न्यू डेवलपमेंट बैंक

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
(न्यू डेवलमेंट बैंक से अनुप्रेषित)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.
न्यू डेवलपमेंट बैंक
NDB BRICS
न्यू डेवलपमेंट बैंक का लोगो
बैंक के सदस्य देश
बैंक के सदस्य देश
संक्षेपाक्षर नया विकास बैंक, ब्रिक्स बैंक
स्थापना साँचा:if empty
प्रकार अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्था
वैधानिक स्थिति संधि
उद्देश्य ब्रिक्स देशों व अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं में ढाँचागत विकास परियोजनाओं के लिए आर्थिक मदद उपलब्ध करवाना।[१]
मुख्यालय शंघाई, चीन
स्थान स्क्रिप्ट त्रुटि: "list" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
स्थान स्क्रिप्ट त्रुटि: "list" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
साँचा:longitem क्षेत्र साँचा:if empty
साँचा:longitem

साँचा:flag
साँचा:flag/core
साँचा:flag/core
साँचा:flag
साँचा:flag/core
साँचा:flag/core
साँचा:flag/core
साँचा:flag/core

साँचा:flag/core
साँचा:longitem के वी कामत
Leader marcosh trayoja , अध्यक्ष
साँचा:longitem ब्रिक्स
संबद्धता ब्रिक्स
साँचा:longitem खरब $
साँचा:longitem साँचा:if empty
जालस्थल साँचा:urlसाँचा:citation needed
साँचा:longitem साँचा:if empty

न्यू डेवलपमेंट बैंक जिसे पहले ब्रिक्स बैंक के अनौपचारिक नाम से भी जाना जाता था ब्रिक्स समूह के देशों द्वारा स्थापित किए गए एक नए विकास बैंक का आधिकारिक नाम है। 2014 के ब्रिक्स सम्मेलन में 100 अरब डॉलर की शुरुआती अधिकृत पूंजी के साथ नए विकास बैंक की स्थापना का निर्णय किया गया।[२] [३] माना जा रहा है कि इस बैंक और फंड को पश्चिमी देशों के वर्चस्व वाले विश्व बैंक और आईएमएफ जैसी संस्थाओं के टक्कर में खड़ा किया जा रहा है।[४]

बैंक पांच उभरते बाजारों के बीच अधिक से अधिक वित्तीय और विकास सहयोग को बढ़ावा के लिए बनाया गया है। साथ में, 2014 की गणनानुसार चार मूल ब्रिक देशों में 3 अरब लोग या दुनिया की आबादी का 41.4 प्रतिशत शामिल है, तीन महाद्वीपों में दुनिया की भूमि क्षेत्र के एक चौथाई से अधिक को घेरते हैं, और वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 25 प्रतिशत से अधिक के लिए उत्तरदायी हैं। बैंक का मुख्यालय शंघाई, चीन में है।[५] विश्व बैंक के विपरीत जिसमे पूंजी शेयर के आधार पर वोट प्रदान करता है ब्रिक्स बैंक में प्रत्येक भागीदार देश को एक वोट आवंटित किया जाएगा, और भागीदार देशों में से किसी के पास वीटो का अधिकार नहीं होगा।[६]

इतिहास

बैंक की स्थापना का विचार दिल्ली में आयोजित 2012 में चौथे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भारत द्वारा प्रस्तावित किया गया था। एक नए विकास बैंक का गठन शिखर सम्मेलन के लिए मुख्य एजेंडा था।[७]

27 मार्च 2013 को डरबन, दक्षिण अफ्रीका में आयोजित 5वे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में ब्रिक्स नेताओं द्वारा इसको सहमति दी गयी।[८] 15 जुलाई 2014 को, फ़ोर्टालेज़ा, ब्राजील में आयोजित छटे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के पहले दिन, उभरती अर्थव्यवस्थाओं के समूह ने $ 100 बिलियन बैंक और $ 100 बिलियन के आरक्षित मुद्रा पूल बनाने के लिए लंबे समय से प्रत्याशित दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर किए।[९] दोनों पश्चिमी आधारित ऋण संस्थानों और डॉलर के प्रभाव का मुकाबला करेंगे। ब्रिक्स देशों के बीच निर्यात, ऋण एजेंसियों और नवाचार पर सहयोग के एक समझौते के दस्तावेजों पर भी हस्ताक्षर किए गए। [१०] शंघाई, नई दिल्ली और जोहानसबर्ग में प्रतियोगिता के बाद मुख्यालय के रूप में शंघाई को चुना गया। एक अफ्रीकी क्षेत्रीय केंद्र जोहांसबर्ग में स्थापित किया जाएगा।[११]

बैंक का पहला अध्यक्ष भारत से होगा,[१२][१३] बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स के इनोगुरल चेयरमैन ब्राज़ील से होंगे व बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के इनोगुरल चेयरमैन रूस से होंगे।[५] 11 मई 2015 को, केवी कामथ को बैंक अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया।[१४]

उद्देश्य एवं कार्य

इसका उद्देश्य ब्रिक्स देशों और अन्य उभरती तथा विकासशील अर्थव्यवस्थाओं की सतत विकास की मूलभूत परियोजनाओं के लिए वित्तीय संसाधन जुटाना है।[१५] इस बैंक का प्रमुख कार्य होंगे- किसी देश शॉर्ट-टर्म लिक्विडिटी समस्याओं को दूर करना, ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग बढ़ाना, वैश्विक फाइनैंशल सेफ्टी नेट को मजबूत करना आदि।

पृष्ठभूमि व इतिहास

प्रथम ब्रिक्स शिखर सम्मेलन वैश्विक आर्थिक संकट के दौरान हुआ था। ब्राज़ील, भारत, रूस व चीन सभी बहुत बड़ी अर्थव्यवस्थाएँ हैं। 2008 का आर्थिक संकट अमेरिका से शुरु हुआ था तथा तमाम वैश्विक वित्तीय संगठन यथा विश्व बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) जैसे वित्तीय संस्थानों पर परोक्ष या अपरोक्ष रूप से अमेरिका अथवा यूरोप का ही वर्चस्व रहा है।[४] ऐसे में अमेरिका के संकटग्रस्त होने से इन सभी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं पर भी अनावश्यक बोझ पड़ा। इसी समस्या से निपटने के लिए ब्रिक्स समूह की स्थापना हुई। 2012 ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में औपचारिक तौर पर एक नए विकास बैंक का प्रस्ताव लाया गया।

किंतु अभी समस्याएँ बहुत थीं। दक्षिण अफ्रीका के डरबन शहर में हुए 2013 ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में ब्रिक्स के नेता एक नया विकास बैंक बनाने के मु्ददे पर सहमति बनाने में नाकाम रहे।[१६] असहमति के प्रमुख आधार बैंक के मुख्यालय का स्थान तथा इसमें देशों की अंशधारिता थी। चीन और भारत मुख्यालय को अपने अपने देशों में चाहते थे। चीन चाहता था कि भागीदारी अर्थव्यवस्था के आकार के अनुपात में हो। लेकिन बाकी देशों को यह स्वीकार नहीं था क्योंकि सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने के नाते इस व्यवस्था से इस बैंक पर चीन का एकाधिकार होने का डर था। बाकी देश चाहते थे कि इस बैंक में सभी देश बराबर के भागीदार हों।


2014 सम्मेलन में भी असहमति का दौर जारी था। समाचार एजेंसी रॉयटर के अनुसार, आखिरी 10 मिनट में समझौते पर राजीनामा हुआ[१७] और इस बैंक की स्थापना की घोषणा हुई। समझौते के तहत बैंक का मुख्यालय चीन को मिल गया, पहली अध्यक्षता भारत को मिली, रूस व ब्राजील को क्रमशः बोर्ड ऑफ गवर्नर्स और बोर्ड ऑफ डॉयरेक्टर्स के प्रथम संचालन मिले। दक्षिण अफ्रीका में अफ्रीकी क्षेत्रीय मुख्यालय रखा गया।

बैंक की स्थापना की घोषणा के बाद भी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की आलोचना करते हुए 2014 शिखर सम्मेलन की संयुक्त उद्घोषणा में कहा गया कि - "हम इस बात पर निराश हैं और गंभीर चिंता व्यक्त कर रहे हैं कि 2010 के अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष संबंधी सुधारों को लागू नहीं किया गया। इससे अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष की वैधता, विश्वसनीयता व प्रभावशीलता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।"[१५] विश्व बैंक की आलोचना भी इन शब्दों में की गई - " विश्व बैंक के ..... ये संभावित लक्ष्य तभी पूरे होंगे जब यह संस्थान अधिक लोकतंत्रीय संरचना की तरफ बढ़ेगा।"

इससे स्पष्ट है कि यह वैश्विक वित्त संस्थानों पर पश्चिमी देशों के कब्जे को सीधी चुनौती थी।

मुख्यालय

बैंक का मुख्यालय चीन के शंघाई में होगा।[३][१५] नया विकास बैंक का क्षेत्रीय केन्द्र फिलहाल दक्षिण अफ्रीका में बना रहेगा।

अध्यक्ष

बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के पहले प्राधिकारी रूस के होंगे और निदेशक मंडल के पहले प्राधिकारी ब्राजील से होंगे। बैंक का प्रथम अध्यक्ष भारत से होगा। हर सदस्य देश को पाँच साल तक अध्यक्षता करने का अवसर मिलेगा।[१५] क वी कामत ७ जुलाई २०२० तक अध्यक्ष रहेंगे | उनके बाद ब्राज़ील के मार्कोस ट्रोइजो न्यू डेवलपमेंट बैंक के अध्यक्ष का पद संभालेंगे |[१८]

पूंजी

यह बैंक शुरू-शुरू में 100 अरब अमरीकी डालर की प्राधिकृत पूंजी जुटाएगा। इस धनराशि में सभी संस्थापक सदस्य बराबर-बराबर राशि देंगे।[१५]

सन्दर्भ

  1. साँचा:cite web
  2. साँचा:cite web
  3. साँचा:cite news
  4. साँचा:cite news
  5. साँचा:cite web
  6. साँचा:cite web
  7. साँचा:cite web
  8. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> का गलत प्रयोग; VOA नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है।
  9. "Brics nations to create $100bn development bank" स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।. BBC.com. 15 July 2014
  10. "BRICS establish $100bn bank and currency reserves to cut out Western dominance" स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।. RT.com. 15 July 2014
  11. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  12. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  13. साँचा:cite web
  14. साँचा:cite news
  15. साँचा:cite web
  16. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  17. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  18. साँचा:cite web