पलाश सेन

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पलाश सेन
जन्मनामपलाश सेन
जन्मसाँचा:br separated entries
मूलकोलकाता, भारत
मृत्युसाँचा:br separated entries
शैलियांपॉप, रॉक संगीत, इंडीपॉप
गायक-गीतकार, डॉक्टर, मॉडल, अभिनेता, संगीतकार, रिकॉर्ड निर्माता
वाद्ययंत्रआवाज़-गिटार
सक्रिय वर्ष1988–अबतक
लेबलसा रे गा मा, टी-सिरीज़, आर्चीज म्युज़िक
संबंधित कार्ययूफ़ोरिया
जालस्थलwww.dhoom.com

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पलाश सेन युफ़ोरीया नामक भारतीय बैंड के मुख्य गायक है, जो अभी उसके द्वारा नेतृत्व किया जाता है। व्यवसाय से डॉक्टर पलाश सेन ने फ़िल्म फ़िलहाल मे नायक की भुमिका भी अदा की।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

पलाश का जन्म २३ सितम्बर १९६५ को बनारस में हुआ था। उनके पिता का नाम रूपेन्द्र कुमार सेन और मा का नाम पुष्पा सेन, दोनों ही पेशे से चिकित्सक थे। पलाश एक आधे बंगाली और आधे डोगरा है। उसके जन्म के पश्चात वह दिल्ली आ गये और कुछ समय कनॉट प्लेस रेलवे कालोनी में रहे और बाद मे श्रीनगर मे भी।

उन्होने सेंट कोलम्बा स्कूल, दिल्ली से अपनी स्कूली शिक्षा कि। इसके बाद वे विश्वविद्यालय के कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज (UCMS), नई दिल्ली, में अध्ययन किया और एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त की।

व्यवसाय

पलाश ने युनिवेर्सिटी कॉलेज ऑफ़ मेडिकल सायंस में अपने कॉलेज के दिनों में ही गाने लिखना शुरू कर दिया था। उनकी कॉलेज में पहली कृति थी - 'हेवेन ऑन सेवेंथ फ्लूर', क्यूंकि छात्रावास में उनका कमरा सातवीं मंजिल पर था। पलाश सेन को 'पॉली' नाम से भी जाना जाता है और इन्हें हिंद रॉक का सरगना कहा जाता है। ये पहले ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्होंने रॉक संगीत पर तबले और बांसुरी के साथ हिंदी में गाया. उन्होंने 'मंत्र - भारत का पहला एकमात्र' की शुरुआत की. पलाश सेन - विकलांग विज्ञानं के शल्य चिकित्सक, को भारतीय रॉक बैंड समूह यूफोरिया के एक गायक के रूप में ज्यादा पहचाना जाता है। वो इस समूह के लिए संगीत बनाते हैं तथा गीत भी लिखते हैं।

पलाश के परदे पर पहली बॉलीवुड फ़िल्म २००२ में मेघना गुलजार द्वारा निर्देशित फिलहाल (2002) थी, जिसमे तब्बू और सुष्मिता सेन ने भी अभिनय किया था। उसके पश्चात, वो एक संकलन फ़िल्म "मुंबई कट्टिंग (2010)" के एक भाग "And it rained " में भी दिखे. इन्होने कई एल्बम जैसे धूम, फिर धूम और गली का मोचन किया। "माएरी", "धूम पिचक" और "कभी आना मेरी गली" इनकी कुछ प्रसिद्ध कृतियाँ हैं।

3 वर्ष की अंतराल के बाद पलाश यूफोरिया के एक नए एल्बम "महफूज़" में आये. परिवार की चौथी पीढ़ी का एक डॉक्टर अपनी माँ और शालिनी, उनकी पत्नी, के प्रति समर्पित था।

वह "इंडियन पॉपस्टार्स" टीवी शो के ज़ज भी रह चुके हैं। उन्होंने "जिओ दिल से" गाना बनाया जो भारतीय रेडियो स्टेशन My FM का लाक्षनिक धुन बना। 2010 में, राष्ट्रकुल खेलों के समय, उन्होंने दिल्ली लाक्षणिक गाना, "दिल्ली मेरी जान, दिल्ली मेरी शान" गाया, जो कि उनके बैंड यूफोरिया, के द्वारा प्रस्तुत किया गया .