निहारी

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निहारी
Nihari.JPG
सजावट के साथ निहारी
उद्भव
देश का क्षेत्र दक्षिण एशिया
व्यंजन का ब्यौरा
भोजन नाश्ते सहित दिनभर के भोजन का भाग
परोसने का तापमान गर्म
मुख्य साँचा:nowrap गोमांस की टांग, मेमने, भेड़ अथवा बकरी का मास
अन्य जानकारी कुलचा के साथ सेवित

निहारी (साँचा:lang-ur) पाकिस्तान, भारत[१] और बांग्लादेशी पकवान है। इसे समान्यतः कम पकाये हुए भैंसे, मेमने अथवा बकरी के मास के सहित इनके मस्तिष्क या अस्थि मज्जा साथ परोसा जाता है।

== यह पकवान मुख्यतः सुबह के समय खाया जाता है। सुबह के नाश्ते पे खाने जानेवाला व्यंजन उत्तर भारतीय भाषाओं में निहारी कहते है।

इतिहास

कुछ स्रोतों के अनुसार: निहारी का उत्पत्ति मुग़ल साम्राज्य के पतन के समय अट्ठारवीं सदी के दौरान पुरानी दिल्ली (जामा मस्जिद एवं दरियागंज इलाकों में) हुआ। मुसलमान नवाब शुबह जल्दी उठकर निहारी का सेवन करते थे और बाद में लम्बे समय तक विराम करने के पश्चात दोपहर की नमाज पढ़ने जाते थे। उसके बाद यह मजदूर लोगों में भी प्रचलन में आ गयी और नाश्ते के रूप में प्रसिद्ध भोजन बना।

अन्य वैकल्पिक कथाओं के अनुसार यह वर्तमान उत्तर प्रदेश के लखनऊ की शाही रसोइयों से होते हुए प्रसिद्धि हासिल करने के बाद मुस्लिम नवाबों की रसोई में पहुँचा।[२]

निहारी दक्षिण एशियाई मुसलमानों के समग्र भोजन के साथ विकसित हुआ। यह बांग्ला देश के कुछ भागो, मुख्यतः ढाका चिटगाँव में पुराने समाय से लोकप्रिय है। लोग एक पूरी रात के लिए इसे पकाते थे और सुबह सूर्योदय के समय इसका भोजन किया करते थे। यह पाकिस्तान में राष्ट्रीय व्यंजन के रूप में प्रसिद्ध खाद्य है। भोजन परोसते समय इसे थाली में चरपराहट और स्वाद के लिए रखा जाता है। यह भोजन में मूल रूप से चरपराहट और बनावट पर असंख्य विविधताएँ लाने में सहायक है।[३][४]

दवा के रूप में

निहारी का उपयोग जुकाम, नासास्त्राव और बुखार के समय घरेलू उपचार की तरह किया जाता है।[५] पुरानी मनगढ़ंत कथाओं के अनुसार सैकड़ों वर्ष पूर्व दिल्ली में हाकिमों द्वारा इसे दवा के रूप में दिया जाता था।[१]

सर्वमान्यता

निहारी मुख्यतः दिल्ली के मुस्लिमों का व्यंजन था जो पाकिस्तान की स्वतंत्रता के पश्चात बहुत से रसोइये कराची सहित कुछ पूर्वी भागों (जो अब बांग्लादेश में हैं) में विस्थापित हो गये और भोजनालय स्थापित कर लिए। कराची में, निहारी ने पुरी तरह से सफलता प्राप्त की[१] और शीघ्र ही पुरे पाकिस्तान में लोकप्रिय हो गया।

विविधता

निहारी का हैदराबादी रूप में गोस्त अस्थि और जीभ को साथ में परोसा जाता है। निहारी के अन्य रूपों में कई ब्राण्ड कम्पनियों द्वारा शिघ्र पकने वाले मसाला व्यंजनों के प्रसार के कारण लोकप्रिय व्यंजन है।

लखनऊ में निहारी को बहुपरती कुल्चा के रूप में परोसा जाता है। यह गोल दरवाजा, चौक क्षेत्र के निकट की टुण्डे कबाब की दुकानों पर उपलब्द्ध है।

नल्ली निहारी इसका ही एक और रूपांतरण है जो मज्जा अस्ति के साथ बनाया जाता है।[६]

इन्हें भी देखें

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सन्दर्भ

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बाहरी कड़ियाँ

  1. Nihari a la Mexican style स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, But if there is one dish that migrated from Delhi to Karachi and became a roaring success then it is none other than nihari, a curry with lots of red meat, a sprinkling of bheja (brain) and garnished with thin slices of ginger.
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