थारपारकर गाय
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थारपारकर गाय राजस्थान में जोधपुर और जैसलमेर में मुख्य रूप से पाई जाती है। इस नस्ल की गाय भारत की सर्वश्रेष्ठ दुधारू गायों में गिनी जाती है। इस गाय का उत्पत्ति स्थल 'मालाणी' (बाड़मेर) है। राजस्थान के स्थानीय भागों में इसे 'मालाणी नस्ल' के नाम से जाना जाता है। थारपारकर गौवंश के साथ प्राचीन भारतीय परम्परा का इतिहास भी जुडा हुआ है.
शारीरिक विशेषताएँ
- पशु का रंग साधारणतया सफेद या धूसर होता है तथा इसकी पीठ के ऊपर हल्के धूसर (मटमैले, Grey) रंग की धारियां होती है।
- इसका सिर मध्यम आकार का माथा चौड़ा तथा ललाट उभरा हुआ होता है।
- इसकी सींग मध्यम लंबाई के मोटे होते हैं
- इसके कान लंबे चौड़े होते हैं तथा कान के अंदर की त्वचा हल्की पीली होती है।
- इसकी पूंछ लंबी, पतली तथा (FETLOCK JOINT) तक लटकी हुई होती है।
- अन्य
- औसत शरीर भार
- नर 480-500 किलोग्राम , मादा 400-450 किलोग्राम
- औसत दूध उत्पादन - 1600-2500 लीटर प्रति ब्यान
- वसा - 4.88 (4.72-4.90,4.5)
इन्हें भी देखें
- थारपारकर जिला (पाकिस्तान के सिन्ध प्रान्त का जिला)