झुमरी तिलैया

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Jhumri Tilaiya
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प्रान्तझारखंड
ज़िलाकोडरमा ज़िला
जनसंख्या (2011)
 • कुल८७,८६७
 • घनत्वसाँचा:infobox settlement/densdisp
भाषा
 • प्रचलितहिन्दी
समय मण्डलभारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30)

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झुमरी तिलैया (Jhumri Tilaiya) भारत के झारखंड राज्य के कोडरमा ज़िले में स्थित एक नगर है।[१][२]

विवरण

झुमरी तिलैया एक छोटा लेकिन मशहूर कस्‍बा है। झुमरी तिलैया को झुमरी तलैया के नाम से भी जाना जाता है। यहां की आबादी करीब 70 हजार है और स्‍थानीय निवासी मूलत: खोरठा बोलते हैं। झुमरी तलैया कोडरमा जिला मुख्‍यालय से करीब छ: किमी दूर स्थित है। झुमरी तलैया में करीब दो दर्जन स्‍कूल और कॉलेज हैं। इनमें से एक तलैया सैनिक स्‍कूल भी है।

दामोदर नदी में आने वाली विनाशकारी बाढ़ को रोकने के लिए बनाए गए तलैया बांध के कारण इसके नाम के साथ तलैया जुड़ा है। इस बांध की ऊंचाई करीब 100 फीट और लंबाई 1200 फीट है। इसका रिजरवायर करीब 36 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला हुआ है। काफी हरा-भरा क्षेत्र होने के कारण यह एक अच्‍छे पिकनिक स्‍थल के रूप में भी जाना जाता है। झरना कुंड, तलैया बांध और ध्‍वजाधारी पर्वत सहित यहां कई पर्यटन स्‍थल भी हैं। इसके अलावा राजगिर, नालंदा और हजारीबाग राष्‍ट्रीय पार्क अन्‍य नजदीकी पर्यटन स्‍थल हैं। झुमरी तलैया पहुंचने के लिए नजदीकी रेलवे स्‍टेशन कोडरमा है जो नई दिल्‍ली-कोलकाता रेलमार्ग पर स्थित है।

विविध भारती पर उल्लेख

झुमरी तलैया को अक्‍सर एक काल्‍पनिक स्‍थान समझने की भूल कर दी जाती है लेकिन इसकी ख्‍याति की प्रमुख वजह एक जमाने में यहां की अभ्रक खदानों के अलावा यहां के रेडियो प्रेमी श्रोताओं की बड़ी संख्‍या भी है। झुमरी तिलैया के रेडियो प्रेमी श्रोता विविध भारती के फरमाइशी कार्यक्रमों में सबसे ज्‍यादा चिट्ठियां लिखने के लिए जाने जाते हैं। मूलतः झुमरी तिलैया एक खनन कस्बा था, जो कि 1957 में अपने विविध भारती से संबंध के कारण प्रसिद्ध हुआ। जबकि भारत में कई सारे टीवी चैनल और एफ एम रेडियो स्टेशन शुरू ही नहीं हुए थे, विविध भारती के कार्यक्रम राष्ट्रीय आयोजन बन गये थे। विविध भारती के कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में अनुरोध झुमरी तिलैया से आया करते थे। इस कस्बे के युवा श्रोता आपस में एक प्रतियोगिता-सी किया करते थे कि एक दिन या महीने में कौन सबसे ज्यादा अनुरोध देता है। श्रोता, रामेश्वर बर्णवाल और नन्दलाल सिन्हा तो अपना नाम लगभग प्रतिदिन इस कार्यक्रम में बुलवाने में सफल रहे। इस प्रकार विविध भारती के श्रोता झुमरी तिलैया कस्बे से परिचित हो गये।

इतिहास

झुमरी तिलैया एक समय अपने अबरख के खदानों के लिये मशहुर था। 1890 में कोडरमा के आसपास रेल की पटरी बिछाने के क्रम में अबरख की खानों का पता चला, इसके आसपास से उत्तम किस्म का अबरख निकाला जाता रहा है। सी एच प्राइवेट लिमिटिड छोटु राम भदानी और होरिल राम भदानी अबरख के खानों के अग्रज थे, जिन्हे माइका किंग भी कहा गया। वे अपने समय में अभ्रक खनन व निर्यात में सबसे अधिक हिस्सा रखते थे। समृद्ध अभ्रक व्यापारियों ने झुमरी तिलैया में कई भव्य भवनों का निर्माण किया। 1960 के अंत में मर्सीडीज़ और पॉर्शे जैसी कारें झुमरी तिलैया में आम थी। झुमरी तिलैया के नाम एक समय सबसे ज्यादा फोन लाइन और फोन करने का रिकार्ड भी है। सबसे ज्यादा अबरख डोमचांच में मिलता जिसे सोवियत रूस रूस को निर्यात किया जाता था, जिसका प्रयोग वहां अंतरिक्ष और सैनिक कार्यो में होता था। 1990 के दशक में सोवियत रुस के विघटन और क्रृत्रिम अबरख की खोज होने से यहां के उधोगों को घाटा होने लगा और खदाने धीरे-धीरे बंद होने लगी।

विशाल हवेली खान मालिकों से संबंधित है, जो कई एकड़ भूमि पर फैल रहा है, अभी भी शहर में पाया जा सकता है। माइका किंग्स 2007 के रूप में झुमरी तेलैया में अभी भी सक्रिय थे। उस व्यवसाय के अलावा 1973-74 में कभी-कभी सरकारी निगमों के लिए बिहार माइका सिंडिकेट नामक सरकारी उद्यम के माध्यम से स्थानांतरित किया गया था, जिसमें सपाही में माइका खानें थीं, झुमरी तिलैया से 40 किमी दूर। इस सरकारी उद्यम का नाम बदलकर बिहार राज्य खनिज विकास निगम (बीएसएमडीसी) कर दिया गया, जिसे अब झारखंड राज्य खनिज विकास निगम (जेएसएमडीसी) (झारखंड के एक नए राज्य के गठन के बाद) के नाम से जाना जाता है। सरकारी निगमों के माध्यम से माइका खनन 1990 के दशक के मध्य में अच्छी तरह से चला गया और धीरे-धीरे मांग / राजनीतिक इच्छाशक्ति और बदलते समय की कमी के कारण गिर गया।

नाम के निहितार्थ

कुछ लोग झुमरी तिलैया के अस्तित्व पर ही शक किया करते थे और सोचते थे कि यह एक काल्पनिक कस्बा है। इस नाम का उपयोग मज़ाकिया लहजे में महत्त्वहीनता दिखाने के लिए भी किया जाता रहा है। जैसे 'मैडिकल जर्नल ऑफ़ झुमरी तिलैया' का प्रयोग प्रायः सस्ती व महत्त्वहीन मेडिकल जर्नल को जताने के लिए किया जाता है। एक तरह से झुमरी तिलैया टिम्बकटु का भारतीय समकक्ष है, जिसे भी एक काल्पनिक जगह माना जाता है। इसका उल्लेख कई हिन्दी फ़िल्मों में दिखता है। अक्सर जब झुमरी तिलैया के लोग किसी साक्षात्कार में जाते हैं तो लोग अचम्भे के साथ खुशी जाहिर करते हैं कि उनके बायोडाटा में लिखा कस्बा सचमुच इस धरती पर है। झुमरी झारखंड में एक गाँव है, जबकि तिलैया शब्द हिन्दी शब्द ताल से आया है जिसका मतलब है तालाब। ऐसा भी कहा जाता है कि झुमरी एक स्थानीय लोकनृत्य भी है। कुछ लोग यह भी मानते हैं कि इसकी उत्पत्ति झुरी से हुई है जो ब्रश के लिए स्थानीय शब्द है, जिसका प्रयोग गाँव में खाना पकाने के ईंधन के रूप में किया जाता है। एक और सिद्धान्त यह है कि झुमरी तलैया का नाम इसके दो अलग-अलग गाँवों झुमरी और तिलैया बाँध के बीच अवस्थित होने से पड़ा है।

भुगोल

झुमरी तिलैया की औसत ऊँचाई साँचा:convert है। यह कोडरमा से लगभग आठ किलोमीटर दूरी पर है। यह कस्बा पूर्वी रेलवे की ग्रांड कॉर्ड रेखा से विभाजित होता है, जो इसके बीच में से गुजरती है।

तिलैया डैम और जलाशय

तिलैय बाँध दामोदर घाटी निगम द्वारा बनाया गया पहला बाँध और जलविद्यत स्टेशन है। इस बाँध का ऐतिहासिक महत्त्व भी है कि यह स्वातन्त्र्योत्तर भारत में बनाया गया पहला बाँध है और इसका उद्घाटन तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने किया था। यह बाँध 1200 फीट लंबा और 99 फीट ऊँचा है। तिलैया जलाशय 36 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। तिलैया के आसपास कई शैक्षिक संस्थान हैं, इनमें सबसे प्रसिद्ध है- सैनिक स्कूल (आर्मी स्कूल), तिलैया। सारा क्षेत्र हरे भरे वृक्षों से घिरा हुआ है। यह पिकनिक के लिए भी एक आदर्श स्थान है। इस बाँध का मुख्य उद्देश्य बाढ़ रोकना था। यहाँ के जलविद्युत स्टेशन की क्षमता 4 मेगावाट है। झुमरी तलैया के आसपास के पर्यटन स्थल राजगीर, नालंदा और हज़ारीबाग राष्ट्रीय पार्क, सोनभंडार गुफाएँ (यहाँ मौर्य खजाने के होने की अफ़वाहें हैं), सम्मेद शिखर जैन तीर्थ, ध्वजधारी पहाड़ी, सतगवाँ पेट्रो फ़ाल्स्, संत परमहंस बाबा की समाधि, मकमरो पहाड़ियाँ और माँ चंचला देवी शक्तिपीठ हैं।

प्रशासनिक व्यवस्था

झुमरी तिलैया बिहार से अलग हुए कोडरमा जिले में अवस्थित है और इसका पिन कोड है- 825409.

यातायात

इस कस्बा का एक रेलवे स्टेशन है जिसका नाम कोडरमा रेलवे स्टेशन है। चूँकि यह स्टेशन दिल्ली हावड़ा पथ पर पड़ता है अतः बड़े शहरों जैसे दिल्ली, कलकत्ता, मुंबई, अहमदाबाद, लखनऊ, भुवनेश्वर आदि से कई ट्रेनों से जुड़ा हुआ है, जिनमें राजधानी एक्सप्रेस भी है। भारी रेलवे यातायात के कारण इसे जंक्शन में परिवर्तित किया जा रहा है। यह निकटवर्ती कस्बों-गाँवों से बसों जीपों और तिपहिया गाड़ियों से जुड़ा हुआ है। गया जंक्शन (74;कि मी), गोमो (94;कि मी) (अब सुभाष चन्द्र बोस जंक्शन) इसके निकटतम रेलवे जंक्शन हैं। बोकारो (127;कि मी) इसका एक और निकटवर्ती बड़ा रेलवे जंक्शन है। सबसे नज़दीकी विमानपत्तन राँची (झारखंड की राजधानी) है (162;कि मी)। पटना (बिहार की राजधानी) इससे 175 किलोमीटर दूर स्थित है।

राष्ट्रीय राजमार्ग 20, जो झुमरी तलैया से निकलता है, राँची-पटना रोड कहलाता है। यह ग्रांड ट्रंक रोड से 23 किलोमीटर दूर स्थित है। कोडरमा घाटी अपने यू-आकार के मोड़ों के लिए प्रसिद्ध है और जिलेबी घाटी (जलेबी घाटी) के नाम से जानी जाती है।

उद्योग-धंधे

हाल के वर्षों में तिलैया छोटे पैमाने पर उद्योगों के लिए इनक्यूबेटर बन गया था क्योंकि खनिजों तक आसान पहुंच, बेहतर राजमार्ग और रेल कनेक्टिविटी, डीवीसी सब स्टेशन की वजह से बेहतर बिजली बुनियादी ढांचा। इसके पास रिडा औद्योगिक क्षेत्र है जिसमें हाथ पंप और मीका पाउडर विनिर्माण इकाई है .तिलैया में कई स्पंज आयरन पौधों और मीका इकाइयों है। दो मेगा पावर प्लांट भी आ रहा है। एक 1000 मेगावाट बंजेदीह बिजली संयंत्र है और एक एडीएजी का 4000 मेगावाट बिजली संयंत्र है। बैंकिंग क्षेत्र में, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक इत्यादि सहित कई राष्ट्रीय और निजी बैंक उपलब्ध हैं।

इस शहर में कई होटल और रेस्तरां हैं। सेंटर स्क्वायर होटल, झंडा चौक के पास, शहर के केंद्र में स्थित है। हाल ही में इस शहर ने वेबवॉक्स के रूप में एक नया वेब सेवा प्रवेशकर्ता देखा है, इस तरह के सेवा प्रदाता उभरते हुए फॉर्म के विकास पर चिंता दिखा रहा है।

जनसंख्याकिकी

हिन्दी इस कस्बे की प्रमुख भाषा है। इसके अलावा पंजाबी, बंगाली, मारवाड़ी, मगही और अंग्रेज़ी भी यहाँ बोली जाती हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार, झुमरी तलैया में 87867 जनसंख्या थी। इनमें 53 प्रतिशत पुरुष और 47 प्रतिशत महिलाएँ हैं। यहाँ की औसत साक्षरता 62 प्रतिशत है, जो कि राष्ट्रीय औसत 59.5 प्रतिशत से अधिक है: पुरुष साक्षरता 72 प्रतिशत है और महिला साक्षरता 52 प्रतिशत है।

समाचारपत्र

प्रमुख अखबारों के कार्यालय –हिन्दुस्तान, स्वदेश टुडे, प्रभात खबर, दैनिक जागरण, रांची एक्सप्रेस, दैनिक भास्कर।

शैक्षिक-व्यवस्था

यहाँ 12 प्राथमिक विद्यालय, 8 उच्चतर विद्यालय, 5 माध्यमिक विद्यालय तथा 2 उच्चतर माध्यमिक विद्यालय और 4 डिग्री कॉलेज हैं।

विद्यालय

  • ग्रिजली विधालय : एक आईएसओ 2000: 9001 प्रमाण पत्र, सीबीएसई संबद्ध आवासीय स्कूल। दामोदर घाटी के गोद में स्थित है।
  • सरस्वती शिशु मंदिर: यह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के उप समूह के बाल भारती समिति द्वारा शासित है, और 1984 से समाज की सेवा कर रहा है।
  • सैनिक स्कूल तिलैया: यह विभिन्न भारतीय राज्यों में स्थापित सैनिक स्कूलों की श्रृंखला में 12 वीं है। यह एक लड़के-केवल आवासीय विद्यालय है और 16 सितंबर 1963 को स्थापित किया गया था। यह कक्षा VI से XII तक शिक्षा प्रदान करता है।
  • गांधी हाई स्कुल
  • रामेश्वर मोदी महादेव मोदी हाइ स्कूल चंदवारा
  • मॉडर्न पब्लिक स्कूल
  • आदर्श विद्यालय, महात्मा गांधी मार्ग
  • संत.जोसेफ स्कूल
  • पीवीएसएस डी ए वी स्कूल
  • सेक्रेड हार्ट स्कूल
  • सीडी गर्ल्स हाइ स्कूल
  • सीएच हाइ स्कूल (फाउंडेड बाइ माइका किंग्स)
  • श्री दिगंबर जैन विद्यालय
  • इंदिरा सिच्छान संस्थान

कॉलेज

  • चट्ठूराम होरिल्रम इंटरमीडिएट कॉलेज
  • जगन्नाथ जैन कॉलेज (जेजे कॉलेज)
  • झुमरीतिलैया वाणिज्य (जेटीसीसी) कॉलेज, कर्मा
  • रामगोंविद इंस्टीट्युट ऑफ टेक्नालाजी
  • राम लखन सिंह यादव कालेज, झुमरी तिलैया
  • ई-जीनियस 'कंप्यूटर वर्ल्ड', झुमरी तेलैया, कोडरमा

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. "Tourism and Its Prospects in Bihar and Jharkhand स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।," Kamal Shankar Srivastava, Sangeeta Prakashan, 2003
  2. "The district gazetteer of Jharkhand," SC Bhatt, Gyan Publishing House, 2002