टोकामाक

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KSTAR टोकामक
टोकामाक में चुम्बकीय क्षेत्र एवं विद्युत-धारा की स्थिति एवं दिशा

टोकामक (अंग्रेजी : TOKAMACA ; रूसी: токамак) गरम प्लाज्मा को एक निश्चित आयतन में बनाये रखने (confinement) के लिये डिजाइन की गयी एक विशेष विधि एवं संयन्त्र का नाम है। सबसे पहले इसका विकास सन् १९५० में रूस के वैज्ञानिकों ने किया था। आजकल भारत सहित जापान, रूस, फ्रांस, यूके, अमेरिका और जर्मनी में कई टोकामाक कार्यरत हैं। यह 'फ्यूजन रिएक्टर' के निर्माण के लिए जरूरी है। इसकी सहायता से छल्लाकार (toroidal) चुम्बकीय क्षेत्र निर्मित होता है।

भारत में आदित्य और एसएसटी-१ नामक दो टोकामाक गांधीनगर के प्लाज्मा अनुसंधान संस्थान में कार्यरत हैं।

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