दाल बाटी चूरमा

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दाल बाटी चूरमा
उद्भव
संबंधित देश भारत
देश का क्षेत्र राजस्थान, पश्चिम भारत

दाल बाटी चूरमा एक राजस्थानी व्यंजन है। बाटी मोटे गेहू के आटे से बनाई जाती है।[१] चूरमा मीठे आटे का मिश्रण होता है। यह एक धार्मिक अवसरों, गोठ, विवाह समारोहों और राजस्थान में जन्मदिन पार्टियों में भी बनाई जाती है। दाल बाटी चूरमा आमतौर पर दोपहर के भोजन के समय या खाने के समय के दौरान या तो सेवा है। अधिक घी का स्वाद इसे और भी बेहतर स्वाद बना देता है। जोधपुर ,जयपुर और जैसलमेर के शहर इस राजस्थानी पकवान के लिए प्रसिद्ध हैं। दाल, बाटी, चूरमा उत्तम राजस्थान विशेषता के रूप में जाना जाता है एक राजस्थानी खाना है। या अधिक मसाला राजस्थानी खाने की विशेषता है। चूरमा में एक अंतहीन विविधता है रंग जो सामग्री पर निर्भर करता है और एक आश्चर्यजनक विविधता है जिनमें से कई एक साथ परोसा जा सकता है, रोटी के साथ जो इसे फिर से गेहूं या मक्का या बाजरा से मिलकर बनाया जाता है।।

बाटी के लिये सामग्री

आटा –चार कप

बेसन –एक कप

घी –एक कप

दही –आधा कप

अजवाइन –एक छोटा चम्मच

नमक –स्वादानुसार

विधि

आटे में दही, बेसन, घी, अजवाइन तथा जरूरत के अनुसार पानी डाल कर नरम गूंध लें नींबू के आकार की गोलियाँ बना लें .ढक कर एक घंटे के लिए रख दें गर्म कोयले पर बारी बारी से सुनहरा होने तक सेक ले फिर गर्म घी में डाल कर रखें

सामग्री, दाल के लिए

मूंग की छिलके वाली दाल –सौ ग्राम

चना दाल –पचास ग्राम

अरहर दाल –पचास ग्राम

उडद दाल –पचास ग्राम

प्याज बारीक़ कटी –एक

टमाटर बारीक़ कटा –एक

हर धनिया –थोडा सा

घी –दो छोटा चम्मच

हल्दी –आधा छोटा चम्मच

गर्म मसाला –आधा छोटा चम्मच

लाल मिर्च –एक बड़ा चम्मच

लहसुन अदरक का पेस्ट –एक छोटा चम्मच

हींग –चुटकी भर

नीबू –एक

विधि

सभी दाले एक साथ उबाल कर रख लें .एक पतीली में दो चम्मच घी डाल कर जीरा, तेज पत्ता और चुटकी भर हींग डालें .प्याज तथा अदरक लहसुन का पेस्ट डाल कर भूरा होने तक भून लें टमाटर डाल कर थोड़ी देर पकाएं .फिर सभी मसाले, दाल तथा नमक डाल कर रस गढा होने तक पकाएं दाल को हरे धनिया से सजाएं नीबू निचोड़ दें। खाते समय गर्म बाटी को दाल में डुबो कर खाएं।

संदर्भ