त्रिप्प्रयार श्री रामा मंदिर

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.
त्रिप्प्रयार श्री रामा मंदिर, केरल।

त्रिप्प्रयार श्री रामा मंदिर

[0] [1]

त्रिप्पैयार, यानी त्रिप्प्रयार श्री रामा मंदिर भारत के केरल राज्य मैं त्रिशूर नामक शहर से लगभग 25 किलोमीटर दूर में स्थित दक्षिण पश्चिमी शहर है।

यह मंदिर भगवान श्री राम को समर्पित है। हिन्दू पुराणो के अनुसार भगवान श्री विष्णु की रूप धरें मूर्तियां राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न को मिलते झुलते मूर्तियाँ त्रिप्प्रयार के किनारे आ पहुंचा और वक्केल कैमल नामक एक स्थानीय नेता द्वारा उन मूर्तियों को क्रमशः त्रिप्प्रयार, तिरुमूज़िक्कलम, कूडलमाणिक्कम और पैम्मेल आदि पुण्य स्थलों पर वेद घोशों के सहारे प्रथिष्टित किया गया। वक्केल कोविलाकम के वंशज दक्षिण की ओर चले गए और त्रिकपालेश्वर के भक्त बन गये और भगवान श्री क्रष्ण के कमल चरणों पर मुक्ति पाने के लिये, निराणं नामक एक जगह (तुडन्गयिल नाम से भी जान ने वाले) और तालवाड़ी नामक गाँव (चेरूस्सेरी मडम) में बस गए। तच्चुडाय कैमाल, जो कार्यवाहक के रूप में काम करता था इरिनजालाकुडा में निवास करते थे। एक ही दिन में इन सभी चार देवताओं की पूजा करना विशेष रूप से शुभधायक माना जाता है।

मूर्ति का रूप बहुत ही विशेश पूर्व है और चतुर भुज धारी विष्णु का रूप है (चतुरभुजा विष्णु) और राम दानव काड़ा पर विजेता के रूप में दिखाया गया है। कहा जाता है कि ब्रह्मा और शिवजी के अंश भी इस मूर्ती में शामिल है जिसके हिसाब से यह विग्रह एक त्रिमूर्ती माना जाता है। इस मंदिर की बाहरी आंगन में भगवान श्री अय्यप्प को दर्शन करके स्मरण करने का मंदिर बना हुआ है।

मंदिर के मुख्य त्यौहार पूरम हैं (मीनम नामक मलयालम महीने में आयोजित) और एकादशी उत्सव भी मनाया जाता है (जो नवंबर दिसंबर में आ पड़ता है). मंदिर में लोकप्रिय बलिदान (समर्पणं) में से एक-ऊट्टू (मछली को -खिलाना है मत्स्य आहार) है, जो नदी में तैरने वाली मछलियों के लिए चावल का अनाज खिलाने का प्रबंध मंदिर के एक सीमा के अन्दर नदी के किनारे किया गया है। [2]

कैसे वहाँ पहूँचे ? त्रिप्रयार, त्रिशूर से सड़क मार्ग में बहुत आराम से पहुँच सकते है, जो एक प्रमुख रेलवे स्टेशन भी है। यह कोच्चि के हवाई अड्डे से करीब 60 किलोमीटर दूर है।

संदर्भ

[3]

[4]

[5]

[6] [2] ^[2] ^ https://web.archive.org/web/20100627090850/http://www.trichur.net/travel/triprayar.html