डेनिश औपनिवेशिक साम्राज्य
डेनिश औपनिवेशिक साम्राज्य साँचा:lang (डेनिश) | ||||||
साम्राज्य | ||||||
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राष्ट्रिय ध्येय Ske Herrens vilje "द लॉर्ड्स विल बी डन" | ||||||
राष्ट्रगान Kong Christian stod ved højen mast "किंग क्रिश्चन स्टुड बाय द लॉफ्टी मास्ट" | ||||||
अठारहवीं शताब्दी के मध्य में अपने उत्कर्ष पर डेनिश औपनिवेशिक साम्राज्य।
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राजधानी | कोपनहेगन | |||||
भाषाएँ | राजभाषा: डेनिश क्षेत्रीय भाषाएं: नॉर्वेजियाई, जर्मन, आइसलैण्डिक, ग्रीनलैंडिक, फ़रोइस | |||||
धार्मिक समूह | लूथरवाद | |||||
शासन | राजतन्त्रसाँचा:ns0 | |||||
इतिहास | ||||||
- | स्थापित | 1536 | ||||
- | अंत | 1953 | ||||
Area | २६,५५,५६४.७६ किमी ² साँचा:nowrap | |||||
मुद्रा | स्वीडिश रिक्शेलर | |||||
आज इन देशों का हिस्सा है: |
डेनिश औपनिवेशिक साम्राज्य (डेनिश: डांसके कोलोनियर) और पूर्व डेनो-नॉर्वेजियन साम्राज्य (नार्वेजियन: डेनमार्क-नोर्गेस कोलोनियर) ये उन उपनिवेशों को दर्शाता है, जोकि डेनमार्क-नॉर्वे (1814 के बाद अकेले डेनमार्क) के पास 1536 से 1953 तक थी। इसका औपनिवेशिक साम्राज्य चार महाद्वीप (यूरोप, दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका और एशिया) पर फैला हुआ था।
कोपेनहेगन, वर्तमान डेनमार्क राजधानी, उस दौरान नॉर्वे और डेनमार्क को संयुक्त राजधानी थी। अधिकांश नॉर्वेजियाई आबादी जीविका के लिए, विश्वविद्यालय में पढ़ने, या शाही सेना में शामिल होने के लिए कोपेनहेगन में आ कर बस गये थे। अपने शीर्षकाल पर साम्राज्य का क्षेत्रफल 2,655,564.76 किमी2 था।
विवरण
अफ्रीका
डेनमार्क ने पश्चिम अफ्रीका के गोल्ड कोस्ट पर कई व्यापारिक स्टेशन और चार किलों को निर्माण किया, विशेषकर वर्तमान देश घाना के आसपास।[१]
एशिया
डेनमार्क ने 17वीं से लेकर 19वीं शताब्दी तक भारतीय उपमहाद्वीप में कई छोटे कालोनियों और व्यापार चुंगियां का निर्माण किया, जिनमें अधिकतर ब्रिटेन को बेच दिये गये या उनके द्वारा कब्जें कर लिये गये, जोकि उस समय तक वहाँ एक प्रमुख ताकत बन चुका था।
पतन
संसाधनों की कमी के कारण डेनिश औपनिवेशिक साम्राज्य का पतन हो गया। फ्रांस, ब्रिटेन और नीदरलैंड के साम्राज्यों ने जल्दी से इन उपनिवेशों का अधिग्रहण कर लिया। आखिरकार डेनमार्क ने भारत में अपने उपनिवेशों को ब्रिटेन को बेच दिया।[१]