जॉर्ज सुदर्शन
जॉर्ज सुदर्शन | |
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जन्म |
साँचा:nowrap पल्लम, कोट्टायम जिला, त्रावणकोर राज्य (वर्तमान में केरल, भारत में) |
मृत्यु |
साँचा:nowrap[१] |
आवास | संयुक्त राज्य अमेरिका |
राष्ट्रीयता | भारत |
क्षेत्र | सैद्धान्तिक भौतिकी |
संस्थान |
टेक्सास विश्वविद्यालय, ऑस्टिन भारतीय विज्ञान संस्थान गणितीय विज्ञान संस्थान हार्वर्ड विश्वविद्यालय रोचेस्टर विश्वविद्यालय टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान |
शिक्षा |
मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज मद्रास विश्वविद्यालय रोचेस्टर विश्वविद्यालय |
डॉक्टरी सलाहकार | रॉबर्ट मर्शक |
डॉक्टरी शिष्य |
मोहम्मद असलम खान खलील नरसिंह आयंगर मुकुंद |
प्रसिद्धि |
प्रकाशिय संबद्धता और सुदर्शन-ग्लौबर निरूपण दुर्बल अन्योन्य क्रिया का वी-ए सिद्धांत टेक्योन क्वांटम शून्य प्रभाव विवृत क्वांटम निकाय प्रचक्रण-सांख्यिकी प्रमेय |
उल्लेखनीय सम्मान |
ICTP का डिराक पदक (2010) पद्म विभूषण (2007) मायोराना पदक (2006) विज्ञान पदक की तृतीय विश्व अकादमी (1985) बॉस पदक(1977) पद्म भूषण (1976) CV रमन पदक (1970) |
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एन्नाक्कल चांडी जॉर्ज सुदर्शन (साँचा:lang-ml) (ई॰ सी॰ जी॰ सुदर्शन के नाम से भी जाने जाते थे; जन्म १६ सितम्बर १९३१ - १३ मई २०१८) टेक्सास विश्वविद्यालय, ऑस्टिन में प्रोफेसर, लेखक और भारतीय वैज्ञानिक थे।
पूर्व जीवन
जॉर्ज सुदर्शन का भारत में केरल राज्य के कोट्टायम जिले के पल्लम नामक ग्राम में जन्म सैंट थॉमस क्रिस्टिंस परिवार में हुआ था।[२] एक ईसाई परिवार में पालन पोषण के बावजूद उन्होनें धर्म छोड़ कर[३] और वेदान्ती[४] बन गये तथा एक सर्वात्मवादी (सभी देवताओं को मानने वाला) बने।[५] उन्होनें धर्म छोड़ने का कारण चर्च का भगवान के प्रति दर्शन और चर्च में आध्यात्मिक अनुभव की कमी जैसे कारणों से असहमति का उल्लेख किया।[६]
उनकी प्रारम्भिक शिक्षा सीएमएस कॉलेज कोट्टायम में हुई,[७] और मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज से १९५१ में अपनी स्नातक की पढ़ाई पूर्ण की। उन्होनें १९५२ में मद्रास विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर किया। उसके बाद वे टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान संस्थान में चले गए जहाँ उन्होनें कुछ समय के लिए होमी भाभा व अन्यों के साथ कार्य किया। तत्पश्चात वे रोचेस्टर विश्वविद्यालय, न्यूयॉर्क चले गए जहाँ उन्होंने रॉबर्ट मर्शक के साथ स्नातक (पीएचडी) छात्र के रूप में कार्य किया। १९५८ में उन्होंने रोचेस्टर विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाद्धि प्राप्त की। उसके पश्चात पोस्ट डॉक्टरेट के रूप में जुलियन श्विंगर के साथ काम करने के लिए हार्वर्ड विश्वविद्यालय चले गए।
पुरस्कार
- केरल सस्त्र पुरस्कार, द स्टेट अवार्ड फॉर लाइफटाइम अकोमप्लिशमेंट्स इन साइंस, 2013.
- ICTP का दिराक पदक, 2010.
- पद्म विभूषण, भारत सरकार की ओर से दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 2007.
- मायोराना पदक, 2006.
- First Prize in Physics, Third World Academy of Sciences, 1985.
- बोस पदक, 1977.
- भारत के राष्ट्रपति द्वारा पद्म भूषण से सम्मनित, 1976.
- सी॰ वी॰ रमन, 1970.
संदर्भ-ग्रंथसूची
- Doubt and Certainty with Tony Rothman
- Classical Dynamics with N. Mukunda
- Fundamentals of Quantum Optics with John R. Klauder
- Introduction to Elementary Particle Physics with Robert Marshak
- From Classical to Quantum Mechanics: An Introduction to the Formalism, Foundations and Applications with Giampiero Esposito and Giuseppe Marmo
- Pauli and the Spin-Statistics Theorem by Ian Duck, E. C. G. Sudarshan, and Wolfgang Pauli (Jan 1998)
ये भी देखें
सन्दर्भ
- Phys. Rev. Lett. 10, 277-279 (1963)
- ↑ साँचा:cite news
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- ↑ साँचा:cite book
- ↑ साँचा:cite book
- ↑ साँचा:cite book
- ↑ साँचा:cite book
- ↑ साँचा:cite news
बाहरी कड़ियाँ
- A LOOK-BACK AT FOUR DECADES OF RESEARCH By ECG SUDARSHAN
- Seven Science Quests, Uni. Texas, Austin
- Home page with vita and publications
- Publications on ArXiv
- Collected works
- ECG Sudarshan on Keral.com
- Sudarshan's letter to Nobel Committee
- Lecture- Perspectives And Perceptions: Causality And Unpredictability