ज्वालामुखी विवर
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ज्वालामुखी विवर या ज्वालामुखीय क्रेटर, किसी ज्वालामुखी के विस्फोट के कारण ज़मीन पर बना एक गोल आकार का गड्ढा होता है। आम तौर से इस गड्ढे का फर्श समतल होता है और उसमें एक छेद से पिघले पत्थर, गैस और अन्य ज्वालामुखीय पदार्थ निकलते हैं। कई दफ़ा ज्वालामुखी के अन्दर लावा से भरी हुई गुफा ख़ाली हो जाने से उसकी छत बैठ जाती है और एक विवर-नुमा गड्ढा बना देती है, पर यह विवर नहीं बल्कि एक ज्वालामुखीय कुण्ड या "कैल्डेरा" कहलाता है।
एक ज्वालामुखी क्रेटर ज्वालामुखीय वेंट के चारों ओर एक गोलाकार अवसाद है। यह वह जगह है जहां लावा, राख और चट्टान ज्वालामुखी से निकलती है। ज्यादातर स्थितियों में, ज्वालामुखी क्रेटर ज्वालामुखी के शीर्ष पर स्थित होता है।[१]
अन्य भाषाओँ में
अंग्रेज़ी में ज्वालामुखीय क्रेटर को "वॉल्कैनिक क्रेटर" (volcanic crater) कहते हैं।
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।