देवकीनंदन ठाकुर
देवकीनंदन ठाकुर | |
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जन्म |
12 सितम्बर 1967 मथुरा, उत्तर प्रदेश, भारत |
व्यवसाय | आध्यात्मिक गुरु |
पुरस्कार | यूपी रत्न पुरस्कार |
देवकीनंदन ठाकुर एक हिंदू पुराण कथावाचक, गायक [१] और एक आध्यात्मिक गुरु हैं। वे 1997 से श्रीमद भागवत कथा, श्री राम कथा, देवी भागवत, शिव कथा, भगवत गीता इत्यादि प्रवचन देते हैं। उन्हें 2015 में यूपी रतन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।[२]
जीवनी
देवकीनंदन का जन्म 12 सितम्बर 1978 को उत्तर प्रदेश के मथुरा के ओहावा गाँव में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। 6 साल की उम्र में वह घर छोड़कर वृंदावन पहुंचे और ब्रज के रासलीला संस्थान में हिस्सा लिया। यहां उन्होंने भगवान कृष्ण और भगवान राम की भूमिकाएं निभाईं|[१]
13 साल की उम्र में उन्होंने श्रीमद्भागवतपुराण कंठस्थ कर लिया, उन्होंने निंबार्क संप्रदाय के अनुयायी के रूप में गुरु-शिष्य की परंपरा के तौर पर दीक्षा ली।
18 साल की उम्र में दिल्ली के शाहदरा में श्रीराममंदिर में श्रीमदभागवत महापुराण के उपदेश लोगों को दिए।.[3] देवकीनंदन ठाकुर ने देश के बाहर पहली बार हांगकांग में श्रीमद् भागवत महापुराण का प्रवचन किया था। वह अमेरिका, सिंगापुर, थाईलैंड, मलेशिया, डेनमार्क, स्वीडन, नॉर्वे और हॉलैंड जैसे देशों में अपने कथा वाचन का प्रोग्राम कर चुके हैं।[२]
करियर
1997 से, वह भगवत गीता और राम कथा के प्रचार में सक्रिय हैं।[३] धर्म के प्रचार के लिए वह पूरे देश के साथ-साथ विदेश भी जाते हैं। उन्होंने विश्व में शांति का प्रसार करने के लिए विश्व शांति सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना की।[३] उनके कार्यों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी [४], मथुरा की एमपी हेमा मालिनी, और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सराहा। उन्हें धर्मार्थ कार्यों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा यूपी रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया।[५]
संदर्भ
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- ↑ साँचा:cite web
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