नारी शक्ति सम्मान
नारी शक्ति पुरस्कार | |
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प्रदानकर्ता | भारत सरकार |
धनराशि | ₹ 3.56लाख |
नारी शक्ति सम्मान या पुरस्कार भारत द्वारा दिये जाने वाले राष्ट्रीय सम्मान की एक श्रृंखला है और यह असाधारण उपलब्धि के लिए व्यक्तिगत महिलाओं को प्रदान किया जाता है। यह सम्मान महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा छः श्रेणियों में दिया जाता है।[१] यह कठिन परिस्थितियों में एक महिला की हिम्मत की भावना को पहचानता है, जिसने अपने निजी या व्यावसायिक जीवन में साहस की भावना स्थापित की है और महिलाओं के सशक्तिकरण और महिलाओं के मुद्दों को बढ़ाने में एक व्यक्ति के अग्रणी योगदान की भी पहचान है। यह सम्मान अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति द्वारा[२] प्रत्येक वर्ष नई दिल्ली में ८ मार्च को प्रदान किया जाता है।[३] इस पुरस्कार में एक लाख रुपये और एक प्रमाण पत्र दिया जाता है। इस सम्मान का आरम्भ वर्ष १९९९ में हुआ था।[१]
सम्मान श्रेणियाँ
इस सम्मान का नाम भारतीय इतिहास की प्रख्यात महिलाओं की स्मृति में रखा गया है और निम्न श्रेणियों में दिया जाता है:[४][५]
- देवी अहिल्याबाई होल्कर सम्मान: १८वीं शताब्दी की मालवा शासिका के नाम पर।
- कण्णगी सम्मान: प्रसिद्ध तमिल स्त्री, कण्णगी के नाम पर।
- माता जीजाबाई सम्माण: वीर शिवाजी की माता. जिन्होंने १७वीं शताब्दी में मराठा साम्राज्य की स्थापना की थी।
- रानी गाएदिनलिउ ज़ेलियांग सम्मान: २०वीं शताब्दी की नागा आध्यात्मिक एवं राजनीतिक नेत्री, रानी गाएदिनलिउ ज़ेलियांग के नाम पर।
- रानी लक्ष्मीबाई सम्मान: झांसी की प्रसिद्ध रानी एवं स्वतंत्रता सेनानी रानी लक्ष्मीबाई के नाम पर।
- रानी रुद्रम्मा देवी सम्मान (पुरुष एवं स्त्रियों, दोनों के लिये): १३वीं शताब्दी की दक्षिन पठार की शसिका रुद्रम्मा देवी के नाम पर।
चित्र दीर्घा
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी मानसी प्रधान को ८ मार्च, २०१४ को राष्ट्रपति भवन में रानी लक्ष्मीबाई स्त्री शक्ति सम्मान देते हुए।
गार्गी गुप्ता एवं अन्य २०१७ के नारी शक्ति सम्मानित स्त्रियां, मन्त्रिणी मेनका गांधी से बात करते हुए।
सन्दर्भ
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- ↑ साँचा:cite web
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