परम (सुपरकम्प्यूटर)

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परम सी-डैक द्वारा विकसित भारत के स्वदेशी सुपरकंप्यूटर्स की एक श्रृंखला है। श्रृंखला में नवीनतम सुपरकम्प्यूटर परम ईशान हैं।

संस्कृत में परम का अर्थ हैं "सर्वोच्च"। [१]

इतिहास

प्रौद्योगिकी प्रतिबंध के परिणामस्वरूप क्रे सुपर कंप्यूटर[२] से वंचित किए जाने के बाद, भारत ने स्वदेशी सुपर कंप्यूटर और सुपरकंप्यूटिंग प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए एक कार्यक्रम शुरू किया।[३][४] सुपर कंप्यूटर परमाणु हथियारों के विकास के लिए सहायता करने में सक्षम माना जाता था।[५] इस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के उद्देश्य से 1988 में सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (सी-डैक) की स्थापना की गई। फिर इसके निदेशक के रूप में इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के डॉ विजय भाटकर[२] को नियुक्त किया गया। परियोजना 3 साल के प्रारंभिक रन और ₹30 करोड़ प्रारंभिक धन के साथ शुरू हुई। कुछ धन अमेरिका से सुपर कंप्यूटर की खरीद के लिए खर्च किया गया।[२] 1990 में, एक प्रोटोटाइप का उत्पादन किया गया और इसका 1990 के ज्यूरिख सुपरकंप्यूटिंग शो में बेंचमार्क किया गया था। इसने ज्यादातर अन्य प्रणालियों को पीछे छोड़ दिया। जिससे अमेरिका के बाद भारत को दूसरे नंबर पर रखा गया।[२]

इन प्रयास के परिणामस्वरूप परम 8000 अस्तिव में आया। जो 1991 में स्थापित किया गया था।[१]

समयरेखा

परम समयरेखा
नाम रिलीज साल सीपीयू प्रौद्योगिकी गति मुख्य योगदान
परम 8000 1991 64 इनमोस टी800 ट्रांसप्यूटर, वितरित स्मृति एमआईएमडी
परम 8600 256 इंटेल आई860 5 गीगाफ्लॉप्स
परम 9900/एसएस 32 से 200 अल्ट्रास्पार्क 2, क्लोस नेटवर्क
परम 9900/यूएस 32 से 200 अल्ट्रास्पार्क, क्लोस नेटवर्क
परम 9900/एए 32 से 200 डीईसी अल्फा, क्लोस नेटवर्क
परम 10000 1998 160 सन एंटरप्राइज 250, 400 मेगाहर्ट्ज अल्ट्रास्पार्क 2 प्रोसेसर 6.4 गीगाफ्लॉप्स
परम पद्म 2003 - अप्रैल 1टेराबाइट, 248 आईबीएम पावर4 - 1गीगाहर्ट्ज, आईबीएम ऐक्स 5.1एल, परमनेट 1024 गीगाफ्लॉप्स
परम युवा 2008 - नवंबर 4608 कोर, इंटेल 73एक्सएक्स - 2.9 गीगाहर्ट्ज, 25 से 200 टेराबाइट, परमनेट 3 38.1 से 54 टेराफ्लॉप्स
परम युवा 2 2013 - फरवरी - 08 524 टेराफ्लॉप्स सी-डैक
परम कंचनजंगा 2016 - अप्रैल- 17 15 टेराफ्लॉप्स सी-डैक, एनआईटी सिक्किम
परम शावक 2016 3.8 टेराफ्लॉप्स
परम युवा 2 2017 532 टेराफ्लॉप्स
परम ईशान[६] 20 सितंबर 2016 300 टेराबिट्स क्षमता 250 टेराफ्लॉप्स सी-डैक और आईआईटी गुवाहाटी

परम सीरीज

परम 8000

1991 में जारी परम 8000 में इनमोस टी800 ट्रांसप्यूटर का इस्तेमाल किया गया था। ट्रांसप्यूटर में समानांतर प्रसंस्करण के लिए एक नए और अभिनव माइक्रोप्रोसेसर को डिज़ाइन किया गया था। यह एक परिवर्ती विन्यास, इंटरकनेक्शन नेटवर्क के साथ एक वितरित स्मृति एमआईएमडी वाला आर्किटेक्चर था।[७] इसमे जर्मनी, ब्रिटेन और रूस को निर्यात 64 सीपीयू थे।[८]

परम 8600

परम 8600 ,परम 8000 पर एक सुधार था। यह एक 256 सीपीयू का कंप्यूटर था। हर चार Inmos T800 के लिए, इसमें एक इंटेल i860 को-प्रोसेसर लगा था। इसका परिणाम वेक्टर प्रोसेसिंग में पीक 5 GFLOPS निकला। इन मॉडलों में कई को निर्यात किया गया।[७]

परम 9900 / एस एस

परम 9900 / एस एस को एक एमपीपी प्रणाली होने के लिए डिजाइन किया गया था। इसमें SuperSPARC 2 प्रोसेसर का इस्तेमाल किया गया। डिजाइन को मॉड्यूलर करने के लिए बदला गया ताकि नए प्रोसेसर आसानी से शामिल किये जा सकें। आमतौर पर, इसमें 32-40 प्रोसेसर का इस्तेमाल किया गया लेकिन, Clos नेटवर्क टोपोलॉजी का उपयोग कर इसे 200 सीपीयू बढ़ाया जा सकता था।[७] परम 9900 / यु एस, UltraSPARC संस्करण था और परम 9900 / एए एक डीईसी अल्फा संस्करण था।

परम 10000

1998 में, परम 10000 का अनावरण किया गया था। परम 10000 कई स्वतंत्र नोड्स का प्रयोग करता था, प्रत्येक सन एंटरप्राइज़ 250 सर्वर पर आधारित थे और प्रत्येक सर्वर में दो 400 MHz UltraSPARC 2 प्रोसेसर लगे थे। बेस कॉन्फ़िगरेशन में तीन कंप्यूट नोड्स और एक सर्वर नोड था। इस आधार प्रणाली की अधिकतम गति 6.4 GFLOPS थी।[९] एक टिपिकल प्रणाली में 160 सीपीयू शामिल होते और 100 GFLOPS तक सक्षम हो सकती थी[१०] लेकिन, यह आसानी से TFLOP श्रृंखला के लिए स्केलेबल था। रूस और सिंगापुर को इसका निर्यात किया गया।[११]

परम पद्म

परम पद्म (पद्म मतलब संस्कृत में "कमल') अप्रैल 2003 में पेश किया गया था।[४] यह 1024 GFLOPS (लगभग 1 TFLOP) की पीक स्पीड और 1 टीबी की पीक स्टोरेज से युक्त था। इसमें 1 गीगाहर्ट्ज के 248 आईबीएम Power4 सीपीयू का इस्तेमाल किया गया। ऑपरेटिंग सिस्टम आईबीएम AIX 5.1L था। इसने अपने प्राथमिक इंटरकनेक्ट के रूप में PARAMnet 2 का इस्तेमाल किया।[१०] यह पहला भारतीय सुपर कंप्यूटर था जिसने 1 TFLOP की सीमा को पार किया था।[१२]

परम युवा

परम युवा, नवंबर 2008 में पेश किया गया था। इसकी अधिकतम सस्टेनेबल स्पीड (Rmax) 38.1 TFLOPS की है और पीक स्पीड (Rpeak) 54 TFLOPS की है।[४] इसमें 4608 कोर हैं जो 2.9 GHz के इंटेल 73XX पर आधारित हैं। इसकी स्टोरेज क्षमता 25 टीबी से 200 टीबी तक है।[१०] यह प्राइमरी इंटरकनेक्ट के रूप में PARAMnet 3 का उपयोग करता है।[१२]

आगे के विकास

जुलाई 2009 में यह घोषणा की गई है कि सी-डैक एक नए उच्च गति परम को विकसित कर रहा था। 2012 तक इसके अनावरण की अपेक्षा थी और 1 PetaFLOPS की सीमा को तोड़ने की उम्मीद थी।[१३] नवंबर 2014 में यह बताया गया है कि भारत सबसे तेज सुपर कंप्यूटर जिसकी स्पीड 132 ExaFLOPS होगी पर काम कर रहा है।[१४]

परम युवा द्वितीय

परम युवा द्वितीय ₹ 16 करोड़ (US $ 2 मिलियन) की लागत से तीन महीने की अवधि में सी-डैक द्वारा विकसित किया गया था, और इसका अनावरण 8 फरवरी 2013 को किया गया। यह 524 TeraFLOPS पर कार्य करता है पर खपत में परम युवा की तुलना में 35% कम ऊर्जा खर्च करता है। इसने समुदाय मानक लिन्पैक बेंचमार्क पर 360.8 TeraFLOPS का निरंतर प्रदर्शन किया और इसे टॉप500, नवंबर 2012 की रैंकिंग सूची में 62 वां स्थान दिया गया है। बिजली क्षमता के संदर्भ में, यह नवंबर 2012 तक विश्व की शीर्ष ग्रीन500 सुपर कंप्यूटर की सूची में 33 वें स्थान पर था।[१५][१६] यह पहला भारतीय सुपर कंप्यूटर है जिसने 500 से अधिक TeraFLOPS की गति प्राप्त की है।[१७][१८]

परम युवा 2 को जैव सूचना विज्ञान, मौसम पूर्वानुमान, भूकंप डेटा विश्लेषण, एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग, वैज्ञानिक डाटा प्रोसेसिंग और दवा के विकास के क्षेत्र में अनुसंधान के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी और नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी जैसे शैक्षिक संस्थानों को राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क के माध्यम से कंप्यूटर से जोड़ा जा सकता है। यह कंप्यूटर भारत में भविष्य के PetaFLOP-रेंज के सुपर कंप्यूटर के निर्माण की दिशा में एक कदम है।[१७][१८][१९]

PARAMNet (परमनेट)

PARAMNet एक उच्च गति उच्च बैंडविड्थ और कम विलंबता (लेटेंसी) वाला एक नेटवर्क है जिसका विकास परम श्रृंखला के लिए किया गया है। मूल PARAMNet 8 पोर्ट कास्केडेबल नॉन-ब्लॉकिंग स्विच का प्रयोग करता था जिसे सी-डैक द्वारा विकसित किया गया। प्रत्येक बंदरगाह दोनों दिशाओं (इस प्रकार 2x400 Mbit / s) में 400 Mb/s के रूप में यह एक पूर्ण-डुप्लेक्स नेटवर्क था। यह पहली बार परम 10000 में इस्तेमाल किया गया था।[१]

PARAMNet 2 को परम पद्म के साथ पेश किया किया गया था। ये पूर्ण-डुप्लेक्स में काम करते हुए 2.5 GB / s की स्पीड प्रदान करता है। यह वर्चुअल इंटरफ़ेस आर्किटेक्चर और एक्टिव मेसेज जैसे अनेक तरह के इंटरफेस सपोर्ट करता है। यह 8 या 16 पोर्ट सैन स्विच प्रयोग करता है। ग्रिड कंप्यूटिंग नेटवर्क GARUDA ("गरूड़") भी इस पर आधारित है।[२०]

ऑपरेटर्स

परम सुपर कंप्यूटर विभिन्न प्रयोजनों के लिए सार्वजनिक और निजी दोनों ऑपरेटरों द्वारा प्रयोग किये जाते हैं।[२१] 2008 तक , 52 परम को तैनात किया गया है। इनमें से 8 कनाडा, रूस, सिंगापुर और जर्मनी में स्थित हैं।[१२] कुछ तंजानिया, आर्मीनिया, सऊदी अरब, सिंगापुर, घाना, म्यांमार, नेपाल, कजाकिस्तान, उजबेकिस्तान, और वियतनाम को भी बेचे गए हैं।[१३]

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ