तिब्बत विवाद

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तिब्बत एशिया महाद्वीप उच्च पठारी जमीन वाला एक ऐतिहासिक क्षेत्र है।

इतिहास की कुछ घटनाएं

तिब्बत पर चीन ने कब्जा कर रखा है। वैसे तो तिब्बत सालों से या दर्शकों से कहा जाए तो विवादग्रस्त क्षेत्र है परंतु एक तथ्य यह भी सामने आता है कि चीन तिब्बत पर अपना सदियों से क़ब्जा बताता है परंतु यह कदापि भी सत्य नहीं है। चीन में 1959 में तिब्बत पर कब्जा किया था |[१]

तिब्बत एक शांत राज्य रहा है। इतिहास में यह एक शांत देश था। इसका इतिहास धर्म बौद्ध पर आधारित है। यहाँ के लोग हान बौद्ध कहलाते हैं। तिब्बत किसी जमाने में धार्मिक रूप से भारत का अभिन्न हिस्सा हुआ करता था। परंतु यहां के शांतिपूर्ण माहौल एवं धार्मिक सोच के कारण यहां पर किसी का भी कब्जा करना आसान था एवं कहते हैं की जम्मू कश्मीर से जापान वाले छोड़ तक नापा जाए तो सीधी तरफ से तकरीबन 700 किलोमीटर एवं नेपाल की ओर से फ्री ऊपरी दिशा में तकरीबन 500 किलोमीटर का तिब्बत छठ सदियों पहले हिंदुस्तानी हिस्सा हुआ करता था आज दलाई लामा ज्योति के धार्मिक गुरु है मैं कभी यहां के राजा हुआ करते थे आज हिंदुस्तान के शहर धर्मशाला में रहते हैं एवं तिब्बती सरकार जो कि सिर्फ नाम की सरकार है यह कहती है। चीन और तिब्बत कभी एक नहीं थे बस 1950 के बाद से यहां पर कब्जा किया गया था[२]

सन्दर्भ

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