नो-बॉल

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नोबॉल अथवा नो-बॉल (अंग्रेजी : No-Ball, हिन्दी अनुवाद- गेंद नहीं, अमान्य गेंद) क्रिकेट नामक खेल में क्षेत्ररक्षण कर रही टीम पर लगने वाला दण्ड है जो मुख्यतः गेंदबाज़ द्वारा नियमावली के अनुसार गेंद नहीं फेंकने पर लगता है। क्रिकेट के अधिकतर प्रारूपों में, नो-बॉल की परिभाषा एमसीसी- लॉ ऑफ़ क्रिकेट के अनुसार रखी जाती है हालांकि युवा क्रिकेट में तथा अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट में बीमर पर कठिन नियम लागू होते हैं एवं बाउंसर (कंधों से ऊपर जाने वाली गेंद) पर शिथिल नियम होते हैं।

किसी भी नो-बॉल पर वाइड-बॉल की तरह दिया जाता है और कुछ नियमों में यह चेतावनी भी हो सकती है - यदि कोई गेंद नियमावली के चरम पर है तो इसे निलम्बन के रूप में भी एक और गेंद फेंककर पूरा किया जाता है। इसके अलावा, रन-आउट के अतिरिक्त अन्य किसी भी तरह से नो-बॉल की अवस्था में बल्लेबाज को आउट नहीं किया जा सकता। ट्वेन्टी ट्वेन्टी एवं हाल ही में एक-दिवसीय खेलों में किसी भी प्रकार की नो-बॉल के बाद बल्लेबाज को एक 'फ्री-हिट' भी मिलती है। इसका अर्थ यह हुआ कि नो-बॉल के आगे वाली गेंद पर बल्लेबाज, आउट होने के भय के बिना किसी भी प्रकार गेंद को खेल सकता है। नो-बॉल असामान्य नहीं है और छोटे प्रारूप के खेलों तथा मुख्यतः तेज गेंदबाजों द्वारा लम्बे रन-अप के कारण ऐसी गेंदबाजी देखने को मिलती है।

कुछ प्रकार की नो-बॉल खतरनाक तथा अनुचित मानी जाती हैं। यदि इस तरह की गेंद फैंकी जाती है तो गेंदबाज को, गेंदबाज़ी से तुरन्त निलम्बित किया जा सकता है।

नो-बॉल का निर्माण

नो-बॉल विभिन्न कारणों से हो सकती है।[१] मुख्यतः यह, गेंदबाज द्वारा निम्नलिखित में से कोई एक नियम तोड़ने से होती है। (फ्रंट फुट नो-बॉल अथवा बैक फुट नो-बॉल)

खतरनाक गेंदबाजी (बीमर) इसका अन्य सामान्य उदाहरण हैं।[२]

सन्दर्भ