पल्लव लिपि
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पल्लव लिपि | |
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चित्र:Pallava script name.gif | |
प्रकार | आबुगीदा |
बोली जाने वाली भाषाएं | कन्नङ, तमिल, पुरानी खमेर, पुरानी मलय, पुरानी टैगालौग, बर्मी, थाइ, सिंहल, लाओ, मौन, बाली, आदि। |
काल | ४वी-८वी शताब्दी ईसा पश्चात[१] |
मूल प्रणालियां |
ब्राह्मी
|
संतति प्रणालियां | ग्रन्थ, मौन, खमेर, कावी, तमिल[३] |
बंधु प्रणालियां | वट्टेऴुत्तु |
नोट: इस पन्ने पर यूनिकोड में IPA ध्वन्यात्मक चिह्न हो सकते हैं। |
पल्लव लिपि या पल्लव ग्रन्थ एक ब्राह्मी लिपि से उत्पन्न लिपि है जिसका नाम दक्षिणी भारत के पल्लव वंश से आता है। इसे ४थी शताब्दी ईस्वी के बाद से देखा जाता है। भारत में पल्लव लिपि ग्रन्थ लिपि में बदल गयी। [४] दक्षिण पूर्वी एशिया में पल्लव लिपि फैली और बाली लिपि [५], जावा लिपि [६], कावी [७], बेयबायिन [८], सोम [९], बर्मी [१०], खमेर [११], धम्म लान्ना [१२], थाई [१३], लाओ [१४] और नयी थाई लू वर्णमाला में बदल गयी । [१५]
२०१८ में यूनिकोड में पल्लव लिपि को शामिल करने का प्रारंभिक प्रस्ताव रखा गया। [१६]
- ↑ साँचा:cite journal
- ↑ Handbook of Literacy in Akshara Orthography, R. Malatesha Joshi, Catherine McBride(2019),p.28
- ↑ साँचा:cite book
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
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- ↑ अंशुमन पांडे। २०१८। यूनीकोड में पल्लव लिपि को जोङने का प्रारंभीक प्रस्ताव.