त्वचाखरता

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.
Xeroderma knuckles.jpg

त्वचाखरता (xeroderma) त्वचा का एक रोग है। त्वचा का रूखा हो जाना (जेरोडर्मा) या जन्म से सूखी त्वचा होना (जेरोडर्मिया) एक ऐसी समस्या है जो कि अध्यावरणी तंत्र की गड़बड़ी के कारण होती है। आम तौर पर इसका इलाज नमीकारक के इस्तेमाल के द्वारा किया जा सकता है।

सुखी त्वचा की समस्या काफ़ी भद्दी और पीड़ादायक हो सकती है। जेरोडर्मा आम तौर पर खोपड़ी, पैरों के निचले भाग, बाँह, हाथों, पोरों, पेट के किनारों और जाँघो मे होती है। इसके लक्षणो मे पपड़ी पड़ना (बाहरी त्वचा का उखड़ना), खुजली और त्वचा में दरार पड़ना सबसे आम है। इन सभी भागों में लाल रंग ने निशान बन जातें हैं और लगतार खुजली बनी रहती है।[१]

सामान्य कारण

यह समस्या खास तौर पर जाड़े के मौसम मे होती है जब बाहर की ठंढी हवा और अंदर की गर्म हवा एक निम्न आद्रता वाला वातावरण पैदा करती है। इसके कारण त्वचा अपनी नमी खो देती है और इसमे दरार और पपड़ी पड़ने लगती है। बारबार नहाना और हाथ धोना, खास तौर पर रूखे साबुन से, भी जेरोडर्मा का एक कारण बन सकता है। विटामिन ए, विटामिन डी की कमी, सूरज की किरणों से, प्रदूषण और कुछ प्रकार की दवाएँ भी इसके कारणों मे शामिल हैं।[२] सूखी त्वचा का एक कारण आनुवांशिक गड़बड़ी भी होता है। बढ़ती उम्र के साथ यह समस्या भी बढ़ जाती हैं क्योंकि त्वचा का प्राकृतिक तैलीय अंश कम हो जाता है। शारीरिक रोग, जैसे दमा और थाइरॉयड आदि भी सुखी त्वचा की समस्या को बढ़ाते हैं।

रोकथाम और उपचार

फिर भी आम तौर पर सुखी त्वचा के समस्या बाह्य कारणों से होती है और इस कारण से त्वचा की बाहरी तौर पर की जाने वाली देखभाल का इस पर अच्छा असर पड़ता है। त्वचा की देखभाल के अपने दैनिक क्रियाकलाप मे किया गया हल्का सा परिवर्तन भी इस समस्या के समाधान मे असर कारक हो सकता है। चाहे इसके होने की कोई भी वजह हो कई ऐसे उपाय हैं जिन्हे आजमा कर आप एक सुखी त्वचा को चिकनी और कोमल बना सकते हैं।

सुखी त्वचा का उपचार करना आवश्यक है क्यूंकी ऐसा न करने पर ड्मेटिटिस (जिसमे त्वचा मे सूजन आ जाती है) होने का ख़तरा बना रहता है।[३]

नहाते समय निन्न बातों का ध्यान रखना सूखी त्वचा की रोकथाम मे कारगर हो सकता है-

१. लंबे समय (५ से १० मिनट से ज़्यादा) तक गर्म पानी से नहाने अथवा शावर का प्रयोग करने से बचें। गर्म पानी, गुनगुने पानी की तुलना मे त्वचा का तैलीय अंश जल्दी नष्ट कर देता है और त्वचा का रूखापन बढ़ता है।

२. एक सौम्य प्रकार के क्लिंजर और शावर जेल का प्रयोग कर. रूखे क्लिंजर की जगह बिना गंध वाला, साबुन रहित ओर कम साबुन युक्त क्लिंजर का प्रयोग करें।

३. जब त्वचा मे नमी हो तभी मोस्चुरिजेर लगा लें। अपनी त्वचा को नहाने अथवा हाथ-मुँह धोने के बाद तौलिए से थपथपाएँ ताकि यह गीली बनी रहे। अपने त्वचा की नमी की बनाए रखने के लिए नहाने के ३ से ५ मिनट के अंदर ही मोस्चुरिजेर लगा लें।

४. अपनी रूखी और बेजान त्वचा को दुबारा तरोताज़ा एवं स्वस्थ बनाने के लिए तथा खुजली एवं फटने से छुटकारा दिलाने कुछ घरेलू उपाय नीचे दिए गए हैं :

(क) अपने घर की आद्रता को बनाए रखने के लिए ह्यूमिडिफाइयर का प्रयोग करें।
(ख) सूती और दूसरे तरह के कपड़े ही पहनें। उनी, सिंथेटिक ओर अन्य फॅब्रिक चिड़चिड़ापन पैदा कर सकते हैं।
(ग) खूब पानी पिएं।
(घ) ओमेगा-३ युक्त फल और सब्जियाँ खाएँ. जैसे कि अखरोट, सफोला तेल, दलिया आदि. सादे पानी की मछली भी खाई जा सकती है। इन सब से त्वचा की नमी को उड़ने से बचाने वाले तंत्र को मजबूती मिलती है।

सन्दर्भ

  1. साँचा:cite book
  2. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  3. साँचा:cite web