डेटा चोरी

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डेटा चोरी करना एक प्रकार का अपराध है, जिसमें तकनीकी द्वारा डेटा चोरी में डेटाबेस सर्वर, कम्प्युटर या हाथ में पकड़े जाने वाले उपकरणों जैसे यूएसबी ड्राइव, आईपॉड, या डिजिटल कैमरा का इस्तेमाल शामिल है। आमतौर पर किसी कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों को कंपनी के कई आने वाले योजनाओं और गुप्त जानकारी, जिसमें कंपनी के कई महत्वपूर्ण जानकारी शामिल होते हैं, को अच्छी तरह जानते हैं। ऐसे में यदि वे किसी तरह उस जानकारी को कंपनी छोड़ने के बाद किसी दूसरे कंपनी को देते हैं तो उससे पहले वाली कंपनी को आर्थिक नुकसान होता है।

साइबर अपराधों के बढ़ने के साथ ही इस शब्द का इस्तेमाल मुख्य रूप से ऑनलाइन डेटा चोरी करने के मामले में किया जाने लगा है। इसमें किसी ऑनलाइन वेबसाइट या एप के जरिये साइबर अपराधी उस साइट या एप का उपयोग करने वाले लोगों की जानकारी चोरी करते हैं। इस चोरी को करने के लिए वे उस वेबसाइट या एप में प्रोग्रामिंग के दौरान हुई कोई चूंक या बग ढूँढने का काम करते हैं। एक बार उन्हें कमी मिल जाती है तो वे उससे प्राप्त होने वाले सारे डेटा को अपने पास रख लेते हैं और या तो उसे डार्क वेब में ऑनलाइन बेचने के लिए रख देते हैं या उस जानकारी का इस्तेमाल अन्य साइबर अपराध को अंजाम देने के लिए करते हैं। इन अपराधों में लोगों से ठगी, पहचान की चोरी एवं अन्य गतिविधियां शामिल हैं।

विधि

उपकरण द्वारा

उपकरण द्वारा डेटा चोरी के लिए यूएसबी में डेटा स्टोर करने वाले उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें किसी कंपनी, संस्थान या कार्यालय के स्थानीय अथवा नेटवर्क से जुड़े किसी कम्प्युटर या अन्य उपकरण द्वारा यूएसबी या सीडी या अन्य किसी मेमोरी संचित करने वाले उपकरण द्वारा बिना आधिकारिक स्वीकृति के दूसरी कॉपी बना लेना डेटा चोरी के रूप में गिना जाता है।[१]

हालांकि इस प्रक्रिया में आमतौर पर डेटा स्थानांतरित करने के स्थान पर उसकी नकल को दूसरे मेमोरी डिवाइस में संचित किया जाता है। इस तरह से जब तक उस डेटा का अनाधिकृत रूप से उपयोग न हो, या उसी समय इसका पता न चले, तब तक यह जान पाना काफी मुश्किल हो जाता है कि किसी प्रकार की डेटा चोरी हुई भी है या नहीं। इस तरह के चोरी की बढ़ती संख्या के कुछ मुख्य कारण हैं:

  • कहीं भी ले जाने वाले यूएसबी मेमोरी डिवाइस में मेमोरी स्टोर करने की क्षमता का बढ़ना,
  • ऐसे मेमोरी स्टोर करने वाले उपकरणों का सस्ते में मिलना,
  • नेटवर्क आधारित सुविधाओं का अधिक उपयोग होना और कई तरह रिमोट एक्सैस विधियों का उपलब्ध होना भी शामिल है।

डेटा लीक

डेटा लीक एक तरह के साइबर हमले का भाग है, जिसमें सुरक्षा में कमी, बग या किसी तरह की प्रोग्रामिंग करते हुए चूंक होना भी शामिल है। इसमें दुनिया के किसी कोने में बैठे साइबर अपराधी किसी सर्वर में सुरक्षा की कमी, या बग ढूँढने का काम करते हैं और यदि उन्हें इसमें सफलता मिल जाती है तो वे उस सर्वर द्वारा डेटा प्राप्त करने की कोशिश करते हैं। इसके बाद वे सारे डेटा को अपने पास रख लेते हैं और ब्लैक मार्केट में उसे बेचने के लिए रख देते हैं। इस तरह के हमलों का खुलासा मुख्य रूप से जानकारी के ऑनलाइन उपलब्ध होने के बाद ही हो पाती है।[२]

सन्दर्भ

  1. साँचा:cite web
  2. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।

बाहरी कड़ियाँ