द्वारका द्रुतगामी मार्ग

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.
द्वारका द्रुतगामी मार्ग
उत्तरी परिधीय सड़क (एनएच २४८बीबी)
मार्ग की जानकारी
लंबाई: २७.६ कि॰मी॰ (१७.१ मील)
प्रमुख जंक्शन
आरम्भ: शिव मूर्ति, महिपालपुर, दिल्ली
तक: खेड़की दौला टोल प्लाजा, गुरुग्राम
स्थान
राज्य:दिल्ली, हरियाणा
द्वारका द्रुतगामी मार्ग पर निर्माण कार्य

द्वारका द्रुतगामी मार्ग, जो द्वारका एक्सप्रेसवे, उत्तरी परिधीय सड़क (नॉर्दर्न पेरीफेरल रोड) या राष्ट्रीय राजमार्ग २४८बीबी (एनएच २४८बीबी) इत्यादि नामों से भी जाना जाता है, दिल्ली के द्वारका उपनगर को गुरुग्राम से जोड़ने वाला ८ लेन का एक निर्माणाधीन द्रुतमार्ग है। यह द्रुतमार्ग दिल्ली में राष्ट्रीय राजमार्ग ४४ पर महिपालपुर के निकट स्थित शिव मूर्ति से प्रारम्भ होकर गुरुग्राम में खेड़की दौला टोल प्लाजा के निकट समाप्त होगा।[१] गुरुग्राम से दिल्ली आने वाले वाहनों के लिए यह द्रुतमार्ग दिल्ली-गुरुग्राम द्रुतगामी मार्ग के एक विकल्प के रूप में कार्य करेगा।[२]. स्थिति अघतन = निर्माण कार्य 30 प्रतिशत कार्य प्रगति पर

इतिहास

२००६ में द्वारका और गुड़गांव को जोड़ने के लिए एक वैकल्पिक मार्ग के रूप में द्वारका द्रुतगामी मार्ग का विचार रखा गया था।[३] इसे एक १८ किमी लंबी, सिग्नल-फ्री रोड के रूप में बनाया जाना था, जिसका १४ किमी लम्बा हिस्सा गुड़गांव में और शेष दिल्ली में होता।[४] एक ३.२ किमी लंबी केंद्रीय परिधीय सड़क (सीपीआर) भी प्रस्तावित थी, जो इसे एनएच -४८ पर खेड़की दौला में दक्षिणी पेरिफेरल रोड (एसपीआर) से जोड़ती। २००७-०८ में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गयी।[५] अप्रैल २०११ में जेएसआर कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड और इंडिया बुल्स प्राइवेट लिमिटेड को इसके निर्माण के लिए अनुबंध दिया गया था, और तब इस परियोजना के पूरा होने की तारीख ३१ मार्च २०१२ निर्धारित की गई थी।[६]

परियोजना निर्धारित समय सीमा के अंदर पूरी नहीं हो पायी, क्योंकि मार्ग के अंतर्गत लगभग ४ किमी के हिस्से के लिए न्यू पालम विहार और सेक्टर १००, १०२ और १०३ समेत कुछ क्षेत्रों में भूमि अधिग्रहण में कुछ अड़चनें आ पड़ी थी।[७] पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने मई २०१५ में इन सभी याचिकाओं का निपटारा कर दिया,[५][८] और फिर जून २०१६ में इस परियोजना को राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा अधिग्रहित कर लिया गया, जिसके बाद इस सड़क का नाम राष्ट्रीय राजमार्ग २४८-बीबी रख दिया गया।[९] इस समय तक, लगभग १४ किलोमेटेर के हिस्से में छह लेन की सड़क बनकर तैयार हो चुकी थी।[१०]

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने जब इस परियोजना का अधिग्रहण कर लिया, तो परियोजना के दायरे का विस्तार किया गया, और फिर प्रस्तावित केंद्रीय परिधीय सड़क और शहरी विस्तार रोड-२ (यूईआर II) के ६.३ किमी लंबे खंड को एक्सप्रेसवे के हिस्से के रूप में ही शामिल कर दिया गया।[११] हालाँकि निर्माण जल्द ही शुरू नहीं किया जा सका क्योंकि पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार हुडा अब तक पालम विहार के निवासियों को वैकल्पिक भूखंडों का आवंटन कर एनएचएआई को भूमि नहीं सौंप पाया था।[१२] २८ मई २०१८ को उच्च न्यायालय ने हुडा को निर्देश दिया कि वह दो हफ्तों के भीतर ७२ पीड़ितों को वैकल्पिक घर आवंटित करे, ताकि प्राधिकरण शेष घरों को ध्वस्त कर भूमि को एनएचएआई को सौंप दे।[१३]

परियोजना

परियोजना को कई चरणों में बांटा गया है:[१४]

प्रथम चरण

परियोजना के प्रथम चरण के अंतर्गत प्रस्तावित हिस्सा ५.३ किलोमीटर लम्बा है। यह हिस्सा महिपालपुर के समीप शिव मूर्ति से प्रारम्भ होता है, और इन्दिरा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र के साथ साथ होते हुए द्वारका सेक्टर २१ के पास स्थित रेलवे अंडरब्रिज पर समाप्त हो जाता है।

द्वितीय चरण

द्वितीय चरण का हिस्सा रेलवे अंडरब्रिज से शुरू होकर दिल्ली-हरियाणा सीमा पर समाप्त हो जायेगा। इसकी लम्बाई ४.२ किलोमीटर है।

तृतीय चरण

इस चरण के अंतर्गत दिल्ली हरियाणा सीमा से बसई रेलवे ओवरब्रिज तक सड़क बनेगी। यह सड़क गुरुग्राम के सेक्टर १०२, १०३, १०४, १०५, १०६, १०९, ११०, १११, ११२ और ११३ से होते हुए गुजरेगी।[१५]

चतुर्थ चरण

इस चरण की सड़क को पहले केंद्रीय परिधीय सड़क (सीपीआर) कहा जा रहा था। यह सड़क बसई में रेलवे ओवर ब्रिज से शुरू होगी और एनएच ४८ पर खेड़की दौला के पास क्लोवरलीफ इंटरचेंज पर समाप्त होगी।[१६]

पंचम चरण

इसे दिल्ली एयरपोर्ट टनल एक्सप्रेसवे भी कहा जा रहा है। पूर्व-से-पश्चिम की ओर जाने वाली यह सुरंग ४ किमी लम्बी होगी, जो द्वारका एक्सप्रेसवे को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल ३ से जोड़ेगी। नवंबर २०१७ में इसकी घोषणा की गई थी।[१७]

सन्दर्भ

  1. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  2. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  3. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  4. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  5. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  6. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  7. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  8. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  9. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  10. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  11. (September 2017) Draft Feasibility Report - Package 2 Dwarka Expressway.. (Report). स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  12. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  13. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  14. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  15. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  16. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  17. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।