त्यागराज क्रीड़ा परिसर

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त्यागराज बहुउद्देशीय वातानुकूलित
अंतरंग क्रीड़ा परिसर
Tyagaraj stadium delhi by ashish04.jpg
स्थान दिल्ली, भारत
स्वामित्व शिक्षा निदेशालय, दिल्ली सरकार
सतह घास
निर्माण लागत २९७ करोड़ रु.
वास्तुकार जे.एम.सी प्रोजेक्ट्स (भारत) लि.
क्षमता ६०००
किराएदार
कोई नहीं

त्यागराज क्रीड़ा परिसर दक्षिण दिल्ली में स्थित एक बहुउद्देशीय अंतरंग वातानुकूलित क्रीड़ा परिसर है। यह आई एन ए कालोनी, दिल्ली एवं कोटला मुबारकपुर के निकट त्यागराजनगर में बना है।[१] यह स्टेडियम ६५,००० वर्ग मीटर से अधिक जगह में बना है और इसकी दर्शक क्षमता पांच हजार से अधिक है। इस स्टेडियम की लागत है २९७ करोड़ रुपए।[२] स्टेडियम के बेसमंट में ४६० वाहनों की पार्किंग है। स्टेडियम तीन तलों में बना है और इसमें प्रवेश करने वालों के लिए चारों ओर से सीढ़ियों के साथ रैंप, लिफ्ट और दो-दो एस्केलेटर भी लगे हैं।[२] भारत के अन्य स्टेडियमों की तुलना में यह अब तक की सबसे लंबी छत वाला स्टेडियम है। इसकी लंबाई १०७ मीटर है। छत डालने के लिए बनाए गए १९ फ्रेम ६७,००० किलोग्राम से लेकर ढाई लाख किलोग्राम तक के हैं। इतने वजनी फ्रेमों को दो विदेशी क्रेनों द्वारा उठाकर जमीन से २२ मीटर की ऊंचाई पर फिट गया है। इसी छत पर सोलर पैनल के द्वारा बिजली बनाकर विद्युत आपूर्ति भी की जाएगी। स्टेडियम के बाहर ४०० मीटर लंबा ८ लेन का सिंथेटिक ट्रैक है। इस ट्रैक के बीच में फुटबॉल का मैदान बना है। स्टेडियम के अंदर लॉन्ग जंप, हाईजंप व अन्य एथलेटिक खेलों के लिए भी मैदान हैं। स्टेडियम में ५ टेनिस कोर्ट हैं, जिनमें से ३ क्ले कोर्ट और २ कोर्ट सिंथेटिक हैं। स्टेडियम की इमारत ३०,५०० वर्ग मीटर में बनी है।[३]

ग्रीन स्टेडियम

भारत के सभी स्टेडियमों से लंबी त्यागराज स्टेडियम की छत १०७ मीटर की है। इस छत पर लगे सौर पैनल १ मेगावॉट विद्युत उत्पादन करेंगे।

इस स्टेडियम में पर्यावरण का खासतौर पर ध्यान रखा गया है व देश के पहले ग्रीन स्टेडियम के रूप में तैयार किया गया है। यहां फ्लाई-ऐश से बनी ईंटों का उपयोग किया गया है व इसकी दीवारों में इस तरह से जगह छोड़ी गई है कि बिजली-पानी की लाइनें उससे होकर जाएं। दीवार के पिछली ओर ऐसी व्यवस्था की गई है कि जरूरत पड़ने पर दरवाजा खोलकर लाइनों में आई खराबी को दूर किया जा सके। यहां लगीं टाइलें भी फायर प्रूफ हैं। स्टेडियम अपनी जरूरत की एक तिहाई विद्युत आपूर्ति सौर ऊर्जा से स्वयं करेगा जिसके लिये इसकीविशाल पॉली कार्बोनेटेड शीट से तैयार छत के बीच के ११,००० वर्ग-मीटर हिस्से में सोलर पैनल लगाये गए हैं। इससे प्रतिदिन लगभग एक मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा जो पूरे स्टेडियम में खर्च होने वाली बिजली का एक तिहाई होगा। ये सौर पैनल लगभग १८ करोड़ की लागत से लगाए गए हैं।[४] इसके अलावा वर्षा जल संचयन, वैकल्पिक ऊर्जा के लिए गैस टर्बाइन भी स्टेडियम का मुख्य आकर्षण होगा। जिसे अंतिम रूप देने का काम चल रहा है।

स्टेडियम लगाई गई कुर्सियां भी खास प्रकार की हैं। यहां कुर्सी लगाने का काम इंगलैंड की कंपनी ब्लू-क्यूब ने किया है। साढ़े छह हजार कुर्सियों में कुछ गद्दे वाली कुर्सियां सिर्फ अतिविशिष्ट अतिथियों के लिए होंगी। बाकी अलग-अलग रंगों की कुर्सियां दर्शक व खिलाड़ियों के लिए लगाई जाएंगी। इसके अलावा स्टेडियम में साढ़े तीन हजार ऐसी फोल्डिंग कुर्सियां लगाई जाएंगी, जिन्हें पलक झपकते ही स्टेडियम से हटाया जा सकेगा। फोल्डिंग कुर्सियां एक स्विच से ऑपरेट होंगी, जो भारत के किसी दूसरे स्टेडियम में अभी नहीं लगी हैं।[४] इस तरह की कुर्सियां फिलहाल इंगलैंड के लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड व वेंबले स्टेडियम और दक्षिण अफ्रीका और स्वीडन के चार स्टेडियमों में लगी हैं।

  • स्टेडियम का निर्माणारंभ : सितंबर २००७
  • स्टेडियम की डेड लाइन : दिसंबर २००९

चित्र दीर्घा

सन्दर्भ

  1. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  2. कॉमनवेल्थ रेस : सबसे आगे त्यागराज स्टेडियम। नवभारत टाइम्स।
  3. त्यागराज स्टेडियम की छत होगी सबसे लंबी। नवभारत टाइम्स। १७ जुलाई २००८
  4. बिजली लेगा नहीं, देगा त्यागराज स्टेडियमसाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link]। जागरण। १७ जनवरी २०१०

बाहरी कड़ियाँ