झारखण्ड का इतिहास

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संथाल विद्रोह का चित्रण, इलस्ट्रेटेड लंदन न्यूज़, 1856

झारखंड का इतिहास पाषाण काल से आरंभ होता है जबसे मनुष्य के इस इलाके में रहने के प्रमाण मिलते हैं।[१] यहाँ से ताम्र पाषाण युग के ताँबे के बने उपकरण प्राप्त हुए हैं। यह क्षेत्र ईसा पूर्व दूसरी सहस्राब्दि में लौह युग में प्रवेश किया। एक स्वतंत्र भू-राजनीतिक क्षेत्र के रूप में इसकी पहचान मगध साम्राज्य की स्थापना से पूर्व की मानी जाती है।

मुग़ल काल में जहाँगीर और औरंगज़ेब के समय में यह क्षेत्र मुगलों के शासन में आया। ब्रिटिश काल में यह बंगाल रेजीडेंसी का हिस्सा रहा और बाद में बिहार राज्य का हिस्सा बना। ब्रिटिश शासन काल में यहाँ हुआ संथाल विद्रोह एक प्रमुख ऐतिहासिक घटना थी। आज़ादी के बाद इसे स्वतंत्र राज्य बनाने की माँग उठी और 2000 में इसे बिहार से अलग करके राज्य का दर्जा दिया गया।

प्राचीन इतिहास

झारखंड के कुछ स्थानों में जीवाश्म के कुछ अंश उन कलाकृतियों की ओर इशारा करते हैं जिससे यह पता चलता है कि छोटानागपुर क्षेत्र में होमो इरेकटस से होमो सिपियंस जाति में बदलाव को दर्शाता है। यहाँ पत्थर और अन्य उपकरण [२], सभ्यताओं के प्रारंभिक वर्षों से 3000 से अधिक वर्ष पहले के हैं। 6 या 7 वीं शताब्दी ई.पू. के -- महाकाव्य महाभारत युग के " कीकट " प्रदेश का उल्लेख ऋग्वेद में है जो पारसनाथ की पहाड़ियों में गिरिडीह जिले में, झारखंड में है।

यहाँ का समृद्ध, सभ्य अस्तित्व, मानव समाज और उनके सांस्कृतिक तरीके, गुफाओं में जीवित रहने के तरीके, स्मारक, चट्टानी कला में आश्रयों (पेट्रोग्राफ) के रहस्य जानना तो अभी तक शेष है।

क्या दीवार की गुफा पर डायनासोर है ? या फिर एक विशाल हाथी का पीछा शुरुआती दौर में पुरुषों द्वारा किया जा रहा है ? क्या एक प्रागैतिहासिक वृक्ष लाखों साल से पत्थर में स्थिर है ? हाँ, झारखंड के कुछ भागों में गुफा चित्र, 'पत्थर की कला' और 'शैलवर्णना' और भूवैज्ञानिक समय बीतने का भी संकेत है। प्राचीन सभ्यता में हड़प्पा की मौजूदगी का भी प्रमाण है।

झारखंड के कई जिलों में इस तरह के साईट और अवशेष हैं।

झारखंड आंदोलन

साँचा:main झारखंड आंदोलन भारत के छोटा नागपुर पठार और इसके आसपास के क्षेत्र, जिसे झारखण्ड के नाम से जाना जाता है, को अलग राज्य का दर्जा देने की माँग के साथ शुरू होने वाला एक सामाजिक-राजनीतिक आंदोलन था। इसकी शुरुआत 20 वी सदी के शुरुआत हुई। अंततः बिहार पुनर्गठन बिल के 2002 में पास होने के बाद इसे अलग राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ।[३]

सन्दर्भ

  1. साँचा:cite book
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  3. साँचा:cite web

बाहरी कड़ियाँ