नेपाल में एलजीबीटी अधिकार

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नेपाल समलिंगी अधिकार और अन्य समान अधिकार (अंग्रेजी में: गे, बाइसेक्सुअल, ट्रांसजेंडर और इंटरसेक्स) (एलजीबीटीआई) अधिकार में न सिर्फ दक्षिण एशिया में अपितु पूरे विश्व में सबसे अधिक प्रगतिशील देशों में से एक है, जैसा कि देश ने अपने नए संविधान में समलिंगी अधिकार को मूल सिद्धांत के रूप में मान्यता दे दिया है।

नेपाल का वर्तमान का एलजीबीटीआई कानून विश्व के कुछ सबसे अधिक खुला कानून (ओपेन लॉ) में से एक है और एलजीबीटीआई की पहचान पाये नेपाली लोगों के लिए यह एक अधिकार का गुच्छा है।

नेपाल सरकार, जो २००७ में राजतंत्र को खत्म कर बनी थी ने कई अन्य नए कानून बनाये और साथ-साथ २००७ में समलैंगिक कानून को देश भर में कानूनन मान्य (लीगल) कर दिया। लैंगिक निर्धारण को स्पष्टता के साथ मान्य करते हुए नए कानून बनाये, जो पुराने संविधान में नहीं था। नया नेपाल का संविधान १६ सितम्बर २०१५ को संविधान सभा द्वारा अनुमोदित किया गया। इस संविधान में कई ऐसे प्रावधान सम्मिलित किये गए हैं जो एलजीबीटीआई लोगों से संबंध रखते हैं, जिनमे से कुछ ये हैं:

  • अपने पहचान पत्र पर अपने पसंद का लिंग (जेंडर) रखने के अधिकार
  • किसी भी तरह का लिंग भेद (चाहे लिंग को लेकर हो या लिंग निर्धारण को लेकर हो) करना मना है।
  • जरूरत पड़ने पर विशेष सुरक्षा प्रदान करने का प्रावधान
  • यदि किसी का लिंग "पुरुष", "स्त्री", "बेटा" और "बेटी" पूर्व के किसी दस्तावेज पर था तो अब अपनी मर्जी से तटस्थ-लिंग (जेंडर-न्यूट्रल) करा सकता है।
  • The right of access to state process and public services for gender and sexual minorities