर प्रहार करती हैं। ७ मीटर के आकार वाली पत्थरीली वस्तुएँ लगभग एक प्रति ५ वर्ष के दर से धरती पर गिरती हैं। इनमें लगभग उतनी ही ऊर्जा होती है जितनी हिरोशीमा पर गिराये गये परमाणु बम की थी, यानि लगभग १५ किलोटन। हर २०००-३००० सालों में १० मेगाटन के धमाके वाले टकराव होते हैं जैसे कि १९०८ में तुंगुस्का घटना में हुआ।[३] एक किमी की चौड़ाई वाली वस्तुएँ हर ५ लाख वर्षों में एक बार पृथ्वी से टकराती हैं और ५ किमी चौड़ी वस्तुएँ हर २ करोड़ वर्षों में एक बार के दर से टकराती हैं।[४]

क​ई वैज्ञानिकों का मानना है कि आज से ६.६ करोड़ साल पहले जिस क्षुद्रग्रह के प्रहार से हुए बदलावों के कारण डायनासोर विलुप्त हो गये उसका व्यास १० किमी या उस से ज़रा अधिक था। इस क्षुद्रग्रह के १८० किमी चौड़े प्रहार क्रेटर के चिह्न आधुनिक मेक्सिको देश के चिकशुलूब शहर के पास स्थित है।[५] अनुमान है कि इस क्रीटेशस-पैलियोजीन विलुप्ति घटना में उस समय पृथ्वी पर उपस्थित हर १ किलोग्राम से अधिक वज़न वाले हर जानवर की मृत्यु हो गई थी।[६]

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

साँचा:reflist

  1. "NEO Groups स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।". NASA/JPL Near-Earth Object Program Office. Retrieved 2012-06-04.
  2. Richard Monastersky (March 1, 1997). "The Call of Catastrophes स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।". Science News Online. Retrieved 2007-10-23.
  3. Asher, D. J.; Bailey, M.; Emel'Yanenko, V.; Napier, W. (2005). "Earth in the Cosmic Shooting Gallery स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।" (PDF). The Observatory 125 (2): 319–322. Bibcode:2005Obs...125..319A.
  4. Robert Marcus; H. Jay Melosh & Gareth Collins (2010). "Earth Impact Effects Program स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।". Imperial College London / Purdue University. Retrieved 2013-02-04. (solution using 2600kg/m^3, 17km/s, 45 degrees)
  5. "Chicxulub स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।". Earth Impact Database. University of New Brunswick. Retrieved 2008-12-30.
  6. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।